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सुपोषित घोषित होंगी जिले की ग्राम पंचायतें- डीपीओ चन्द्रवेश सिसोदिया.. महिला एवं बाल विकास विभाग ने बनाई कार्ययोजना..

सुपोषित घोषित होंगी जिले की ग्राम पंचायतें- डीपीओ चन्द्रवेश सिसोदिया.. महिला एवं बाल विकास विभाग ने बनाई कार्ययोजना..

अनूप बड़ेरिया
कम कुपोषण वाली ग्राम पंचायतो को सामुदायिक सहभागिता से एक माह में सुपोषित ग्राम पंचायत मे बदलने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग कार्य योजना बना रही है।
इस कार्य योजना में व्यक्ति और सामुदायिक स्वच्छता से प्रयास करना, कुपोषण के कारणों से हितग्राहियों को अवगत कराना, ग्राम पंचायत के बच्चों का वजन लेना और कम वज़न वाले बच्चों के घरवालों को इसकी जानकारी देकर सुधार की व्यवस्था करना शामिल है।
सुपोषण ट्री मुनगा का प्रचार-प्रसार जैसे मुनगा का उपयोग व उसके फायदे को प्रचारित करना औरआवश्यकता पडने पर घर पर भी सुपोषित भोजन की जानकारी लोगो को देना कार्य योजना में शामिल होगा ।
स्कूल के बच्चों का संवेदनीकरण, जिसमें स्कूल में ही बच्चों को कुपोषण से बचाव हेतु उपाय करना, और उनको कृमिनाशक दवा देना एवं नियमित रूप् से स्वास्थय जांच कराना शामिल है।
बच्चे के पहले 1000 दिन के महत्व के बारे में जानकारी देनाभी इस कार्य योजना का शामिल रहेगा। प्रचार-प्रसार, जिसमें गर्भावस्था से बच्चे के 2 वर्ष के होने तक के 1000 दिन पोषण के लिहाज़ से बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं। अगर इस समय गर्भवती महिला और जन्म के बाद बच्चे का पोषण ठीक न रहे तो बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास अव्रुधित होता है| सुपोषण के विषय में समुदाय को जागरूक करना और शिशु को स्वस्थय रखना कार्य योजना शामिल है ।
एक माह के भीतर उक्त प्रयासों से परिणाम को जोड़कर सुपोषित पंचायत की घोषणा की जायेगी। अधिक कुपोषित ग्राम पंचायत हेतु भी उक्त गतिविधि किया जाना प्रस्तावित है।
इसकीजानकारी देते हुये जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रवेश सिसोदिया ने बताया,” मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सुराजी सुपोषित कोरिया अभियान के माध्यम से जिले मे सुपोषण की स्थिति मे आशानुरूप सुधार हुआ है।  विभाग द्वारा अब नयी कार्ययोजना बनाकर अधिक और कम सुपोषण वाले  चिन्हांकित ग्राम पंचायतो को सुपोषित ग्राम पंचायत के रूप घोषित करने की तैयारी चल रही है जिससे जिले को पूर्णतः कुपोषण मुक्त बनाया जा सके।“
उन्होंने बताया कुपोषण वाले ग्राम पंचायतो मे सामुदायिक सहभागिता से स्वच्छता की रणनीति बनाई जा रही है| सुपोषित ग्राम पंचायतो में सतत् निगरानी से कुपोषण के खिलाफ चल रही मुहिम से  ग्रामवासियो को जोडकर जागरूक किया जायेगा जिसके लिये आधारभूत कार्ययोजना बनाई गयी है।
जिले कें 6 परियोजना के 37 सेक्टरमें कम एवं अधिक कुपोषित बच्चों वाली क्रमषः54-54 ग्राम पंचायतों में कार्ययोजना के माध्यम से सुधार किया जायेगा।
नेशनल फॅमिली एंड हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) के अनुसार कोरिया में 6से 59 माह तक के 33.7 प्रतिशत शिशु एनीमिया से ग्रसित है जब कि 15-49 वर्ष तक की 36.7 प्रतिशत महिलाओं को एनीमिया है। इसी प्रकार 34.7 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं(15-49 वर्ष) में खून की कमी है।
 छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी 150 वीं जयंती के अवसर पर 0 से 5 आयु वर्ग के कुपोषित बच्चों एवं 15 से 49 आयु वर्ग की एनीमिया ग्रसित महिलाओं को कुपोषण एवं एनिमिया से मुक्त कराने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के माध्यम से जिले को कुपोषण मुक्त करने के लिए ‘‘सुराजी सुपोषित कोरिया अभियान‘‘का संचालन किया जा रहा है।

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