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संविधान की ताकत ने अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति को प्रथम नागरिक बनने का अधिकार दिया ….जीववर्धन चौहान बने महापौर …केवल शहर और प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में यह गौरव और चर्चा का विषय

 

रायगढ़ महापौर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। भाजपा ने बड़ी सूझबूझ और राजनैतिक कौशल का परिचय देते हुए एक बहुत ही सीधे साधे गरीब और ईमानदार चाय वाले श्री जीववर्धन चौहान को अपना प्रत्याशी बना कर सबको चौंका दिया। सीधे सरल छबि और चाय वाले के साथ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चमत्कारिक व्यक्तित्व से जोड़कर आम जनता से लेकर खास तक उनके हृदय की गहराइयों तक पहुंचने में पूरे प्रचार अभियान को सफल बनाया। विशेष बात यह रही कि इसकी कमान स्वयं विधायक और प्रदेश के मंत्री माननीय श्री ओ पी चौधरी ने संभाली जिसकी वजह से पूरा भाजपा परिवार भी एकजुट दिखाई दिया। जिसका परिणाम यह था कि प्रचार के दौरान ही उनकी जीत सुनिश्चित सी हो गई थी। परिणाम भी वैसा ही आया भारी बहुमत से जीववर्धन चौहान ने जीत दर्ज की। उल्लेखनीय है कि कुछ उच्च शिक्षाप्राप्त उम्मीदवारों को जनता ने नकार दिया। अपनी पूरी मानवीयता,संवेदना और सहानुभूति आम गरीब अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के प्रति सच्चे हृदय से व्यक्त की।

चारों तरफ यही गूंज है और अखबारों , मीडिया की सुर्खियां भी यही बनी कि एक गरीब चायवाला महापौर बना। केवल शहर और प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में यह गौरव और चर्चा का विषय बन गया है। यही संविधान की ताकत है।यदि संविधान के तहत यह आरक्षण का प्रावधान नहीं होता तो क्या यह संभव था ? क्या यह कल्पना की जा सकती थी? *संविधान की ताकत ने ही अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति को प्रथम नागरिक बनने का अधिकार दिया।श्री जीववर्धन चौहान महापौर बने।* इसके पहले भी साधारण परिवार के श्री जेठूराम मनहरण,एक महिला जानकी अमृत काटजू को भी प्रथम नागरिक अर्थात महापौर बनने का अवसर मिला।देश में कितने ऐसे लोग हैं जो आम से खास बने स्वयं छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री भी एक साधारण आदिवासी किसान के सुपुत्र हैं। यह सब अवसर हमें संविधान में प्रदत्त शक्ति और उसके प्रावधानों से मिलता है। इसी संविधान ने चाहे आम व्यक्ति हो या राष्ट्रपति हो सबको एक समान एक वोट का अधिकार देकर सबको समानता का अधिकार दिया है। कोई छोटा बड़ा नहीं, कोई ऊंच नीच नहीं सब एक समान। यही प्रजातंत्र की खूबसूरती है।इसीलिए इस महान संविधान की रक्षा करना सभी भारतीयों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

गणेश कछवाहा
लेखक/चिंतक/समीक्षक
रायगढ़, छत्तीसगढ़।
94255 72284
gp.kachhwaha@gmail.com

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