कोरिया जिले की 1792 आँगनवाडियों पर मनाया गया ग्लोबल हैंड वाशिंग दिवस…
जिले में संचालित 1,792 आँगनबााडियों पर आज ग्लोबल हैंडवाशिंग दिवस मनाया गया। इस गतिविधि में 60,000 बच्चों के अलावा गर्भवती माताएं, किशोरी बालिकाएं व एनीमिक महिलाओं ने भी भाग लिया । स्वच्छ जीवनशैली एवं संतुलित पोषाहार ही इंसान को बीमारी एवं कुपोषण से बचाता है।
हैंड वाशिंग एक्टिविटि को मनाने के साथ.साथ सुपोषण चैपालों के अंतर्गत स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल विषय को पोषण के साथ जोड़ते हुए गर्भवती महिलाए, बच्चे, पति और माता-.पिता के साथ परिवार के अन्य सदस्यों को हाथ धुलाई अभियान का संदेश भी दिया गया। सुपोषण कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मितानिन द्वारा गृह भेंट एवं परिवार को स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल विषय पर परामर्श देने की गतिविधियों का आयोजन भी किया गया।
नौनिहालो को स्कूल पूर्व शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाती है। अच्छी एवं स्वस्थ्य आदत का विकास बच्चों में इन्ही संस्थाओं द्वारा बीजारोपित किया जाता है। जिले में 6 माह की आयु के बच्चों का अन्नप्रासन् और किशोरियों को उचित खान पान एवं आयरन की गोलियां खाने की सलाह भी आंगनबाड़ी केंद्र से ही दी जाती है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेश सिंह सिसोदिया ने बताया जिले की 1792 आँगनवाडियों पर ग्लोबल हैंड वाशिंग दिवस मनाया गया जिसके द्वारा सुपोषण के प्रमुख संदेशों को प्रसारित किया गया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को साबुन से हाथ धोने, साफ कपड़े पहनने, एवं केन्द्र के आस पास सफाई रखने, स्वच्छ जीवन जीने और बीमारियों से मुक्ति पाने की जानकारी दी गयी।
गंदे हाथ बच्चों में कुपोषण का एक महत्वपूर्ण कारण है जिससे डायरिया और निमोनिया होताहै। यह दोनों बीमारियां पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का कारण है। बार बार बीमार होने से बच्चों में कुपोषण होता है और गंभीर बीमारी से मृत्यु भी हो सकती है।
सुपोषण पर महत्वपूर्ण संदेश जैसे स्तनपान की शुरुआत पहले घंटे में और छः माह तक केवल स्तनपान और उसके बाद पूरक आहार की विविधताए, टीकाकरण और स्वच्छता और स्वच्छता आदि पर विशेष ध्यान राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे मुख्यमत्री सुपोषण अभियान की प्रमुख कडी हैं ।
नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-2016) के अनुसार, कोरिया जिले में 12.3% बच्चों को डायरिया (5 साल से कम उम्र के) हुआ था और 4.3% बच्चों में निमोनिया की शिकायत थी। केवल हाथ साफ़ रखने से ही इन दोनों बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सकता है।