♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

सकारात्मक और प्रेरणादायक खबरों से पत्रकार कर सकते हैं सामाजिक उत्थान- कमल दीक्षित…. पॉजिटिव सोच के साथ करें काम…विद्या कुमारी…ब्रह्माकुमारीज़ में मीडिया सेमीनार संपन्न….

सकारात्मक और प्रेरणादायक खबरों से पत्रकार कर सकते हैं सामाजिक उत्थान- कमल दीक्षित…. पॉजिटिव सोच के साथ करें काम…विद्या कुमारी…ब्रह्माकुमारीज़ में मीडिया सेमीनार संपन्न….
 
अनूप बड़ेरिया
 प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं राजयोगा एजुकेशन एंड  रिसर्च फाउंडेशन के मीडिया प्रभाग द्वारा  बैकुंठपुर महलपारा के  ”स्वर्णिम समाज के विकास में मीडिया की भूमिका विषय” पर मीडिया सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राजी खुशी पत्रिका के संपादक एवं मूल्यानुगत अभिक्रम समिति के अध्यक्ष कमल दीक्षित ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज आर्थिक विकास के साथ संतुष्टि खुशी और आनंद जीवन से गायब हो गई है संसाधन बढ़ने के कारण संतुष्टता में कमी आई है। शिक्षा स्वास्थ्य बेहतर होने से समाज और देश का विकास होता है । सारी दुनिया खुशी और हैप्पीनेस की तलाश मैं भटक रही है। वर्तमान समय में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। मैं तेरे से आगे बढ़ जाऊं यह आगे बढ़ने के भाव के कारण सामाजिक मूल्यों में तेजी से कमी आ रही है। 
 
उन्होंने कहा आज परीक्षा खेल ,नौकरी सभी में प्रतिस्पर्धा है। मैं मेरे पड़ोसी से श्रेष्ठ यह कंपटीशन रहती है। मनोवैज्ञानिकों का प्रयोग है कि नई पीढ़ी खासकर युवा वर्ग में क्रोध व्यसन नशीली दवाइयों का प्रयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। बच्चों में प्रेम का अभाव लोगों मे नफरत द्वंद, संघर्ष पैदा कर रहा है। पानी पहले बिकता नहीं था पर आज यह सबसे बड़ा उद्योग बन गया है पानी को पहली बार बेचने पर मीडिया चुप रहा। एक दूसरे पर दोषारोपण के बजाय गहराई से गंभीरता से हमें समाज को अच्छा बनाना है एक दूसरे के लिए प्रेम दया रखनी है। 1975 आजादी के बाद देश का विकास निस्वार्थ भाव से मीडिया ने किया जिसमें सरकार का सहयोग भी रहता था पर 1976 से व्यक्ति धीरे-धीरे कार्यकर्ता के रूप में परिवर्तित हो गया समाज को बनाने की भूमिका के बजाय व्यवसायीकरण होकर दूसरे लोगों को सौंप दिया गया । मीडिया सन 2000 के बाद मीडिया एक कवच के रूप में प्रारंभ हुआ पत्रकारिता काल्पनिक बातों पर नहीं तथ्यों पर आधारित होती है । रिपोर्टर की बातों को पहले गंभीरता से लिया जाता था।
कमल दीक्षित ने कहा बाजारवाद ने पत्रकारिता के मूल्यों को प्रभावित किया है दुनिया में सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले व्यवसाय में से एक मीडिया है। मूल्यों से समाज से सरोकार नहीं आज मुनाफे से सरोकार है मीडिया को। ऐसा नहीं है कि मीडिया पूरी तरह से निष्फल है कई ऐसे उदाहरण है जिसमें मीडिया के द्वारा समाज में परिवर्तन व्यक्तियों के जीवन में बदलाव शिक्षा आदि में सहयोग मिला है मीडिया द्वारा। जहां मीडिया की संवेदनशीलता का कमाल है। लार्जेस्ट सरकुलेशन में सोशल मीडिया सबसे आगे हैं यदि हम सब इस मीडिया का प्रयोग डिप्रेशन निराशा को हटाने में करें। पत्रकार चाहे तो मूल्य आधारित समाज की पुनर्स्थापना कर सकता है आज रोबोट भी पत्रकारिता करते हैं पर उनके पास सोच नजरिया दृष्टिकोण नहीं होगा संवेदनाएं नहीं होंगी।
 
उन्होंने  उपस्थित सभी मीडिया बंधुओं को 6 महीने के लिए एक प्रयोग करने के लिए कहा लोगों की मदद सकारात्मकता खुशी को फैलाना है हम बदलेंगे हमारे विचार बदलेंगे तो हमारी पत्रकारिता से समाज बदलेगा मूल्यों के विपरीत मानवीय मूल्य की संरचना को बदलना होगा आज पिछले 3 दिन से सभी टीवी चैनलों में एक ही खबर है क्या बाकी देश में कुछ नहीं हो रहा है क्या ?  नेगेटिव खबरें ज्यादा पढ़ी जाती है यह एक भ्रांति है पर पॉजिटिव न्यूज़ में प्रेरणा होती है उसे भी लोग पढ़ते हैं और उसका प्रकाश फैलता है अनेकों के जीवन में। एक व्यक्ति ने कुछ सकारात्मक शुरू किया तो धीरे-धीरे उसका अनुसरण पूरा शहर करता है।
 सर्वप्रथम उपस्थित अतिथियों एवं मीडिया सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहीं ब्रम्हाकुमारी रूपा बहन ने दीप प्रज्वलन के उपलक्ष में कहा कि हम ज्योत से ज्योत जगा कर उस महा ज्योति परमात्मा को प्रत्यक्ष कर सकते हैं अपनी कलम द्वारा।
 
 अंबिकापुर से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने अध्यात्म का अर्थ बताते हुए कहा कि अपनी शक्तियों को पहचानने का माध्यम है आध्यात्मिकता।
 आप सभी मूल्यों को लोगों तक पहुंचाते हैं। मीडिया आध्यात्मिक सामाजिक मूल्यनिष्ट समाज बनाने के लिए एक बहुत बड़ा माध्यम है। आप पूरे विश्व में मूल्यों की अलख जगा सकते हैं यदि हम खुद के जीवन में मूल्य धारण कर दूसरों को सुनाएंगे तो वह भी मूल्य धारण कर अपना जीवन परिवर्तन करेगा। चाहे कुछ भी हो जाए विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक विचारों के साथ रहना है हमें । आज 85% बीमारियों का कारण मानसिक तनाव है विचारों को शुद्ध और सकारात्मक बनाने का माध्यम है राजयोग। सभी मीडिया सदस्यों को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करा कर शांति की अनुभूति कराया गया। मन के अंदर असीम शक्तियां है जिसे हम राजयोग  द्वारा जागृत करते हैं। 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close