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बरौद प्रभावित परिवार एसईसीएल की बरौद खदान का करेंगे कोयला डिस्पेच प्रोडक्शन ठप्प…… 15 जनवरी को प्रभावितों का होगा जमावड़ा ……. एसईसीएल को होगा एक दिन में करोड़ों का नुक़सान ….पुनर्वास राशि पर हो रहीं हैं पर ग्रामीणों ने खोला मोर्चा  

बरौद प्रभावित परिवार एसईसीएल की बरौद खदान का करेंगे कोयला डिस्पेच प्रोडक्शन ठप्प…… 15 जनवरी को प्रभावितों का होगा जमावड़ा ……. एसईसीएल को होगा एक दिन में करोड़ों का नुक़सान ….पुनर्वास राशि पर हो रहीं हैं पर ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
शमशाद अहमद
 घरघोड़ा – बरौद प्रभावित परिवार  पुनर्वास निति का सही लाभ दिये जाने की मांग को ले करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल एसईसीएल प्रबंधन एवं ग्रामीणों के बीच नायब तहसीलदार घरघोड़ा के समक्ष हुआ था विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी करनें पर सकारात्मक निर्णय लिया जाने का हुआ था लिखित समझौता लेऊ प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार की विस्थापन लाभ पर ग्रामीणों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया गया । ग्रामीणों का कहना है की पुनर्वास नीति के तहत् जो राशि दिया जा है आज की स्थिति में अपर्याप्त है एसईसीएल के अन्तर्गत आने वाली कोरबा जिले के परियोजना गेवरा क्षेत्र , दिपका क्षेत्र ,कुसमुंडा क्षेत्र ,के लिए पुनर्वास निति में संसोधन कर 03 लाख को 10लाख तथा अतिरिक्त पारितोषिक प्रोत्साहन राशि बोसन के रूप में 05 लाख दिया जा रहा है गेवरा,दिपका, कुसमुंडा परियोजना के लिए की  गई संसोधन को कोयले का सीम/अधिक उत्पादन को देखते हुए दिया जाना ग्रामीणों को बताया गया तथा बरौद प्रभावित परिवारों के जैसे एक और मामला सामने आया है जो बरौद के जैसा ही है कोरबा जिले के सराईपाली परियोजना ग्राम बुड़बुड़ विस्थापित परिवारों का विस्थापन लाभ अनुमोदित राशि 03 लाख से ना ख़ुश हो कर 20 दिसंबर 2023 को धरना प्रदर्शन आन्दोलन कर विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी का मांग किया गया था  जिस पर एसईसीएल के मुख्यालय स्तर के उच्च अधिकारियों एवं ग्रामीण के साथ नायब तहसीलदार पाली के समक्ष लिखित समझौता हुआ है की विस्थापन लाभ पर अतिरिक्त पारितोषिक प्रोत्साहन बोनस राशि 05 लाख एक्सग्रोसिया के रुप में प्रति परिवार कुल मिलाकर 08लाख रुपए देने कि सहमति बनी है जो रायगढ़ जिले के बरौद विस्थापित परिवारों पर भी लागू होनी चाहिए ग्रामीण बहुत ज्यादा आक्रोश है एक की उपक्रम में तीन तरह की निति कैसे जब की कोल इंडिया लिमिटेड भारत सरकार की उपक्रम है सदैव भारत सरकार की निति एवं नियमों को पालन करती है । एक जिले में अलग नियम एक जिले में अलग नियम 15 जनवरी तक मांगें पुरी नहीं हुई तो करेंगे पुर्ण खदान बन्दी आन्दोलन को आस- पास के प्रभावित परिवार तथा पंचायत पदाधिकारी , जनपद पंचायत सदस्य , जिला पंचायत सदस्य ,समाजसेवी संस्थाओं तथा कोरबा जिले के आन्दोलनकारी पंजीकृत ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति का मिल रहा है पूर्ण समर्थन तथा कोरबा जिले के आन्दोलनकारी मुख्य रुप से उपस्थित हो कर आन्दोलन को बाल देगे तथा हजारों के संख्या में उपस्थित रहेंगे आन्दोलनकारी महिलाओं की भी उपस्थिति रहेगी ।
वर्सन
     कोल इंडिया भारत सरकार का उपक्रम है अलग अलग निति बना कर विस्थापित परिवारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करें प्रबंधन  छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रभावित परिवारों को एकजुट होने का आव्हान करता हूं निति नियम एक जैसा होना चाहिए ये लड़ाई किसी एक या दो कि नहीं है पुरे विस्थापित परिवारों की लड़ाई है सभी को आगे आना चाहिए और तन मन धन से सहयोग देना चाहिए ।
सपुरन कुलदीप –
अध्यक्ष ऊर्जाधानी भूविस्थपित किसान कल्याण समिति

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