दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवेरेस्ट फतह करना चाहते हैं डबल लेग एंप्युटि चित्रसेन साहू…. हाल ही मेंकिलीमंजारो फतह कर बनाया था नेशनल रिकॉर्ड…
चित्रसेन बालोद जिले के निवासी है और डबल लेग एंप्युटि हैं वे मिशन इन्क्लूजन के माध्यम से शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को सामाजिक समानता दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। साथ ही साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलीमंजारो फतह करने वाले पहले डबल लेग एंप्युटि हैं।
इस बेहद मुश्किल मिशन में उनका मार्गदर्शन करेंगे राहुल गुप्ता “माउंटेन मेन”, जो अन्तर्राष्ट्रीय पर्वतारोही के साथ-साथ सोशल एंटरप्रेन्योर भी है और कलिंगा यूनिवर्सिटी, रायपुर के डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वर्क के छात्र है।
इस मिशन को सफल बनाने चित्रसेन साहू को शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट रखेंगे सेलेब्रिटी फिजियोथेरेपिस्ट डॉ जतिन चौधरी जो सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, सानिया मिर्जा और पीवी सिंधु के भी फिजियोथेरपिस्ट रह चुके हैं और “माउंटेन मेन” राहुल गुप्ता के भी फिजियोथेरपिस्ट है, मिशन माउंट एवरेस्ट के दौरान इलाज कर चुके हैं इस बार वे चित्रसेन को भी फिजिकली फिट रखने के लिए ट्रेनिंग देंगे।
मिशन माउंट एवेरेस्ट (8848मी) पूरी तरह से राहुल गुप्ता “माउंटेन मैन” के मार्गदर्शन में होगा क्योंकि राहुल खुद एवरेस्ट फतह कर चुके हैं और ऐसा करने वाले वो छत्तीसगढ़ के पहले युवा हैं।
मिशन माउंट किलीमंजारो भी राहुल गुप्ता के मार्गदर्शन में ही सफल रहा इसलिए आगे की चढ़ाई भी चित्रसेन साहू राहुल गुप्ता “माउंटेन मेन” के नेतृत्व में पूरी करेंगे।
किलीमंजारो फतह कर ऐसे बनाया नेशनल रिकॉर्ड-
चित्रसेन साहू ने 23 सितंबर सुबह 11 बजे स्थानीय समयानुसार (भारतीय समय 2.00 बजे) तंजानिया अफ्रीका की सबसे ऊंची माउंट किलीमंजारो का फतह किया।
आखिरी दिन श्री साहू ने 12 घंटे की चडाई -5 से -10 डिग्री तापमान में लगातार कर पूरी की। इसी दौरान उनके पैर में भी चोटे आई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपना लक्ष्य पूरा किया। इस पर्वतारोहण में छत्तीसगढ़ से राहुल गुप्ता मांउटेन मेन ने अपना मार्गदर्शन दिया।
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से हीरा ग्रुप के सहयोग से एवं छत्तीसगढ़ के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही और माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही व माउंटेन मैन फाउंडेशन के संस्थापक राहुल गुप्ता “माउंटेन मैन” के मार्गदर्शन में चित्रसेन साहू ने “अपने पैरों पर खड़े हैं” मिशन के तहत इस कठिन कार्य को सफल बनाया।