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रैपीपे ने मध्य भारत में विस्तार के लिए रायपुर में अपने क्षेत्रीय कार्यालय का शुभारंभ किया …….  छत्तीसगढ़ के 200 युवाओं को कंपनी देगी नौकरी …..रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध कराने पर ….

 

– कंपनी ने छत्तीसगढ़ में 200 नए कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बनाई है

रायपुर।

भारत की प्रमुख फिनटेक कंपनियों में से एक, रैपिपे फिनटेक प्राइवेट लिमिटेड ने आज छत्तीसगढ़ के रायपुर में अपने क्षेत्रीय कार्यालय के शुभारंभ की घोषणा की। यह मध्य भारत में रैपिपे का पहला क्षेत्रीय कार्यालय होगा, जिसके जरिए कंपनी ने वित्तीय समावेशन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है।

भुगतान सेवाओं के लिहाज से देखा जाए तो मध्य भारत असीमित संभावनाओं वाला मार्केट है, जिसमें AEPS (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली), माइक्रो ATM, डोमेस्टिक रेमिटेंस और POS सॉल्यूशन जैसी सेवाएँ शामिल हैं। इसी संभावना का भरपूर लाभ उठाने के लिए, रैपिपे ने इस क्षेत्र में 20,000 माइक्रो ATM/POS डिवाइस इंस्टॉल करने का लक्ष्य रखा है तथा कंपनी की निगाहें वित्त-वर्ष 2023 तक यहाँ के मार्केट में 20% हिस्सेदारी हासिल करने पर टिकी हुई हैं।

इसके अलावा, फिनटेक की दिग्गज कंपनी इस क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है, और इसके लिए कंपनी ने सेल्स, टेक्नोलॉजी, ऑपरेशंस तथा HR में अलग-अलग पदों पर 200 से ज्यादा कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बनाई है। चालू वित्त-वर्ष के अंत तक कंपनी द्वारा पूरे भारत में 1000 से ज्यादा कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा।

नए कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर, रैपीपे फिनटेक के सीईओ, श्री निपुण जैन ने कहा, “रैपीपे का रायपुर कार्यालय, पूरे सेंट्रल जोन के लिए हमारा रीजनल ऑफिस है। इस मार्केट में बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के कारोबार की जबरदस्त संभावनाएँ हैं। हमने बैंकिंग सेवाओं को देश के अंतिम छोर तक पहुंचाने और सभी के वित्तीय समावेशन का संकल्प लिया है, और इसी वादे पर कायम रहते हुए हमने इस क्षेत्र अपने नए कार्यालय का शुभारंभ किया है।”

श्री निपुण ने आगे कहा, “त्योहारों का मौसम और दीपावली का पर्व नजदीक आ रहा है, जिसे देखते हुए हमें उम्मीद है कि इस क्षेत्र में नकद निकासी (MATM, AEPS), डोमेस्टिक रेमिटेंस, POS ट्रांजैक्शन जैसी सेवाओं के माध्यम से हमारे GTV (सकल लेनदेन मूल्य) में काफी बढ़ोतरी होगी।”

RBI द्वारा हाल ही में जारी बुलेटिन के अनुसार, पिछले एक साल में देश में माइक्रो ATM की संख्या दोगुनी होकर मई 2022 में 8.81 लाख डिवाइस तक पहुंच गई है, जबकि अप्रैल 2021 में देश में सिर्फ 4.25 लाख डिवाइस थे। यह नकद निकासी के पारंपरिक तरीकों की तुलना में बेहद किफायती विकल्प है, इसलिए इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है और ग्राहकों के लिए बैंकिंग टचप्वाइंट में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

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