
ग्राम स्तर पर महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करें – कलेक्टर
महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत जिला स्तरीय समितियों की समीक्षा बैठक संपन्न
कलेक्टर एसएन राठौर की अध्यक्षता में आज यहां कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत विभिन्न जिला स्तरीय समितियों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह एवं जिला विधिक सेवा प्रधिकरण के सचिव महेश राज सहित जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सखी वन स्टॉप सेंटर, उज्जवला होम, जिला बाल संरक्षण समिति तथा जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति के सदस्य शामिल हुए।
बैठक में सखी वन स्टॉप सेंटर के संचालन एवं कार्यों की समीक्षा की गई। इस संबंध में कलेक्टर श्री राठौर ने सखी वन स्टॉप सेंटर में प्रकरणों की जानकारी ली। संबंधित अधिकारी ने बताया कि अब तक सेंटर में कुल प्रकरण 939 दर्ज किए गए हैं। जिसमें से 890 प्रकरण निराकृत किए गए हैं तथा 49 प्रकरण लंबित हैं। इसी तरह उन्होंने उज्जवला होम एवं बाल गृह की जानकारी प्राप्त की एवं हितग्राहियों की आवश्यकताओं से अवगत हुए। कलेक्टर ने बैठक के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करते हुए बाल गृह में संरक्षित बच्चों के मासिक स्वास्थ्य परीक्षण हेतु डीपीएम को निर्देश दिए। साथ ही किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति में लंबित प्रकरणों पर चर्चा की।
कलेक्टर श्री राठौर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को सखी वन स्टॉप सेंटर एवं उज्जवला होम के संबंध में उचित प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिए, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंद एवं पीड़ित महिलाओं का इनका लाभ मिल सके। उन्होंने समितियों को शीघ्र लंबित प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण यदि पीड़िता सखी सेंटर तक आने में अक्षम है, तो प्रकरणों की संख्या देखते हुए स्थल पर टीम को काउंसलिंग के लिए भेजें। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करें। इसके लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलायें और इसमें ग्राम स्तर के कर्मचारियों जैसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि को भी शामिल करें।
इसी तरह एसपी श्री सिंह ने भी महिलाओं के अधिकारों एवं कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा एवं टैफिकिंग की रोकथाम हेतु ग्राम स्तर पर जागरूकता बेहद जरूरी है। जिला विधिक सेवा प्रधिकरण के सचिव श्री राज ने पीड़ित महिलाओं की सहायता हेतु विधिक प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि विधिक साक्षरता बहुत जरूरी है जिससे पीड़ित अपने अधिकारों एवं कानूनी प्रकियाओं को समझ सकें। इसी तरह बैठक में जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति के साथ खोया-पाया पोर्टल, लीगल साक्षरता, सूचना संग्रहण तंत्र की स्थापना, सामुदायिक पुलिस तथा पीड़िता क्षतिपूर्ति योजना के प्रचार-प्रसार आदि बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।