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सामान्यतः सरकारी नौकरी ऊपर से रुतबे वाली जॉब छोड़ना हर किसी के बस की नहीं ….. शहर का ऐसा शख्स जिसने ऐसी नौकरी छोड़ी … और न सिर्फ बनाई अपनी एक अलग पहचान…. शिक्षा के साथ युवाओं की प्रतिभा संवारने वाले के रूप में बनी पहचान ….किसी एक क्षेत्र में नहीं बहुमुखी प्रतिभा का …पढ़े पूरी खबर

 

रायगढ़।
सामान्य तौर पर नौकरी मिल जाने से जीवन संतुलित, व्यवस्थित एवं चिंतामुक्त हो जाता है। यदि वह नौकरी सरकारी है तो और भी बेहतर रहता है। यदि सरकारी नौकरी में भी यह कहा जाता है कि वह पुलिस की नौकरी है तो फिर तो सोने पे सुहागा हो जाता है।

अर्थात पुलिस की नौकरी में सरकारी नौकरी तो रहती ही है साथ में रूतबा, पहचान, आसानी से कार्य, पूरे राज्य में दबदबा आदि का लाभ भी मिलता है। लेकिन जिला रायगढ़ में एक ऐसा शख्स भी है जिसने अपनी पुलिस की रौबदार नौकरी छोड़ नन्हे-मुन्ने बच्चों का जीवन संवारना उचित समझा। वह शख्स है वर्तमान में जिले के प्रसिद्ध मोटिवेटर, शिक्षाविद्, प्रतिष्ठित स्कूल संस्कार पब्लिक स्कूल के संचालक, जिला क्रिकेट संघ के सचिव , रायगढ़ स्टेडियम कमेटी के सदस्य, स्व. कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्मृति ट्रस्ट के ट्रस्टी रामचन्द्र शर्मा।

ज्ञात हो कि रामचन्द्र शर्मा एक सफल पुलिस अधिकारी के रूप में पुलिस महकमें मे अपनी कर्तव्यनिष्ठता, अनुशासन एवं जिम्मेदार अधिकारी के रूप में अपनी क्षमता का लोहा मनवा चुके थे। वर्ष 2000 से चयनित होने के पश्चात वर्ष 2016 तक पुलिस विभाग में निरीक्षक के रूप में कार्यरत रहे इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्र मदनवाड़ा, मोहलामानपुर क्षेत्र में नक्सलियों से कई बार लोहा ले चुके थे। विभाग द्वारा नक्सली क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के कारण रामचन्द्र शर्मा को कई दफे पुरस्कृत किया जा चुका था। लेकिन पुलिस निरीक्षक होने के बावजूद अपनी जन्म स्थली के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा के कारण वर्ष 2013 में अपनी नौकरी त्याग शिक्षा के माध्यम से बच्चों का जीवन संवारने एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने रायगढ़ वापस आ गए। तब से लेकर वर्तमान समय तक विभिन्न कोचिंग कक्षाओं में नि:शुक्ल अध्यापन करना, मोटिवेटर के रूप में सैकड़ों स्कूलों में जाकर बच्चों का कैरियर काउंसलिंग करना, खेलकूद में जिला क्रिकेट संघ सचिव के रूप में, संस्कार क्रिकेट अकादमी के संचालक के रूप में खिलाडिय़ों को क्रिकेट की बारीकियां सिखाना आदि के माध्यम से बच्चों का जीवन संवारने हेतु अनवरत प्रयासरत है।

*रामचन्द्र से शिक्षित सौ से अधिक विभिन्न पदों पर कार्यरत*
पुलिस की नौकरी लगने के पूर्व से ही रामचन्द्र शर्मा शिक्षा के क्षेत्र में ब्रिलियन्ट पीएससी कोचिंग के माध्यम से अलख जला रहे थे। इस कोचिंग को उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यार्थियों को सफल बनाने के लिए केन्द्र ङ्क्षबदु बनाया। प्रतियोगी परीक्षा की स्वयं तैयारी करते-करते अपने साथी गिरीश मिश्रा, सुरेश पटेल, सीपी देवांगन, रंजीत बारिक आदि के माध्यम से पीएससी परीक्षा, पुलिस उप निरीक्षक परीक्षा, बैकिंग परीक्षा आदि की तैयारी करवाते थे। पुलिस की नौकरी करने के दौरान भी रामचन्द्र का यह समर्पण जारी रहा। इसके चलते रामचन्द्र शर्मा के द्वारा कोचिंग प्राप्त 100 से अधिक विद्यार्थी वर्तमान में आज बड़े-बड़े पदों पर कार्यरत है। जिसमें चन्द्र कुमार कश्यप, मुकेश पात्रे न्यायाधीश के रूप में, शारदा अग्रवाल, बजरंग बहादुर सिंह डिप्टी कलेक्टर के रूप में, देवेन्द्र कुमार सिंह, नसरउल्लाह सिद्धिकी, कुंजराम चौहान, कौशल किशोर वासनिक, पनिक राम कुजूर, सतीश सिंह गहरवार आदि डीएसपी के रूप में, श्रीमती गायत्री शर्मा, उत्तम साहू, राकेश मिश्रा, कृष्ण कुमार कुशवाहा, गौरव तिवारी, सौरभ बनाफर, मोरध्वज देशमुख, रूपक शर्मा, शैलेन्द्र सिंह, भरत बरेठ, विजय चौधरी, शिवानंद तिवारी आदि पुलिस निरीक्षक के रूप में, बैंकिग पीओ सत्यनारायण देवांगन, आबकारी निरीक्षक निरूपमा नोन्हारे आदि शामिल हैं। नौकरी से आने के बाद भी पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती हेतु संस्कार अकादमी कोचिंग संस्था में नि:शुक्ल तैयारी करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

