
बरौद विस्थापित परिवार एसडीएम कार्यालय घरघोड़ा एवं एस.ई.सी.एल.बरौद उपक्षेत्र कार्यालय को कर रहें हैं घेराने की तैयारी, ग्रामीणों ने कहा उच्च न्यायालय बिलासपुर सें मागेंगे अपनी संवैधानिक अधिकार
बरौद।
भारत सरकार की उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड की प्रत्यक्ष अनुषंगी कम्पनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एस ई सी एल) द्वारा कोल बेंरिग एक्ट (औघोगिक क्षेत्र) हेतु ग्राम बरौद थाना तहसील घरघोड़ा जिला रायगढ़ (छ.ग.) को विस्थापन किया जा रहा हैं जिसमें ग्राम बरौद के विस्थापित परिवारों की कई सारें समस्या हैं उक्त समस्याओं का निराकारण हेतु 21.10.2021 को अनुविभागीय अधिकारी घरघोड़ा एवं तहसीलदार घरघोड़ा एवं एस.ई.सी.एल.प्रबंधन तथा पंचायत पदाधिकारी एवं सैकड़ों ग्रामीण आमजनता के साथ द्वितीय पक्ष वर्ता कर समस्या समाधान हेतु घरघोड़ा सभागार में बैठक हुआ था समस्याओं को 30 दिवस के भीतर समाधान करने एवं मांगे पुरा करने की ग्रामीण के साथ सहमति बनी थीं जिसमें वन अधिकार पत्र प्राप्त किसानों को यथा शीघ्र प्रबधंन सें लाभ दिया जाना भूमिहीन परिवारों को पूर्नवास निति के तहत् रोजगार (नौकरी) जीवन यापन के साधन प्रदान किया जाना परिवार सर्वे में संसोधन कर लाभ दिया जाना छुटा हुआ मकान ,कुआं ,बोर ,का सर्वे कर लाभ जमीन का किस्म इत्यादि का तत्काल सर्वे कर लाभ दिया जावे ,खदान का विस्तार गांव की ओर ना किया जावें अन्य जगह मकान बनाने हेतु समय जाना ,एस.ई.सी.एल. रायगढ़ मुख्यालय सें ग्राम पंचायत बरौद द्वारा दस्तावेज मांगी गई हैं उसें तत्काल दिया जावें ,भू- प्रभावितों को मकान तोडऩे का नोटिस एस.ई.सी.एल.प्रबधंन द्वारा जारी ना किया जावें , ग्राम बरौद आबादी भूमि पर बसा हैं और आबादी पट्टा को (राजस्व घरघोड़ा ) द्वारा रोक कर रखा गया था उसें देने की सहमति बनीं थी लेकिन आज दिनांक तक नहीं दिया गया हैं आबादी पट्टे पर उच्च न्यायालय बिलासपुर को यचिका लगा दी गई हैं बरौद विस्तार परियोजना में गांव के आस पास माईस खोलने सें पर्यावरण प्रदूषण ,पानी लेबल कम होना ,ग्रामीण रोड़ बंद करना ,तेज ब्लास्टिंग सें पत्थर घरों तक आना तथा चारों तरफ कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं इन सभीं समस्याओं पर ध्यान में रखते हुयें कार्य किया करना ग्राम बरौद को विस्थापन एवं पुर्नबसाहट के विस्थापित परिवारों को एक्ट 2013 लागू किया जावें ग्राम बरौद जब तक विस्थापित नहीं हो जाता तब तक ग्राम की छोटी छोटी मूलभूत समस्याओं को प्रबंधन द्वारा ध्यान में रखा जावें ग्राम बरौद के भूमि सम्बंधित 02 रोजगार पात्रों को मेडिकल अनफिट किया गया हैं जिसें A , B एवं C में लिया जा कर तत्काल नियुक्ति पत्र दिया जावें तथा 16 घर बहलाडिपा को बिना नौकरी ,पुर्नवास भूमि मुआवजा दियें उनकें घरों को प्रोजेक्ट में समिल किया गया हैं उसें तत्काल निरस्त किया जावें । तथा अन्य पंचायत पंचायत प्रस्तवित समस्याओं को समाधान करने पर सहमति बनीं थी लेकिन किसीं प्रकार की कार्यवाही आज तक प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया हैं जिसकी सूचना जिला पुर्नवास समिति अध्यक्ष कलेक्टर रायगढ़ को भी दिया गया था । ग्रामीण एस.ई.सी.एल.के खिलाफ बहुत अक्रोशित हैं ग्रामीण को आन्दोलन / उच्च न्यायालय के में जा कर सविधनिक लाभ के लिए प्रबधंन द्वारा मजबूर किया जा रहा हैं ।
शौकीलाल मंहत को भी मुआवजा एवं अन्य लाभ देने की आवाज उठी
शौकीलाल लाल पिता स्व.धरमदयाल महंत का भूमि कोल बेंरिग एक्ट हेतु अर्जन किया गया हैं जो की शौकीलाल लाल महंत ग्राम बरौद के कोटवार पद पर पदस्थ हैं उक्त भूमि पर पूर्वधिकार परदादा अमरदास पिता बैगा बरौद के चौकीदार थें जिन्हें तत्कालीन मालगुजार गौटिया द्वारा भूमि प्रदान किया गया था जिसका क्रमशः खसरा नम्बर 188/1ख ,314/1ख समिल 444, 660/2 700/768 रकबा क्रमशः 0 437,0.729, 2.023 0.206 0.796 हैं कुल खसरा 05 कुल रकबा 4.191 एकड में कुल भूमि 10.40 वर्णित भू – खण्ड को अमरदास परदादा अपने जीवन पर्यन्त कब्जा कस्ता कियें उसके पिता ……..जी के मौत होने के बाद शौकीलाल ग्राम बरौद का कोटवार बना और लगातार पिढ़ी दर पीढ़ी इस भूमि पर कब्जा करतें आ रहें हैं ।और वर्तमान में भी (कोटवार ) शौकीलाल लाल महंत का कब्जा हैं जिसमें फसल लगा हुआ हैं । जिसकी भूमिस्वामी का भूमिस्वामी मालिकाना हक वर्ष 2006 तथा पट्टा प्राप्त दिनांक 12.07.2006 हैं ।जिसें कोल बेरिंग एक्ट हेतु अधिग्रहण किया गया
कोटवार शौकीलाल महन्त की अर्जन भूमि का मुआवजा एवं रोजगार तथा अन्य लाभ ना देना जिस पर उनकें परिवार की अपूर्णाय क्षति हैं । यहा बात भी ग्रामवासियों द्वारा उठाया जा रहा हैं की ग्राम में एक अन्य कोटवार को मुआवजा राशि एस.ई.सी.एल द्वारा प्रदाय किया जा चूका हैं ।अब देखना होगा की (SECL) शौकी लाल महंत की निजी भूमि का मुआवजा कब तक भुगतान कर अन्य लाभ देतें हैं ।