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इन्होंने खोली सिंचाई विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले की परत ….महज मॉनिटरिंग के नाम पर कर दिए लाखों का वारा न्यारा ….इन बिंदुओं के आधार पर दो अधिकारियों के नाम एसीबी को भेजा …. पढ़े पूरी खबर

शमशाद अहमद/-

 

सिंचाई विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले की परत अब खुलने लगी है और इसे लेकर एक पूर्व दिग्गज नेता ने मोर्चा खोल दिया है इन्होंने बताया है कि किस तरह से महज मॉनिटरिंग के नाम पर कर दिए लाखों रुपयों का वारा न्यारा कर दिया है। केलो नदी की मॉनिटरिंग के नाम पर भी लाखों रुपयों का गोलमाल किया गया है।  और 5 बिंदुओं के आधार पर दो अधिकारियों के नाम एसीबी को पत्र भेजा है ….

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रायगढ़। सरकारी अधिकारियों और भ्रष्ट्राचारियों की आपसी मिली भगत से निरंतर रायगढ़ जिले में सिंचाई संसाधनों को खोखला किया जा रहा है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि जिले की सभी नदियां प्रदूषित हो रही है पर इसकी देखरेख करने वाले की सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अपने आंखों में हाइब्रिड का मोतियाबिंद करवा रखा है के कारण हमारी जीवन दायिनी केलो नदी भी प्रदूषित हो रखी है।
जिला कांग्रेस शहर के पूर्व उपाध्यक्ष हरिनारायण मिश्र ने बताया कि जिले में भ्रष्टाचारी अधिकारियों की पो बारह हो रखी है इसमें सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता आर आर सारथी जो अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत के अधिकारी और कर्मचारियों के वरिष्ठ है की लगाम इनके ही अधिकारियों और कर्मचारियों में नहीं रही,फिर सारथी खुद ही इनके विभाग के सूचना के अधिकार के तहत प्रथम अपीलीय अधिकारी भी है पर इनके आदेशित आदेशों को एस.के.गुप्ता कार्यपालन यंत्री सिंचाई मानने से इनकार कर रहे हैं क्योंकि जानकारी देने से कार्यपालन यंत्री गुप्ता के कार्यकाल में हुए अनेकों भ्रष्टाचार से संबंधित है। जिसमें जिले की नदी-नालों की मॉनिटरिंग के नाम शासकीय वाहन के लाखों रुपए के फर्जी बिल बनाए गए,इनके कार्यकाल में कलमा बैराज भू अर्जन के नाम से करोड़ों का फर्जी भुगतान के नाम से कार्रवाई नहीं करना साथ में इसकी जानकारी भी नहीं देना, सतही जल दोहन की वास्तविकी जानकारी को छुपाना और इसके प्रारंभिक दस्तावेजों को सूचना के अधिकार के तहत नहीं देना जिससे उद्योगों के द्वारा बेतरतीब जल दोहन किया जाना की छूट मिलना,डी.एम.एफ के कार्यों में हुए खुलेआम आपसी मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार,जिले की जीवन दायिनी केलो नदी को प्रदूषित करने वाले उद्योगों और कोयला खदानों पर कार्यवाही नहीं करके उन्हें खुलेआम छोड़ देना इनकी कर गुजारियों में शुमार रहा। जबकि सूचना के अधिकार के अधिनियम को ना तो अधीक्षण अभियंता सारथी और कार्यपालन अभियंता एस.के.गुप्ता मानते हैं जबकि सूचना के अधिकार के अधिनियम धारा 18(1) जानकारी नहीं देना के तहत में स्पष्ट रूप से बृहद रूप से हुए इस विभाग में करोड़ों के घोटाले और दोनों की संलिप्तता को छुपाने का दृष्टिकोण खुले आम दर्शा रहा है।
पूर्व जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष (शहर) हरिनारायण मिश्रा ने इसकी जांच हेतु श्रीमान निदेशक ई. ओ.डब्लू/ए.सी.बी को मय दस्तावेजों के साथ पत्र प्रेषित कर आग्रह किया गया कि उक्त जल संसाधन विभाग के रायगढ़ में पदस्थ अधीक्षण अभियंता आर.आर.सारथी और कार्यपालन यंत्री एस.के. गुप्ता के संलिप्तता से जुड़े इन सभी पांच बिंदुओं में सूक्ष्म रूप से करवाई त्वरित होगी तो निश्चित ही दोनों अधिकारियों और उनके कर्मचारियों के द्वारा किए गाय करोडों के भ्रष्ट्राचार की पोल खुलेगी के बाद स्पष्ट होगा कि इनके घोटाले करोड़ों के थे कि अरबों के और देर होने से इनके द्वारा षड्यंत्र करके शासकीय दस्तावेजों को नष्ट भी किया जा सकता है जो कि शासकीय राशि की हानि होगी।

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