*कई आईआईटीयन, डॉक्टर, सीए के रूप में भी सफल*
रामचन्द्र शर्मा पुलिस अधिकारी के रूप में रहने के बाद नौकरी छोडक़र आए तब उनकी संस्था संस्कार पब्लिक स्कूल आरंभ हो चुकी थी। लेकिन रामचन्द्र शर्मा के मोटिवेशन, प्रतियोगी परीक्षाओं का अनुभव, पूर्व कोचिंग का अनुभव, आदि के सम्मिश्रण से विद्यार्थियों को मोटिवेट करना, पढऩे की तकनीक सिखाना, नोट्स बनाने की कला बताना, आत्मविश्वास बढ़ाना, प्राचार्या श्रीमती रश्मि शर्मा, अन्य विभिन्न विषयों के शिक्षकों का नेतृत्व करना, बच्चे की योग्यता को पहचानकर काउंसलिंग करना, पालकों के साथ लगातार संपर्क में रहना आदि कारणों से संस्कार पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों के साथ-साथ अन्य स्कूल के विद्यार्थियों को भी प्रेरित कर आईआईटी, एमबीबीएस, चार्टेड अकाउंटेट, एनडीए परीक्षा, यूपीएससी परीक्षा (वैभव जिंदल वर्तमान में जीएसटी कमिश्नर गुजरात) आदि परीक्षाओं में सफलता पाने में मदद की।
*रणजी, सी के नायडू खिलाड़ी भी किए तैयार*
बहुमुखी प्रतिभा के धनी रामचन्द्र शर्मा पुलिस की नौकरी के पश्चात केवल शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना योगदान नहीं दिए बल्कि स्वयं क्रिकेट के सी के नायडू विजेता टीम के सदस्य, तीन बार विश्वविद्यालयीन क्रिकेट खिलाड़ी रह चुके होने के कारण रायगढ़ जिला क्रिकेट संघ के सचिव के रूप में महती जिम्मेदारी मिली। वर्ष 2012-13 से मिली यह जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए रामचन्द्र शर्मा के सानिध्य में कई खिलाड़ी ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं। जिसमें में रणजी, अंडर 23, महिला सीनियर, महिला जूनियर, अंडर 19, 16, 14 के टीम में सफल होकर जिले का नाम रोशन कर रहे हैं। वर्तमान सचिव के रूप में यह प्रयास निरंतर जारी है। साथ ही संस्कार पब्लिक स्कूल में ही दो एकड़ भूमि पर संस्कार क्रिकेट अकादमी की स्थापना कर काफी संख्या में नन्हे-मुन्ने युवा क्रिकेट खिलाडिय़ों को अपने साथी कोच एवं राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे पंकज बोहिदार एवं शरद यादव के साथ क्रिकेट की बारिकियां सीखा रहे हैं।

*मोटिवेटर के रूप में हुए प्रसिद्ध*
पुलिस की नौकरी के पूर्व एवं नौकरी के दौरान रामचन्द्र शर्मा बहुत ही सामान्य परिवार से ऊंचाई पर पहुंचने के संघर्ष के दौरान हुए अनुभव, एनसीसी में 26 जनवरी दिल्ली परेड में शामिल, एनसीसी सीनियर अंडर ऑफिसर डिग्री कॉलेज, राज्य स्तरीय नृत्य प्रतियोगिता में शामिल आदि के दौरान तथा वाक्पटुता में बेहतर होने से, वादविवाद प्रतियोगिता में शामिल रहने, लगातार चार वर्ष जिला स्तरीय युवा महोत्सव में प्रथम रहने स्वयं प्रतियोगी परीक्षा में सफल होकर पुलिस अधिकारी बनने आदि की संघर्ष यात्रा के अनुभव से रामचन्द्र शर्मा नौकरी से वापसी के पश्चात विभिन्न स्कूलों में, सामाजिक संस्थाओं में, खेलकूद प्रतियोगिताओं में, कोचिंग संस्थाओं में शामिल होकर मोटिवेशनल संबोधन कर युवाओं को कैरियर बनाने के लिए लगातार मोटिवेट कर रहे हैं। जिसके कारण अनेकानेक युवा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

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