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पंचायत चुनावों के सरपंच और वार्डो का आरक्षण आज…20 को जनपद और जिला पंचायत का आरक्षण…नगरीय निकाय की तरह अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा सरपंच, उपसरपंच, जनपद व जिला पंचायत के अध्यक्ष का चुनाव….जिला पंचायत का चुनाव होगा दलीय आधार पर…

 

अनूप बड़ेरिया

कोरिया जिले की जनपद  पंचायत बैकुण्ठपुर, सोनहत, मनेन्द्रगढ़, खड़गवां एवं भरतपुर के समस्त ग्राम पंचायतों के वार्डों, जनपद और जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों सहित सरपंच व अध्यक्ष, सदस्य जनपद एवं जिला पंचायत का प्रवर्गवार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अनारक्षित तथा महिला अध्यक्ष एवं सरपंच पदों के लिये  जिले के सभी जनपद पंचायत के सभा कक्ष में आज 18 नवंबर को ग्राम पंचायतों के वार्डों के प्रवर्गवार आरक्षण तथा ग्राम पंचायतों के महिला सरपंच पदों के आरक्षण की कार्यवाही की जायेगी। 

सी तरह जिला पंचायत के सभा कक्ष में 20 नवंबर को जनपद पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों के प्रवर्गवार आरक्षण, जनपद पंचायत निर्वाचन क्षेत्र के महिला अध्यक्ष पदो के आरक्षण तथा जिले के संपूर्ण जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्र के प्रवर्गवार आरक्षण की कार्यवाही की जायेगी। उल्लेखनीय है कि आरक्षण की यह कार्यवाही आज प्रातः 11 बजे से की जायेगी।

नगरीय निकाय चुनावों की तरह अब जिला पंचायत के चुनाव भी दलीय आधार पर होंगेे। इस बार प्रत्याशी कांग्रेस, भाजपा और अन्य दलों के चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में उतरेंगे। हालांकि ग्राम पंचायत और जनपद पंचायतों में चुनाव अभी की तरह गैरदलीय आधार पर ही होंगे। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार जल्द ही जिला पंचायत चुनाव के लिए बने नियमों में संशोधन की तैयारी में है। बताया गया है कि प्रदेश में कांग्रेस को निचले स्तर पर मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ऐसा करने जा रही है। सोच यह भी है कि इस तरह की चुनाव प्रक्रिया अपनाने से पार्टी को जिला स्तर पर मजबूत नेतृत्व मिलेगा और पंचायत स्तर पर भी पार्टी की ताकत बढ़ेगी। अभी तक जिला पंचायतों के चुनाव गैरदलीय आधार पर होते थे।

यानी बड़े राजनीतिक दलों के नेता भी दूसरे-दूसरे चुनाव चिन्हों के साथ चुनाव मैदान में उतरते थे। इसके कारण कई बार किसी दल के नहीं होने के बाद भी चुनाव जीतने के बाद ऐसे नेताओं को अपने साथ मिलाकर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभापति जैसे पदों पर प्रभावशाली नेता काबिज हो जाते थे। इसमें बड़ी राजनीतिक दलों के नेता समर्थन के अभाव में पीछे रह जाते हैं। लेकिन दलीय आधार पर चुनाव होने पर यह बिल्कुल स्पष्ट रहेगा कि किस दल का प्रत्याशी जीता है और किस दल के प्रत्याशी की हार हुई है।

चुनाव जनवरी में संभावित
बताया गया है कि 2015 में जनवरी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए गए थे। चुनाव के बाद फरवरी में पंचायतों का गठन हुआ था। इसमें अध्यक्ष और सरपंच ने विधिवत काम संभाला था। इस बार भी इसी के आसपास पंचायत चुनाव कराए जाने के संकेत मिल रहे हैं।

जिला पंचायत आरक्षण 18 को
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पंच, सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के सदस्यों तथा अध्यक्ष पदों के आरक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए आरक्षण 18 नवंबर होगी, जबकि सदस्यों और जनपद पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण 23 नवंबर को होगा। इसी तरह जनपद सदस्यों और सरपंचों का आरक्षण ब्लॉक स्तर पर संबंधित क्षेत्र के एसडीएम द्वारा किया जाएगा।

अध्यक्ष चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से
जिला पंचायतों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही अध्यक्ष के चुनाव होते हैं। चूंकि राज्य सरकार ने हाल ही में नगरीय निकायों के साथ ग्राम पंचायतों में भी सरपंच का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने का नियम बनाया है। वहीं निकायों के चुनाव दलीय आधार पर होंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत के लिए भी ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है। ग्राम पंचायतों के चुनाव पुरानी व्यवस्था के मुताबिक गैरदलीय पद्धति से ही कराए जाएंगे।

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