मंत्री जी..! कुछ तो लोग कहेंगे..लोगो का काम है कहना…! खतरे में पड़ी कलावती की नैय्या पार लगाने जयसिंह अग्रवाल आज सम्भालेंगे मोर्चा..बैकुंठपुर विधानसभा की तीनो जिपं सीट हारी थी कांग्रेस.. अब राजस्व मंत्री की साख भी दांव पर…जानिए कारण..
मंत्री जी..! कुछ तो लोग कहेंगे..लोगो का काम है कहना…!
खतरे में पड़ी कलावती की नैय्या पार लगाने जयसिंह अग्रवाल आज सम्भालेंगे मोर्चा..
बैकुंठपुर विधानसभा की तीनो जिपं सीट हारी थी कांग्रेस..
अब राजस्व मंत्री की साख भी दांव पर…जानिए कारण..
अनूप बड़ेरिया
कोरिया जिले में चले रहे पंचायती चुनाव में कांग्रेस को बैकुंठपुर क्षेत्र में जमकर मुँह की खानी पड़ी। यहाँ की तीनों सीट पर कांग्रेस बुरी कदर पराजित हुई। राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि बिना होमवर्क किए ही कांग्रेस ओवर कांफिडेंस में मैदान में उतर गई थी। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को शायद यह लगा कि छत्तीसगढ़ में सरकार हमारी है और हाल ही में नगरीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस ने भारी जीत हासिल की थी। लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था की नगर निगम और नगरपालिका को छोड़कर बाकी तीनों नगर पंचायत में कांग्रेस की परफॉर्मेंस पुअर रही, बावजूद इसके कांग्रेसी नेता खुशफहमी पाले रहे। इसलिए उन्हें पहले चरण में जिपं जैसे बड़े चुनाव में कड़ी शिकस्त मिली।
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कांग्रेस के प्रत्याशी चयन, प्रभारी नियुक्त और प्रचार को लेकर भी सवालिया निशान खुद पार्टी के लोगो ने उठाए। ऐन वक्त पर पार्टी के बड़े नेताओं की बयानबाजी से भी काफी नुकसान हुआ। इसके अलावा बड़े नेता छोटे कार्यकर्ताओ न संगठित कर सके और न ही उनकी ऊर्जा का सही उपयोग कर सके। कुल मिला कर बिना किसी रणनीति और तैयारी के मैदान में उतरना बैकुंठपुर क्षेत्र में कांग्रेस को अच्छा खासा महंगा पड़ गया।
अब यदि बात की जाए जिपं सदस्य की सीट क्रमांक 10 की तो यहां से वर्तमान जिपं अध्यक्ष व कांग्रेस प्रत्याशी कलावती मरकाम मैदान में हैं। जिनका सीधा मुकाबला भाजपा की चुन्नी पैकरा व जिपं की वर्तमान उपाध्यक्ष व गोंगपा प्रत्याशी सरोजनी मरकाम से तो है ही साथ ही कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष सूर्यप्रकाश सिंह भी टिकट नही मिलने से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में डटे हैं। इसके अलावा बंजारीडांड के पूर्व सरपंच व पुराने कांग्रेसी परिवार के अमृत सिंह भी मैदान में है। जिनकी लोकल पकड़ व लोकप्रियता बहुत है।जिससे कांग्रेस प्रत्याशी की डगर काफी मुश्किल में है। इतना ही नही कलावती मरकाम के बीच में छजकां में चले जाने से उनके राजनीतिक कद में भी काफी असर पड़ा है। इसके अलावा इतना बड़ा पद होने के बावजूद क्षेत्र का वह विकास नही हो सका, जिसकी क्षेत्र को जरूरत थी। जिससे साफ है कि कांग्रेस प्रत्याशी काफी मुश्किल में नजर आ रही है।
अब कांग्रेस प्रत्याशी के लिए स्थानीय विधायक श्रीमती अम्बिका सिंहदेव ने भी ठंड के बावजूद काफी पसीना बहाया है तो वहीं मनेन्द्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल भी प्रचार करते दिखाई दिए। इन सब के बावजूद आज 1 फरवरी को राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी कलावती के लिए जनता से वोट मांग कर उसकी नैय्या पार लगाने का प्रयास करेंगे। मंत्री जी के प्रचार के बाद राजनीतिक पंडितों के मुताबिक अब कलावती को जीताने जयसिंह की साख भी दांव पर लग जाएगी। इसके बावजूद यदि कहीं परिणाम विपरीत आया तो….मंत्री जी..कुछ तो लोग कहेंगे..लोगो का काम है कहना…!
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