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राजनीति गलियारों में मची हाय तौबा … रायगढ़ जिले के खरसिया और धरमजयगढ़ में भाजपा के प्रत्याशी घोषित सोसल मीडिया से लेकर … बैठकी में चर्चाओं का दौर शुरू ….कौन बनेगा किंगमेकर किसे मिलेगी वाक ओवर ….. प्रत्याशी ने कहा जो रणनीति बनेगी वह होगी कारगर और मिलेगी जीत

रायगढ़

जिले के दो विधान सभा में भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है । एक सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली खरसिया और दूसरी आदिवासी बाहुल्य धरमजयगढ़ विधान सभा में पत्ते खोल दिए हैं। और इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है भाजपा प्रदेश में तेजी से अपनी रणनीति बना रही है राष्ट्रीय स्तर के बड़े बता लगातार प्रदेश में आना जाना और रणनीति पर काम कर रहे हैं।

खरसिया से भाजपा ने महेश साहू को अंततः प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है वहीं धरमजयगढ़ विधान सभा से हरिश्चंद्र राठिया को मैदान में उतार दिया है। खरसिया विधान सभा से चुनाव लड़ने महेश साहू इस बार आरंभ से ही कमर कस लिया था। लगातार वे क्षेत्र में सक्रिय रहे और भाजपा से दावेदारी भी करते रहे। महेश साहू महेश साहू खरसिया विधानसभा से चुनाव लड़ने के पूरे मूड में वह यही वजह है कि वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे और जनता जनार्दन के बीच रहते हुए चुनावी समीकरण तैयार करने में जुटे रहे हालांकि प्रयास लगाया जा रहा था कि भाजपा इस बार फिर से ओपी चौधरी को प्रत्याशी बनाएगी लेकिन अचानक से प्रदेश के 21 विधानसभाओं के प्रत्याशी घोषित कर खलबली मचा दी है। खरसिया से महेश साहू और धरमजयगढ़ से हरिश्चंद्र राठिया को बतौर प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद समर्थकों मेंखुशी का माहौल बन गया है। हालाकि भाजपा के इस पत्र को अभी तक कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं सोशल मीडिया में जारी सूची को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। महेश साहू खरसिया से चुनाव लड़ने अपनी दावेदारी भी मजबूती के साथ करते चले आ रहे थे महेश साहू की दावेदारी अंततः रंग लाई और भाजपा ने उन्हें बतौर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद बातचीत के दौरान महेश साहू ने कहा कि वह किसी एक समाज नहीं बल्कि पूरे समाज के साथ सामंजस्य बैठाकर इस बार खरसिया विधानसभा सीट से भाजपा को जीत दिलाएंगे। कांग्रेस का अभेधगढ़ जो की अब कभी भी भाजपा के पाले में नहीं गई है। ऐसे में खरसिया से महेश साहू को उमेश पटेल के विरुद्ध मैदान में उतारने को लेकर कानाफूसी के साथ सोसल मीडिया में लोग चुटकियां लेना शुरू कर दिए हैं। कुछ इसे कांग्रेस को वाक ओवर तक बता रहे हैं कुछ महेश साहू को बलि का बकरा बता रहे हैं। कुल मिलाकर खरसिया विधान सभा से महेश साहू स्वयं दावेदारी कर टिकट मांग रहे थे ऐसे में बलि का बकरा तो नहीं कहा जा सकता बल्कि आ बैल मुझे मार वाली कहावत भले ही चरितार्थ हो सकती है। यह जानकर की खरसिया से उमेश पटेल के खिलाफ चुनाव लडना यानी आ बैल मुझे मार जैसा है उसके बावजूद यदि महेश साहू ने टिकट की मांग की है तो निश्चित रूप से उनके दिमाग में कोई गणित चल रहा हो की कैसे कांग्रेस के अभेद गढ़ को पराजित कर भेदना है। यह सभी जान रहे है महेश साहू कांग्रेस के उमेश पटेल के आगे बौने साबित होंगे लेकिन भाजपा की कोई न कोई रणनीति तो होगी फिर भी घोषणा के बाद आम धारणा यही बन रही है की महेश साहू नहीं टिक पाएंगे और उमेश पटेल रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल करेंगे।
