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राजन कोल वाशरी के 5 गुना क्षमता विस्तार से तबाह हो जाएगा डुमरपाली गांव…….ऐसा इसलिए कि.0.96 मिलियन टन से 5.0 मिलियन टन प्रतिवर्ष की होगी परियोजना, 30 जून को होगी जनसुनवाई

 

  • रायगढ। खरसिया के छोटे डुमरपाली गांव के लोगों की मुसीबत अब और बढ़ने वाली है। इस गांव में स्थापित राजन कोल वाशरी अपनी छमता का पांच गुना विस्तार करने वाली है। पहले ही इस कोल वाशरी के प्रदूषण, पेड़ काटने व किसानों के जमीन को कब्जाने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश था अब कोल वाशरी के पांच गुना विस्तार से यह गांव पूरी तरह से प्रदूषण की चपेट में आ जायेगा। ऐसे में ग्रामीण कोल वाशरी के छमता विस्तार के विरोध में आ गए हैं। 30 जून को होने वाली जनसुनवाई को विफल करने ग्रामीणों ने कमर कस ली है।

मिली जानकारी के अनसार मेसर्स राजन कोल वाशरी लिमिटेड (यूनिट ऑफ मेसर्स भाटिया एनर्जी एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड) ग्राम छोटे डूमरपाली तहसील खरसिया रायगढ़ स्थित कुल क्षेत्रफल 8.10 हेक्टेयर से 14.50 हेक्टेयर में क्षमता विस्तार के तहत कोल वाशरी क्षमता 0.96 मिलियन प्रतिवर्ष से 5.0 मिलियन प्रतिवर्ष की स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जून लोक सुनवाई आयोजित करने जा रहा है इस परियोजना के लिए लोक सुनवाई दिनांक 30 जून 2021 बुधवार 11:00 शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला परिसर मैदान नवापाली खरसिया में रखी गई है।

*ग्रामीण पहले भी कर चुके हैं शिकायत*
राजन कोलवाशरी के कार्यों से त्रस्त डूमरपाली के लोग पहले भी रायगढ़ आकर कलेक्टर से शिकायत कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वाशरी के लोगों ने अनाप शनाप तरीके से गांव के पे़डों को कटवा दिया है, लोगों द्वारा मना किए जाने पर उन्हें फंसा देने की धमकी देते हैं। राजन कोलवाशरी द्वारा छोटे डूमरपाली के नाला किनारे स्थित शासकीय व निजी भूमि में लगे हरे भरे फलदार जामून के वृक्षों को जेसीबी मशीन से धराशायी किये जाने की शिकायत कर चुके हैं। उस वक्त आक्रोशित ग्रामीणो ने कंपनी की लगी गाडियों को भी रोका था। जिसके बाद मौके पर खरसिया तहसीलदार पहुंचे और काटे गये वृक्षो का पंचनामा तैयार करवाया था।
*जमीन ह़डपने की भी की शिकायत*
शिकायत पर नायब तहसीलदार जब घटनास्थल पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनसे राजन कोलवाशरी द्वारा जमीनों को भी दबाने की शिकायत की थी। 1 एक़ड़ जमीन के बदले में 5 एकड़ जमीन खरीद ली गई है। इसके अलावा बिना जमीन को खरीदे भी राजन कोल वाशरी के लोगों ने जमीन को दबा लेने की शिकायत की थी।

*170 ख का भी मामला हुआ है दर्ज*
वहीं प्रशासन की फाइलों में इसी उद्योग के लिये गरीब आदिवासियों की ली गई जमीन का प्रकरण भी एसडीएम की फाइलों में कार्यवाही की बाट जोह रहा है। इसमें दो आदिवासियों की जमीन दूसरे आदिवासी के नाम से लेकर अपना उपयोग करने पर राजन कोल वाशरी पर प्रकरण दर्ज किया गया है। आज भी आदिवासियों के अलावा सामान्य वर्गो की जमीन भी इस फैक्टरी के अंदर प्रबंधन की गिरफ्त में है।

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