शिक्षक के संघर्ष की वास्तविक कहानी हिमोलिम्फ द इनविजिबल ब्लड फ़िल्म की खासियत ये है कि मुंबई ट्रेन बम विस्फोट के साथ शुरू होती है …. फिर एक शिक्षक होता है गिरफ्तार और फिर शुरू होती है …देश भर में होगी 27 मई को रिलीज
प्रमोशन पर 23 मई को आऐंगे मशहूर कव्वाल मुज्ताबा अजीज नाजा
रायपुर । नवोदित निर्देशक सुदर्शन गामारे अपनी हिन्दी फिल्म हीमोलिम्फ द इनविजिबल ब्लड के साथ डेब्यू कर रहे हैं। गामारे ने इस फिल्म में एक शिक्षक के संघर्ष की वास्तवकिता को परोसा है, जिसकी कहानी 11 जुलाई 2006 से मुंबई ट्रेन बम विस्फोट के साथ शुरू होती है। शिक्षा का मशाल थामें, नई पीढिय़ों का ज्ञान बांटने वाले एक शिक्षक वाहिद शेख की मुंबई घटना के बाद गिरफ्तारी होती है, और उस पर कई धाराएं लगती है, जिसके बाद फिल्म की कहानी ट्रेक पकड़ती है और शिक्षक वाहिद के हिरासत में लेने के पश्चात उनके परिवार वालों का संघर्ष भी शुरू होता है। जिसके बाद स्वयं को निर्दोष साबित करने करने जद्वोजहद के बाद आखिर सच्चाई की ही जीत होती है। फिल्म हीमोलिम्फ इसी ताने-बाने के बीच बुनी गई एक सच्ची कहानी है। फिल्म में नाहिद शेख की भूमिका रायपुर के रियाज अनवर ने निभाया है। मुज्तबा अजीज नाजा ने बैंक गाऊंड स्कोर दिया है। डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी रोशन राजन मापुस्कर का है और संपादन एचएम ने किया है। यह फिल्म 27 मई को संपूर्ण भारत में लगभग दो सौ सेंटर में एक साथ रिलीज होगी। फिल्म का एक प्रमोशन 23 मई को रायपुर,होटल वेनिंगटन होटल में रखा गया है। इस अवसर मशहूर कव्वाल मुज्ताबा अजीज नाजा अपनी प्रस्तुति देंगे। प्रीमियर शो स्थानीय पीवीआर मैंग्रेटो मॉल में आयोजित है। फिल्म के डायरेक्टर सुदर्शन गामारे ने बताया कि फिल्म को वास्तविक रखने का प्रयास किया गया है, इसके लिए वे नाहिद शेख को जिस जेल में रखा गया था उसका सेट बनाकर मुंबई आर्थर रोड जेल से लेकर कोल्हापुर में अंडा सेल तक का रिक्रिएट कर एक शिक्षक के संघर्ष की सच्चाई को दिखाया गया है।
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