
हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन का जन संगठनों ने किया समर्थन, कोयला उत्खनन बंद करने की मांग रायगढ़ के इस जगह पर किया प्रदर्शन और कहा ……
रायगढ़।
जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा रायगढ़ के सचिव वासुदेव शर्मा ट्रेड यूनियन काउंसिल रायगढ़ के उपाध्यक्ष शेख कलीमुल्लाह ने बताया कि हसदेव अरण्य मैं कोयला खनन मंजूरी के खिलाफ जन संगठन लामबंद हो रहे हैं। प्रदेश व देश के विभिन्न नगर ,महानगर में हसदेव बचाओ संघर्ष मोर्चा के समर्थन में जन संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। यही नहीं विश्व के कई देशों में व्यापक पर्यावरण क्षति को देखते हुए हसदेव अरण्य बचाने की मुहिम चल रही है। दिनांक 30 5 2022 को अंबिकापुर जिले स्थित परसा कोल के लिए एक बार फिर हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है ।पुलिस फोर्स की मौजूदगी में 50-60 पेड़ काट दिए गए। इसके बाद ग्रामीण विरोध में उतार आए और नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों के रुख को देखते हुए कटाई बंद करनी पड़ी। घटना की गूंज रायगढ़ में भी सुनाई पड़ी। दिनांक 3105 2022 को रायगढ़ के सामाजिक जन संगठनों द्वारा स्थानीय गांधी प्रतिमा के सामने ,हसदेव बचाओ पर्यावरण बचाओ, हसदेव बचाओ प्रकृति बचाओ, ,अंधाधुन औद्योगीकरण की नीति नहीं चलेगी, हसदेव बचाओ मानव जीवन की रक्षा करो, हसदेव बचाओ विनाश रोको, पर्यावरण की रक्षा करनी होगी, हसदेव अरण्य के जीव जंतु की रक्षा करो, हसदेव अरण्य में कोल आवंटन रद्द करो आदि पोस्टर के माध्यम से हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए जोरदार नारेबाजी की गई और समवेत स्वर मे कोयला उत्खनन पर तत्काल रोक लगाते हुए कोल आवंटन को निरस्त करने की मांग की गई।
कार्यक्रम में जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के सचिव साथी वासुदेव शर्मा, साथी गणेश मिश्रा, साथी तपन बनर्जी साथी भुनेश्वर यादव, संयुक्त किसान मोर्चा के साथी मदन पटेल ट्रेड यूनियन काउंसिल के उपाध्यक्ष शेख कलीमुल्लाह कोषाध्यक्ष सुनील मेघवाल, साथी अगस्तुस एक्का, साथी प्रवीण तंबोली साथी संजय यादव साथी रंका मणि बारिक साथी रवि गुप्ता साथी वेद प्रकाश अजगले साथी ओमप्रकाश डनसेना रायगढ़ इप्टा के साथी भरत निषाद प्रगतिशील लेखक संघ के साथी संतोष पैकरा ऑल इंडिया शांति एकता संगठन के आर पी चौहान मन्नूलाल पैकरा मेघनाथ पैकरा, राजेंद्र मिश्रा आदि साथी उपस्थित थे। वक्ताओं ने बताया कि हसदेव अरण्य के निवासी हसदेव मैं खदान खोलने का 2019 से विरोध कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। इस पर शासन द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा हसदेव अरण्य से राजधानी रायपुर तक 300 किलोमीटर की पदयात्रा निकालकर राज्यपाल से कोल आवंटन निरस्त करने की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन इनकी मांग अनसुनी की गई है । हसदेव अरण्य क्षेत्र में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादक निगम लिमिटेड के लिए अदानी ग्रुप कोयला माइनिंग करेगी और हसदेव अरण्य का 12 सौ हेक्टेयर रकबा खदान में जा रही है। यहां पर स्थित 841 हेक्टेयर जंगल साफ हो जाएगा। हजारों नागरिक विस्थापित होंगे। पर्यावरण का काफी नुकसान होगा और इसका दुष्परिणाम पूरे मानव जाति को भुगतना होगा। वक्ताओं ने हसदेव बचाओ आंदोलन का समर्थन करते हुए छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से तत्काल कोल आवंटन रद्द करने की मांग की है।