
कोविड 19 की सेकंड फेस जानलेवा, जागरूक करने बनाई ऐसी कविता …..मालूम है बाहर की हवा कातिल है, यूं ही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है …..पढ़े पूरी खबर
सबको मालूम है बाहर की हवा कातिल है उलझने की जरूरत क्या – ऐश अग्रवाल
रायगढ़। शहर के युवा समाजसेवी ऐश अग्रवाल द्वारा कविता के माध्यम से कोरोना महामारी से बचने को लेकर एक पोस्टर शहर के मध्य स्थल पर लगवाया गया है। जिसमें कविता का तात्पर्य है कि लॉक डाउन है और कोरोना से बचने संक्रमण की चेन तोड़ने प्रशासन द्वारा शहरवासियों की सुरक्षा के लिए ही किया है। कई लोग लॉक डाउन में भी बेवजह बाहर निकल कर मौत को गले लगा रहे है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए ऐश अग्रवाल द्वारा एक जागरूक करने वाली कविता का पोस्टर लगाया है। यह अधिकारियों को भी पसन्द आया और कविता लिखने वाली की तारीफ किया है।
कविता कुछ इस तरह है कि बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है, मौत से आंख मिलाने की जरूरत क्या है,
सबको मालूम है बाहर की हवा कातिल है, यूं ही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है जिदंगी एक नेमत है उसे सम्भाल के रखो, कब्रगाहों को सजाने की जरूरत क्या है। इस कविता के माध्यम से बताया गया है कि आपकी ही सुरक्षा के लिए लॉक डाउन किया गया है फिर आप बेवजह बाहर निकल कर मौत को गले क्यों लगा रहे हो जबकि सब जानते है कि कोरोना की दूसरी लहर कितनी खतरनाक है। डॉक्टर्स भी यही कह रहे है कि आप खुद को जितना सुरक्षित रखेंगे आपकी जिंदगी भी उतनी ही सुरक्षित रहेगी। ऐश अग्रवाल द्वारा कोरोना की खतरनाक लहर जानलेवा संक्रमण से बचने सुभाष चौक में पोस्टर लगाकर बाहर निकलने वालों को एक बेहतरीन सन्देश देने वाला है। इसे कलेक्टर भीम सिंह, एसपी सन्तोष सिंह सहित निगम कमिश्नर ने भी सराहा है। कोरोना की दूसरी लहर कितनी खतरनाक है यह आंकड़े भी बता रहे है इसकी जद में आने वाले जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है । कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वालों की मौत के आंकड़े भी भयावह हैं। कविता में भी यही कहा गया है कि बेवजह बाहर निकल कर मौत से आंख मिलाकर कब्रगाहों को सजाने की जरूरत क्या है जिंदगी एक नेमत है। फिलहाल युवा समाजसेवी ऐश अग्रवाल की कविता आम जन मानस को जागरूक करने वाली है इसके बाद भी लोग बेवजह घरों से बाहर सड़को पर गलियों में घूमते नजर आते हैं। लॉक डाउन शहरवासियों की सुरक्षा के लिए लागू किया गया है ताकि भयावह संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।