
रावण का टेंशन या रावण को टेंशन::राम के बाद सियासत रावण पर अटकी::विवाद को देख रावण दहन की परमिशन हुई कैंसिल…
अनूप बड़ेरिया
अभी तक भगवान राम के नाम पर सियासत किए जाने के आरोप प्रत्यारोप की खबरें लगातार वर्षों से मीडिया में आती रही हैं।लेकिन हिंदुस्तान में पहली बार ऐसा हुआ है कि रावण के नाम पर सियासत आरंभ हुई है.. अब ऐसा लग रहा है कि नेताओं में रावण का टेंशन है या अब रावण को नेताओं का टेंशन है कि इस विवाद में दशहरा में मेरा दहन होगा या नहीं और होगा तो कांग्रेस करेगी या भाजपा… दरअसल बैकुंठपुर में रावण दहन की अनुमति को लेकर जहां कथित रूप से भाजपा समर्थित कोरिया सर्व विकास समिति व कांग्रेस समर्थित स्वर्गीय रामचंद्र सिंहदेव स्पोर्ट्स सोसाइटी को लेकर पेच फंसा और जिला प्रशासन ने आखिरकार 12 सालों से रावण का दहन कर रहे कोरिया सर्व विकास मंच को रावण दहन की अनुमति ना देकर स्वर्गीय रामचंद्र सिंहदेव स्पोर्ट्स सोसाइटी को रावण दहन की अनुमति 5 अक्टूबर दशहरा के दिन रामानुज मिनी स्टेडियम में किए जाने की अनुमति दे दी। इसके बाद कहीं और रावण दहन की अनुमति नहीं मिलने के बाद कोरिअर सर्विस समिति ने इस वर्ष रावण दहन के कार्यक्रम से अपने पैर वापस खींच लिए।

लेकिन रावण दहन कि यह आग विवाद के रूप में नगर पालिका शिवपुर चर्चा जा पहुंची जहां पिछले कई वर्षों से दशहरा के दिन रावण दहन का आयोजन करने वाली रावण दहन समिति ने एसईसीएल से कर्मवीर स्टेडियम में रावण दहन की अनुमति मांगी तो वही कांग्रेस की नगर पालिका अध्यक्ष लालमुनि यादव ने भी रावण दहन की अनुमति मांगी। इसके बाद एसईसीएल द्वारा दो बार अलग-अलग आदेश जारी करने के बाद बढ़ते विवाद को देखते हुए इस पूरे मामले से तौबा करते हुए रावण दहन के आयोजन को ही कई कारणों का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया। इसका मतलब यह हुआ कि नगर पालिका क्षेत्र शिवपुर चरचा में ना अब भाजपा समर्थित समिति और ना ही कांग्रेस समर्थित समिति रावण दहन कर पाएगी। जाहिर है कि धार्मिक सौहार्द के वातावरण में इस तरह के आयोजन के रद्द होने से आम जनमानस के मानसिक पटल पर किस कदर असर पड़ेगा। यह आगामी दिनों में देखने को अवश्य मिलेगा। कुल मिलाकर रावण के नाम पर हो रही राजनीति की निंदा चंहुओर होने लगी है।