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धूमधाम से मनायी गयी…संत जलाराम बापा की जयंती…मनेंद्रगढ़ में भव्य शोभायात्रा निकाली गई…

 

मनेन्द्रगढ़ से ध्रुव द्विवेदी

श्री राम भक्त पूज्य संत जलाराम बापा की जयंती के अवसर पर गुजराती समाज द्वारा भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया।शोभायात्रा श्री राम मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से संकीर्तन करते हुए गुजरी।
1799 में गुजरात राज्य के राजकोट जिले के वीरपुर में कार्तिक माह के 17 वे दिन बापा का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम प्रधान ठक्कर और माता का नाम राजबाई ठक्कर था। वे हिन्दू भगवान राम के भक्त थे।

जलाराम बापा को शुरू से ही सांसारिक जीवन में रूचि नही थी और इसीलिए वे पिता के व्यवसाय में ध्यान देने लगे। अपना ज्यादातर समय वे तीर्थयात्रीयो की सेवा करने और साधू-संतो की सेवा करने में ही व्यतीत करते थे। बाद में कुछ समय बाद वे अपने पिता के व्यवसाय से अलग होकर अपने अंकल वालजी भाई के साथ रहने लगे।

18 साल की उम्र में ही तीर्थयात्रा से वापिस आने के बाद जलाराम बापा फतेहपुर के भोज भगत के शिष्य बन गये और गुरु ने भी उन्हें शिष्य के रूप में अपना लिया।

जलाराम को उनके गुरु भोजल राम ने भगवान राम के नाम का “गुरु मंत्र” भी दे रखा था। अपने गुरु के आशीर्वाद से ही उन्होंने “सदाव्रत” नामक भोजन केंद्र की शुरुवात की, जहाँ सभी साधू-संतो और जरुरतमंद लोगो को भोजन मिलता था।


हिन्दू कार्तिक माह शुक्ल पक्ष के सांतवे दिन को जलाराम बापा का जन्मदिन “जलाराम जयंती” के नाम से मनाया जाता है। उनका जन्मदिन दिवाली के सांतवे दिन आता है।तभी से श्रद्धालु बापा का जन्मोत्सव मनाते चले आरहे है।

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