
छग के इस संवेदनशील IAS ने इन 8 बच्चों को दिया नववर्ष का अनूठा तोहफा….
छग के बेहद ही संवेदनशील IAS व बिलासपुर संभाग कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने नए वर्ष का तोहफा ऐसे बच्चों को दिया है जिन पर अमूमन किसी का ध्यान नही जाता है। कमिश्नर IAS डॉ. संजय अलंग की पहल पर जेल परिसर में रहने वाले 8 बच्चों को प्रतिष्ठित स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया है। इनमें चार बालक व चार बालिकायें हैं, जिनकी उम्र 6 से 13 वर्ष है।

दरअसल कमिश्नर डॉ. अलंग ने बिलासपुर में कलेक्टर रहने के दौरान जेल परिसर में कैदियों के साथ रहने वाले बच्चों को अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाने की पहल शुरू की थी। वे हर वर्ष प्रयास करते हैं कि जेल में बंद अपने पालक के साथ रहने वाले बच्चों को समाज की मुख्य धारा में लाया जाये। इसी कड़ी में उनके प्रयास से आठ बच्चों को इस वर्ष अच्छे स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिला है।
ज्ञात हो कि सजायाफ्ता कैदियों के बच्चे जिनकी उम्र 6 वर्ष से अधिक हो जाती है उनका पालन पोषण जेल परिसर में स्थापित मुक्ताकाश में किया जाता है।
डॉ. अलंग की पहल पर छत्तीसगढ़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलासपुर में पढ़ने वाले 13 वर्षीय एक बालक को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है। इसी तरह शिवाजी राव प्राथमिक शाला इमलीपारा बिलासपुर में कक्षा 5वीं के 11 वर्षीय बालक, कक्षा तीसरी के 7 वर्षीय बालक, कक्षा पहली के 6 वर्ष के बालक, कक्षा चौथी की 8 वर्षीय बालिका व कक्षा पांचवीं की 9 वर्षीय बालिका को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है। मुक्ताकाश में ही रह रही 13 व 14 वर्षीय दो बालिकाएं जो देवकीनंदन उच्चतर माध्यमिक शाला में पढ़ रही थीं, वे भी अब बर्जेश हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ेंगीं।
बच्चों के माता-पिता कमिश्नर डॉ. अलंग की पहल से भारी खुश है। उन्हें उम्मीद है कि अब उनके बच्चे भी समाज की मुख्य धारा से जुड़ समाज मे अपना नाम रोशन करेंगे।
ज्ञात हो कि सजायाफ्ता कैदियों के बच्चे जिनकी उम्र 6 वर्ष से अधिक हो जाती है उनका पालन पोषण जेल परिसर में स्थापित मुक्ताकाश में किया जाता है।
डॉ. अलंग की पहल पर छत्तीसगढ़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलासपुर में पढ़ने वाले 13 वर्षीय एक बालक को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है। इसी तरह शिवाजी राव प्राथमिक शाला इमलीपारा बिलासपुर में कक्षा 5वीं के 11 वर्षीय बालक, कक्षा तीसरी के 7 वर्षीय बालक, कक्षा पहली के 6 वर्ष के बालक, कक्षा चौथी की 8 वर्षीय बालिका व कक्षा पांचवीं की 9 वर्षीय बालिका को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है। मुक्ताकाश में ही रह रही 13 व 14 वर्षीय दो बालिकाएं जो देवकीनंदन उच्चतर माध्यमिक शाला में पढ़ रही थीं, वे भी अब बर्जेश हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ेंगीं।
बच्चों के माता-पिता कमिश्नर डॉ. अलंग की पहल से भारी खुश है। उन्हें उम्मीद है कि अब उनके बच्चे भी समाज की मुख्य धारा से जुड़ समाज मे अपना नाम रोशन करेंगे।