इसी तरह से धरमजयगढ़ विधान सभा जिसे कांग्रेस का अभेद गढ़ माना जाता है। धरमजयगढ़ विधान सभा सीट को लेकर कहा जाता है की यह सीट स्व चनेश राम राठिया के समय से कांग्रेस का अभेद किला बन चुका है।
हरीश चंद्र राठिया को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है और हरीश चंद्र राठिया भाजपा से दावेदारी भी कर रहे थे । पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया है। राजनीतिक गलियारों से निकली जानकारी के अनुसार भाजपा उन सीटों पर फोकस कर रही है जो कांग्रेस का अभेद गढ़ माना जाता है या जहा कांग्रेस की स्थिति कमजोर है वहां से दावेदारों की मैपिंग के उपरांत प्रत्याशी बनाया गया और उन्हें पर्याप्त समय दिया गया है की आप जीत के लिए पूरी समीकरण बनाए और उसकी मैपिंग करें और हर एक बूथ को मजबूत बनाएं। हालाकि भाजपा के द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने को लेकर निश्चित तौर पर कोई नई रणनीति पर काम कर रही होगी जिसका खुलासा आगे होगा।
प्रत्याशी बनाए जाने के बाद महेश साहू ने कहा की जीत के लिए पार्टी स्तर पर रणनीति बनेगी और पार्टी द्वारा बनाई गई रणनीति निश्चित रूप से कारगर साबित होगी। जिस तरह से भाजपा समय से बहुत पहले प्रत्याशी घोषित किया है तो जाहिर है की भाजपा भी इसे लेकर कोई रणनीति होगी। वैसे भी इन दिनों प्रदेश में भाजपा तेजी से अपना पैठ बना रही है और पूर्व की तुलना में मजबूत स्थिति में है।
खरसिया से महेश साहू एक ऐसा चर्चित चेहरा है जो हमेशा सुर्खियों में रहता है साहू संघ या कहें समाज में उनकी गहरी पकड़ है। हालाकि सामाजिक समीकरण की बात पर उन्होंने कहा की वे किसी एक समाज नहीं बल्कि समूचे समाज से अच्छे संबंध है और हर समाज तक पहुंचकर समर्थन जुटाएंगे और पार्टी को जीत दिलाएंगे।
वहीं धरमजयगढ़ विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी हरिश्चंद्र राठिया मोदी के चेहरे के बल पर जीत हासिल कर सकते हैं। और वे कांग्रेस के असंतुष्ट धड़ों को साथ लेकर समीकरण बदलने का प्रयास करेंगे हालाकि उनके पास विकास जैसे मुद्दे भी है वे कहते हैं की विकास और ग्रामीण वनांचल क्षेत्र में बुनियादी समस्याओं को लेकर जनता के बीच जाएंगे और इस बार भाजपा को जीत मिलेगी। धरमजयगढ़ विधान सभा के भाजपा प्रत्याशी हरिश्चंद्र राठिया मंजे हुए भाजपा नेता हैं और पूर्व में जिला पंचायत सद्स्य रह चुके हैं वे यहां लालजीत राठिया से लोगों की नाराजगी का फायदा उठा सकते हैं।

फिलहाल राजनीतिक गलियारों के अनुसार भाजपा ने 21 विधान सभाओं में रायगढ़ जिले की दो सीट पर प्रत्याशी घोषित किया जाना किसी खास समीकरण के तहत ऐसा किया जाना बताया जा रहा है। यह समीकरण क्या होगा आने वाले समय में पता चलेगा।

 

शमशाद अहमद

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