
ऐसा भी मालिक… लॉक डाउन में अपने 10 कर्मचारियों को उनके घर बिहार भेज दिया हवाई जहाज से…दिए नगद पैसे भी…
पप्पनके भाई निरंजन गहलोत ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया “पहले हमने ट्रेनों के टिकट बुक करने की कोशिश की लेकिन टिकट कंफर्म नहीं हो पाए फिर हमने सोचा कि ये लोग 20 वर्षों से हमारे साथ काम कर रहे हैं, उनकी यात्रा सुरक्षित होनी चाहिए. इसलिए हमने उनकी चिकित्सकीय जांच की और उनके लिए फ्लाइट टिकटों की व्यवस्था की.”
किसान के इस कदम से वर्कर बेहद खुश हैं. उनमे से एक वर्कर ने कहा कि उनका सपना सच हो गया, उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह हवाई जहाज से यात्रा करेंगे. एक ने कहा ”हमें यकीन नहीं हो रहा है कि हम समस्तीपुर अपने घर लौट रहे हैं’. मैं मालिक का आभारी हूं. वे प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं. वे सभी का बकाया चुका रहे हैं. खाने का भी इंतजाम कर रहे हैं”.
ये सभी श्रमिक इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार सुबह 6 बजे पटना के लिए उड़ान भरने के लिए पहुंचे. दूसरी ओर कई मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल, साइकिल या बस, ट्रेन अपनी यात्रा कर रहे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई को एक मजदूर ने बताया कि ”मैं हवाईअड्डे पर पहुंचने के दौरान थोड़ा घबराया हुआ था, मुझे नहीं पता कि क्या करना है”.
किसान गहलोत का दिल्ली के तिगीपुर गांव में एक मशरूम फार्म है. उन्होंने 68,000 रुपये के टिकट खरीदे और प्रत्येक वर्कर को 3,000 रुपये भी दिए, ताकि जब वे अपने गृह राज्य में पहुंचें तो उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े. गहलोत ने कहा कि वह 1993 से मशरूम की खेती कर रहे हैं, जिसका मौसम अगस्त और मार्च के बीच है. ये श्रमिक अप्रैल के पहले सप्ताह में अपने गांव जाना चाहते थे, लेकिन लॉक डाउन के कारण नहीं जा सके।ANI