
DFO ने कहा मैं यहां का बॉस… चलती है मेरी मर्जी…जो छापना है छाप दो..प्रभारी अधिकारियों के भरोसे जिले का वन मण्डल- भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर धरने पर बैठे आरटीआई एक्टिविस्ट-डीएफओ से लेकर रेंजर तक है प्रभारी…
एक महीने में कार्रवाई के भरोसे पर खत्म हुआ धरना…
शमरोज खान सूरजपुर
सूरजपुर।क्या वन विभाग पर जंगल राज चल रहा है। जिले में वन मण्डलाधिकारी से लेकर रेंजर तक के पद पर प्रभारियों से काम चलाया जा रहा है।जिले के कई रेंज ऐसे है जहाँ प्रभारी अधिकारी ही पद पर तैनात है। जिला मुख्यालय तक मे यही हाल है। इतना ही नही हाल ही में डीएफओ के तबादले के बाद किसी नए आईएफएस की नियुक्ति न होने से एसडीओ स्तर के अधिकारी को डीएफओ का प्रभार दिया गया है।इसे लेकर यहां सरकार की किरकिरी हो रही है लेकिन फर्क किसी को नही पड़ रहा। अब जब अधिकारी ही नही है तो फिर कायदे कानूनों की बात करना ही बेमानी है।जिले में वन विभाग में नियमक़ानून के पालन नही करने और तमाम अनियमितता की शिकायतों को लेकर पिछले दिनों वन मण्डल खासा सुर्खियों में रहा।
बताया जाता है कि ग्रामीण विकास समिति के प्रमुख व आरटीआई एक्टिविस्ट हेमन्त नायडू तमाम शिकायतों को लेकर वन मण्डल दफ्तर के सामने धरने पर बैठ गए है।जिससे वन विभाग की हालत पतली हो गई थी। करीब 24 घण्टे से अधिक के धरने के बाद प्रभारी डीएफओ के लिखित आश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त किया था। उन्हें दिए गए लिखित आश्वासन में उनकी शिकायतों की कमेटी के माध्यम से जांच करा कर एक महीने में कार्रवाई का भरोसा दिया गया है। नायडू के जो आरोप है उनके अनुसार जिले में करीब 50 करोड़ की गोबर खरीदी की गई है उसकी उन्होंने जानकारी चाही है। इसके अलावे रामानुजनगर ब्लॉक के अर्जुनपुर मे डब्लूबीएम सड़क निर्माण में धांधली,रोजगार गारंटी के काम को मशीनों से कराए जाने, 184 रुपए की जगह 50 रुपए रॉयल्टी पटा कर राजस्व नुकसान करने तथा बिना जीएसटी के करोड़ो रूपये का भुगतान आदि किये जाने की शिकायत व जांच की मांग की गई है।अब एक महीने के अंदर जांच में क्या सामने आता है यह तो जांच के बाद पता चलेगा..?
छाप दो
इस मामले में प्रभारी डीएफओ श्री भगत से विभाग का पक्ष जानने के लिए सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बिना कोई बात सुने एक लाइन में कह दिया कि मैं यहांं का बॉस हूँ…मेरी मर्जी चलती है…जो छापना है छाप दो …लिहाजा वन विभाग का पक्ष ज्ञात नही हो सका है।
हालांकि अत्यंत सुर्ख़ियों विवादित में रहे हैं श्री भगत आए दिन अपना तू लगी बयान देने से पीछे भी नहीं हटते हैं आखिर है किसका संरक्षण लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।