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संबलपुरी गौठान में आये 30 नये मेहमान* *कलेक्टर भीम सिंह के पहल से संरक्षित हुए निर्वासित गाय* *परिजनों के जन्मदिवस या स्मृति विशेष में संबलपुरी गौठान आकर करे गौ माता की सेवा-आशुतोष पांडेय*

रायगढ़ -/-छत्तीसगढ़ का पहला गौ अभ्यारण्य रायगढ़ शहर के संबलपुरी में बनने के बाद आवारा मवेशियों का जीवन संरक्षित हो गया शहर में बड़े वाहनों की चपेट में आकर कई मवेशियों ने अपना जान गवा दिया किंतु छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बारी योजना अंतर्गत छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपरा को पुनः स्थापित कर छत्तीसगढ़ वासियों को नई पहचान दी राज्य अंतर्गत समस्त जिले के कलेक्टर को इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए निर्देशित किया गया जिसमें रायगढ़ जिले के कलेक्टर भीम सिंह ने अपने तार्किक सोच से इस योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जिसका प्रतिसाद आज जिले में परिलक्षित हो रहा है योजना अंतर्गत गरवा अर्थात गायों के संरक्षण में कलेक्टर की पहल अत्यंत सराहनीय है जिसके लिए उन्होंने संयुक्त टीम का गठन किया जिसमें नगर निगम पशु विभाग वन विभाग और कृषि विभाग को सामंजस्यता के साथ कार्य करने निर्देशित किए,शहर अंतर्गत गौठान, गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए नगर निगम के आयुक्त आशुतोष पांडे कलेक्टर के मार्गदर्शन में शहरी गौठान संबलपुरी में स्थापित किए जो 19 एकड़ में फैला हुआ पशुओँ के चारा पानी के साथ अनुकूल वातावरण में स्थित है।

*निर्वासित गाय हैं माता सीता की तरह*

जिस तरह से रामायण काल अंतर्गत सीता माता जानकी को अयोध्या से निर्वासित किया जाता है और वह यत्र तत्र भटकती रहती है तभी उन्हें वन के सन्यासी महर्षि बाल्मीकि अपने आश्रम में शरण देते हैं और माता जानकी अपने दोनों पुत्र लव-कुश को जन्म देकर उन्हें संस्कारवान बनाती हैं ठीक उसी तरह जिले के विनम्र और दूरदर्शी सोच वाले कलेक्टर भीम सिंह घर से निर्वासित गायों को उनके जीवन रक्षा के लिए उन्हें संरक्षित करने के लिए शहरी संबलपुरी गौठान जो राज्य का पहला गौ अभ्यारण्य के नाम से विख्यात हो चुका है जिसे विस्थापित कराकर उनकी देखभाल के लिए विभागों को मार्ग प्रशस्त कर रहे है।

*संबलपुरी गौठान में आए लव कुश की भांति 30 नए मेहमान*
शहर के विभिन्न क्षेत्रों से लाए गए घुमंतू मवेशियों को गौठान में भरपूर चारा और उपयुक्त वातावरण मिलने पर स्वस्थ गौ माताओं ने 30 स्वस्थ बछड़े और बछियों को जन्म दिया है इनके देखरेख के लिए नगर निगम द्वारा गौ माता सेवा समिति को भी रखवाया गया है जो उनकी सेवा करते हैं साथ ही पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर प्रतिदिन इनके जांच कर दवा और स्वास्थ्य लाभ के उपाय बताते हैं।

*डी एम एफ फंड के 40 लाख से हो रहा गौठान का विस्तार*
कलेक्टर भीम सिंह ने डीएमएफ़ फंड से 40 लाख तथा गोधन न्याय योजना से 58000 दिया तथा शहर के समाजसेवियों से ₹51000 का सहयोग प्राप्त हुआ है वर्तमान में घास काटने की मशीन भी ली गई है जिसे पेरा कुठी बनाकर गायों को चारा दिया जा रहा है वहीं नेपियर घास की भी खेती की गई है जो चारा के साथ छायादार पेड़ बनाने के भी काम आती है।

*वर्मी कंपोस्ट खाद का होगा सबसे बड़ा केंद्र संबलपुरी गौठान*

500 से अधिक मवेशियों के गौठान में गोबर की भी अधिकता है जिसे खाद बनाने हेतु छायादार शेड की तैयारी अंतिम की ओर है लो वेस्ट के साथ पक्के टंकियां बनाये जा रहे है बहुत जल्द वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर इसे भी विक्रय केंद्र बनाया जाएगा जिससे वहां कार्य करने वाले महिलाएं स्व सहायता समूह को रोजगार और जीविकोपार्जन में सहायता मिलेगी ।
गौठान को संचालित करने वाले नगर निगम के आयुक्त आशुतोष पांडे ने शहर वासियों एवं जनप्रतिनिधियों से अपील किया है कि लोग अपने परिजनों के जन्मदिवस या स्मृति में संबलपुरी गौठान जरूर आएं गौ माता की सेवा यथा शक्ति तथा भक्ति के आधार पर कर पुण्य के भागी जरूर बने,वे कहते हैं कि जिस तरह से नगर निगम के महापौर जानकी काटजू सभापति जयंत ठेठवार एवं समस्त जनप्रतिनिधियों का सहयोग मिला है वह अपने क्षेत्र के लोगों को भी गौ सेवा के लिए प्रेरित करें ,घर मे पाले हुए गायों की सेवा तो हम करते ही हैं उसी तरह यदि हम इन निर्वाचित गायों की सेवा भी करते हैं तो निश्चित ही हम पुण्य के भागी बनते हैं गाय हमारी माता है और माता की सेवा समस्त सेवा में सर्वश्रेष्ठ होती है।

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