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कर्मचारियों के भरोसे पर खरा नहीं उतरा भरोसे का बजट ……. ..छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के भरोसा पाने में …… छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के शेख कलीमुल्लाह ने कहा कि ….पढ़े पूरी खबर

 

रायगढ़ ।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला शाखा रायगढ़ के संयोजक शेख कलीमुल्लाह ने कहा कि, छत्तीसगढ़ शासन का बजट 2023 जिसे मुख्यमंत्री ने” भरोसे का बजट” प्रचारित किया था, छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के भरोसा पाने में असफल रहा । छत्तीसगढ़ कांग्रेस जन घोषणा पत्र मैं उल्लेखित वादे भी बजट प्रावधान से नदारद रहे। भूपेश है तो भरोसा है, नारे पर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों ने भरोसा करते हुए 4 साल गुजारा लेकिन भूपेश सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में प्रस्तुत बजट ने उनका भरोसा तोड़ दिया। कांग्रेस जन घोषणा पत्र में ” शासकीय कर्मचारियों को सम्मान” शीर्षक से उल्लेखित किया गया था समस्त तृतीय चतुर्थ वर्ग एवं शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति ,पदोन्नति एवं चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान लागू किया जाएगा संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को रिक्त पदों में नियमितीकरण की कार्रवाई की जाएगी एवं किसी की छटनी नहीं की जाएगी। शिक्षाकर्मियों की 2 वर्ष सेवा पूर्ण करने पर नियमित किया जाएगा। बजट में ना तो चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान, ना ही अनियमित संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण के लिए कोई घोषणा है। भरोसे का बजट कर्मचारियों का भरोसा जीतने में नाकाम रही है। बजट से अलग हटकर कर्मचारी मुद्दों पर भूपेश सरकार की संवेदनशीलता की बात की जाए तब भी सरकार की उदासीनता सामने आती है। भूपेश सरकार ने अपनी ताजपोशी के बाद जन घोषणा पत्र को लेकर बड़ा बयान दिया था कि पहला साल किसानों का है दूसरा साल कर्मचारियों का रहेगा यह बयान भी जुमला बाजी सिद्ध हो रहा है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के 14 सूत्री मांग में से अनेक मांगों की पूर्ति नहीं हुई हैl छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश के लिपिक सहित सभी कर्मचारियों संवर्ग के वेतन विसंगति के निराकरण के गठित” पिंगुआ समिति ” की रिपोर्ट जारी करने एवं उस का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, केंद्र के समान महंगाई भत्ता एवं गृह भाड़ा भत्ता दिए जाने , चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान जैसे मुद्दों को लेकर विगत 3 मार्च को ज्ञापन मुख्यमंत्री को दिया है तथा मांग पूरा नहीं होने पर 18 मार्च को रायपुर मैं धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। यह अप्रिय स्थिति कर्मचारी मुद्दों पर सरकार की उदासीनता का प्रतीक है। हम आशा करते हैं कि सरकार संवाद करेगी और छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों जायज मांगों को पूरा करेगी।*

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