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गौठान निर्माण में धांधली… दो दिन में ही ईटों की खरीदी के बिलों में भारी अंतर…सरपंच-सचिव कर रहे खुलेआम भ्रष्टाचार…

गौठान निर्माण में धांधली… दो दिन में ही ईटों की खरीदी के बिलों में भारी अंतर…सरपंच-सचिव कर रहे खुलेआम भ्रष्टाचार…

 
 
मरवाही से दया सिंह
सरकार की महत्वपूर्ण योजना नरवा घुरवा अउ बारी जिसका खूब प्रचार भी किया गया। इस योजना के शुरुवात में तो बड़े बड़े अधिकारी अपनी सक्रियता दिखाई लेकिन हर योजना जैसे ये भी भ्रस्टाचार के भेंट चढ़ गया ,कई गौठान के निर्माण कार्य मे भ्रस्टाचार होने की खबर आती रहती  है अब फिर से नया मामला मरवाही के ग्राम पंचायत मंगुरदा आया है  गोठान निर्माण कार्य में भारी अनियमितता देखी जा रही, साथ ही काम का स्तर भी जांच का इंतजार कर रही,और सचिव ज्योति गुप्ता का उदासीन रवैया पंचायत के विकास में बाधा बनी दिख रही।पंचायत के समग्र विकास के लिए सरकार द्वारा योजनाएं तो चलाई जाती हैं,पर उसको सुचारू रूप से करने व बेहतर परिणाम के साथ कार्य को पूरा कराने शासन ने पंचायतों में कर्मचारी नियुक्त कर रखा है, पर वह कर्मचारी अगर अपना काम सही ढंग से ना करें तो विकास की बयार पंचायत से उल्टी बहने लगेगी। 
अपने पंचायत में ऊपर से दिख रही भ्रष्टाचार की सही जानकारी लेने गांव के ही रमजान खान में सूचना का अधिकार लगाया सूचना के अधिकार में मिली जानकारी से पंचायत में हो रही हो झोल दिखने लगी पंचायत कार्यों के आधार पर चल रही बंदरबांट इन कागजातों में साफ नजर आ रही।
 
जानकारी जुटाने से प्राप्त कागजातों के अनुसार बिलो में एक ही समान के दामों का फर्क देखने को मिला जो काफी बड़ा था, 29.05 2019 को ईट 5000 की दर से ली गई,वहीं ठीक एक दिन बाद 30.05 2019 को ईट 2000 की दर से खरीदी गई, जबकि ईट लेने वाले दोनों गांव की दूरी इतनी ज्यादा नहीं थी। किसी समान चीजों के दाम में इतना बड़ा फर्क शासकीय पैसों का दुरुपयोग नहीं तो और क्या है। साथ ही इस क्षेत्र में जुताई का कार्य प्रतिघंटा 700 निर्धारित है वही गौठान कार्य में जुताई प्रतिघंटा 1000 के दाम से बिल पेश की गई।
ग्राम पंचायत में मगुरदा सरपंच सचिव द्वारा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने की जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर जानकारी जुटाने पर यह बात सामने आई कि सचिव महोदया अपने ही पति सुनील कुमार गुप्ता को लाभ दे रही सप्लायर के नाम पर उनके लिए लाखों रुपए का बिल काटा गया।
गौठान में हुई मनरेगा काम में लोगों की फर्जी हाजिरी का मामला सामने आया तो इस पर जानकारी जुटाई गई जिससे यह सामने आया कि लोगों के नाम से फर्जी हाजिरी भर पैसे हरण किए गये ग्रामीण ललिता इस बात से सीधे मुकर गई कि उन्होंने कभी गठन कार्य में हिस्सा लिया जबकि कार्य की हाजिरी में इनका नाम साफ तौर पर उल्लेखित है।
पंचायत सचिव ज्योति गुप्ता से बात करने पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया
 
जनपद सीईओ महेश यादव का कहना है कि तथ्यों पर जांच का आदेश दे चुका हूं ,अगर सही पाया गया तो कारवाही की जाएगी।
               प्रदेश में ऐसा मामला लगभग रोज ही देखने को मिलता है लेकिन बहुत कम ही ऐसा होता है कि दोषियों पर कार्यवाही हो , जिसकी वजह से कर्मचारी /अधिकारी बेखौफ होकर भ्रस्टाचार करते हैं , कार्यवाही न होना प्रसासन की मजबूरी समझा जाये या मिली भगत फिलहाल तो ये देखना होगा कि इस मामले में क्या होता है।

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