राजिम माघी पुन्नी मेला 2019 में छत्तीसगढ़ी कलाकारों को अब तक नही मिला प्रोत्साहन राशि, कलाकार हुए नाराज
दक्षिणापथ.रायपुर। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राजिम में माघी पुन्नी मेला 2019 में छत्तीसगढ़ी कलाकारों को ही आमंत्रित किया गया। लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी आठ दिन मुख्य मंच पर प्रस्तुति देने वाली संस्था की प्रोत्साहन राशि उन तक नहीं पहुंच पाई। जिसके चलते कलाकारों में नाराजगी देखी जा रही है।
भारत देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ की एक अलग पहचान यहां की संस्कृति से झलकती है। लेकिन लगातार विलुप्त हो रही छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नये रूप में तैयार करने संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री छ.ग. शासन ताम्रध्वज साहू ने राजिम में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले मेले को नया स्वरूप दिया। पिछले कई वर्षों से वह मेला राजिम कुम्भ मेला के नाम से लोगों की जुबां पर था किन्तु इस वर्ष मेले का नाम बदलकर माघी पुन्नी मेला कर दिया गया। यही नहीं, पहले मेले में लोगों के मनोरंजन के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा बाहरी कलाकारों को भी न्यौता दिया जाता था लेकिन इस बार केवल छत्तीसगढ़ विभिन्न अंचलों से छत्तीसगढ़ की अलग-अलग संस्कृति व परंपराओं पर आधारित संस्था को बुलाया गया।
8 दिन प्रस्तुति देने वाली संस्था को नहीं मिली राषि
ज्ञात हो कि इस वर्ष राजिम में 18 फरवरी से 4 मार्च तक माघी पुन्नी मेले का आयोजन किया गया। इस 15 दिनों के भीतर छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे लगभग 200 छत्तीसगढ़ी संस्थाओं ने मुख्य मंच पर प्रस्तुति देकर लोगों को छत्तीसगढ़ी परंपरा से जोड़ने का प्रयास किया। इसमें से केवल 18 से 24 फरवरी तक जिन संस्था ने मुख्य मंच पर अपनी प्रस्तुति दी है उन्हीं संस्था को प्रोत्साहन राशि मिल पाई है और 25 फरवरी से 4 मार्च तक जिन संस्था ने प्रस्तुति दी थी उन्हें अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है।
कैसे आगे बढ़ेगी छत्तीसगढ़ की संस्कृति
जब राजिम माघी पुन्नी मेले में प्रस्तुति देने कलाकार पहुंचें तो उनके चेहरे पर बड़े मंच में प्रस्तुति देने का अलग ही उत्साह था। किन्तु तीन माह बीत जाने के बाद भी उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली तो अब कोई मंच संचालक, कोई आयोजक समिति के सदस्य तो कोई संस्कृति विभाग में फोन कर अपनी प्रोत्साहन राशि के विषय में चर्चा कर रहा है। जिन संस्था को अब तक राशि नहीं मिली है उनमें काफी नाराजगी देखी जा रही है। अगर शुरूआती वर्ष में ही कलाकारों को नाराज किया जा रहा है तो ऐसे में दूसरे वर्ष कलाकारों को उस मंच पर प्रस्तुति देने के लिए कई दफा सोंचना पड़ेगा।
नहीं हुआ अनुमोदन
पूरे मामले में जब संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन के आला अधिकारियों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि 15 दिवस तक विभिन्न संस्था द्वारा दिये जाने वाले प्रस्तुति की प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में कलाकारों तक पहुंचाई जाती है। शुरूआत के सात दिनों तक जिन संस्था ने मुख्य मंच पर अपनी प्रस्तुति दी थी उन संस्था को बैंक खाते के माध्यम से पैसा पहुंचा दिया गया है। किन्तु 25 फरवरी से 4 मार्च तक जिन संस्था ने प्रस्तुति दी है उनको दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए अनुमोदन नहीं हुआ है। विभाग से सवाल किया गया कि कब तक बाकी संस्था की प्रोत्साहन राशि पहुंचेगी तो उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया।