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तो Sun steel and power की क्षमता 60 हजार से 6 गुना बढ़कर 3 लाख TPA हो जायेगा…..क्या पर्यावरणीय क्लियरेंस के नियमों का पालन किया है होनी चाहिए जांच … ग्रीन बेल्ट का भी सवाल …जांच में हो जायेगा खुलासा 

 

शमशाद अहमद/-

रायगढ़ । सन स्टील एंड पावर भी क्षमता और अन्य उत्पाद के लिए कई बड़े छोटे प्लांट स्थापित करने के लिए जनसुनवाई की मांग की गई है इसके लिए 4 जुलाई को जनसुनवाई नियत की गई है। स्टील प्लांट डीआरआई किलन sponge आयरन की क्षमता 6 गुना बढ़ जाएगी। वर्तमान में इसकी क्षमता 60 हजार TPA है। विस्तार के बाद यह बढ़कर 3,00,000 TPA हो जायेगा। sun स्टील एंड पावर द्वारा स्टील प्लांट स्पंज आयरन की क्षमता 2लाख 40 हजार TPA और बढ़ाने के लिए जनसुनवाई करने जा रही है। इससे जाहिर है की इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए लाखो लीटर पानी की भी जरूरत पड़ेगी और प्रबंधन इसका भी दोहन करेगी। कम्पनी द्वारा पूर्व में मिले पर्यावरणीय क्लियरेंस की अनुमति का पालन किया गया है ग्रामीणों की माने तो यदि पर्यावरणीय नियमों की जांच हो जाए तो भारी गफलत सामने आ जाएगा। कंपनी द्वारा ग्रीन बेल्ट एरिया भी विकसित नहीं किया गया है यदि जांच हो जाए तो कई खामियां मिल जायेगी जो विस्तार पर रोक लगाने के लिए बहुत है।

 

इसके अलावा WHRB बेस्ड पॉवर प्लांट 4 MW है इसे 16 MW और बढ़ाने जा रही है यानि 4 गुना अधिक, इसी तरह AFBC बेस्ड पावर प्लांट 14 MW के बिजली उत्पादन के लिए, इसके अलावा इंडक्शन फर्नेस हॉट बिलेट्स 1,80,000 TPA, रोलिंग मिल सहित कई अन्य प्लांट स्थापित करने के लिए जन सुनवाई करने वाली है। कुल मिलाकर क्षेत्र भयावह प्रदूषण की चपेट में और अधिक घिरने वाला है। यह प्लांट कुरकूट नदी के किनारे स्थित है। वर्तमान में इस प्लांट को लेकर पहले भी कई बार विवादों में रहा है ग्रामीणों का इसका भारी विरोध रहा है। वर्तमान में कंपनी ऐसा लग रहा है विस्तार नहीं बल्कि नए प्लांट की स्थापना कर रही है। पहले स्पंज आयरन की क्षमता 60 हजार TPA से बढ़कर 3 लाख TPA हो जायेगा। इसके बाद इसके अलावा पवार प्लांट की क्षमता भी कई गुना बढ़ जाएगी। इसके अलावा और भी कई तरह के प्लांट स्थापित करने जा रही है। ग्रामीणों की माने तो पहले ही कुरकुट नदी प्रदूषण की मार झेल रहा है अब और केमिकल युक्त दूषित पानी से जल और वायु प्रदूषण की मार बढ़ेगी। जिसका खामियाजा क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के साथ जल जंगल जमीन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। जिसका गांव वाले विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर विरोध करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि गांव और आस पास दलाल नुमा लोग उनकी विरोध की मेहनत पर पानी फेरने की भी तैयारी में लगे है। दलाल नुमा लोग प्रबंधन से मोटी रकम लेकर ग्रामीणों को बहका रहे हैं और शाम दाम दण्ड भेद की नीति अपनाकर विरोध के प्रतिशत में पक्ष में बोलने के लिए लोगों की खरीद फरोख्त करने में लगे हुए हैं।

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