डायवर्टेड भूमि खरीदने-बेचने पर कलेक्टर की अनुमति वाले नियम को समाप्त करने MLA भैयालाल राजवाड़े ने सीएम से की मुलाकात.. कैबिनेट में रखने का आश्वासन दिया सीएम ने…
अनूप बड़ेरिया
जनता के हितों के लिए सदैव चिंतित रहने वाले व उनकी समस्याओं को फौरन दूर करने वाले छत्तीसगढ़ शासन में पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा बैकुंठपुर विधायक भैया लाल राजवाड़े ने रायपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मिलकर अधिसूचित क्षेत्र में व्यपरिवर्तित भूमि के क्रय- विक्रय (सामान्य वर्ग से सामान्य वर्ग) के हेतु कलेक्टर की अनुमति की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग रखी है। जिसके लिए मुख्यमंत्री विष्णु व्यवसाय ने इस विषय को कैबिनेट में रखने का आश्वासन विधायक भैयालाल राजवाड़े को दिया है।
उल्लेखनीय है कि बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर सुकमा, सूरजपुर बलरामपुर, कोंडागांव, कांकेर, सरगुजा, कोरिया, एवं जशपुर, छ.ग. राज्य के अधिसूचित क्षेत्रान्तर्गत आने वाले जिला है। इन जिलों में कृषि से मिल प्रयोजनार्थ स्वयं के भूमि स्वामी हक की भूमि को विक्रय हेतु कलेक्टर की अनुमति लेनी होती है। यदि अनुमति पश्चात भूमि क्रय कर ली जाती है और क्रेता को उसे विक्रय करने की आवश्यकता होती है तो पुनः विक्रय हेतु कलेक्टर की अनुमति लेनी होती है। इन प्रक्रियाओं में काफी लंबा समय लग जाता है और भूमि स्वामी जिसे दुःख, बीमारी, शादी ब्याह इत्यादि महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति समय से नहीं हो पाती है। जिससे उसे काफी शारीरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विधायक भैयालाल राजवाडे ने कहा कि यह नियम छगः राज्य के सिर्फ उपरोक्त दर्शित जिलों में ही प्रचलन में है शेष जिलों में इस प्रकार का नियम डायवर्ड भूमि के क्रय-विक्रय हेतु कहीं नहीं है।
उपरोक्त नियम ना सिर्फ अव्यवहारिक बल्कि भूमि क्रय-विक्रय की अनुमति में सालों साल लगने एवं जटिल प्रक्रियाओं की जटिलता से स्वामी को समय पर उसकी आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो पाती है, जिससे वह परेशान एवं हततोत्साहित होता है।
उन्होंने कहा भाजपा की सरकार सदैव से लोक हित एवं नियमों के सरलीकरण की ओर कार्य करती है। पूर्व में इस नियम को भाजपा सरकार ने समाप्त करने हेतु कैबिनेट ने पास किया था। लेकिन उसके बाद आयी कांग्रेस की सरकार आने के बाद उस पर कोई कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पायी। अधिसूचित क्षेत्र में (गैर कृषि प्रयोजक) परिवर्तित भूमि के विक्रय हेतु कलेक्टर की अनुमति समाप्त हो जाने से बस्तर-सरगुजा सम्भाग के लगभग 21 लाख लोग लाभांवित होगे।
विधायक भैयालाल राजवाड़े ने मुख्यमंत्री से आगामी कैबिनेट की कार्य सूची में इस महत्त्वपूर्ण विषय को रखकर उचित निर्णय लिए जाने का आग्रह किया है।