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अगर होम आइसोलेशन में हैं तो बरतें यह सावधानियां जिले के इन विशेषज्ञ डॉक्टर की होम आइसोलेशन पर महत्वपूर्ण सलाह …जानेे आप ये है महत्वपूर्ण 

 

रायगढ़।

जिले में 1 अप्रैल से अब तक 20,000 से अधिक लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। इसमें होम आइसोलेशन में रहकर ठीक होने वालों की संख्या अधिक है। डॉक्टर्स की माने तो करीब 90 फीसदी कोरोना संक्रमित रोगी घर पर रहकर ही ठीक हो जाते है। उन्हे न तो ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है और न ही हॉस्पिटल में भर्ती करने की। पर फिर भी जो लोग घरों में अलग रहकर यानी होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे हैं, उनके सामने कई सवाल रहते हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यह रहता है कि आखिर उनका होम आइसोलेशन कब खत्म होगा?
अगर सही दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया और समय से पहले होम आइसोलेशन खत्म कर दिया तो क्या वायरस अन्य लोगों में संचारित हो सकता हैं। आम तौर पर संक्रामक लक्षणों के बाद शरीर में वायरस की संख्या तेजी से कम होती है, जिससे दूसरे लोगों में वायरस ट्रांसमिट करने की क्षमता खत्म हो जाती है। मरीज के लिए मास्क पहनने, साफ-सफाई रखने और अन्य एहतियाती उपाय जारी रखना भी जरूरी है।
होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के और भी कुछ महत्वपूर्ण सवाल हैं, जिनके जवाब होम आइसोलेशन के मरीजों की निगरानी कर चुके डॉक्टर सिद्धार्थ सिन्हा, डॉक्टर विवेक उपाध्याय और प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी व सैंपलिंग-टेस्टिंग के नोडल अधिकारी डॉक्टर योगेश पटेल ने दिये । इन्होंने होम आइसोलेशन से संबंधित सारी सावधानियों को बताया।

*क्या है होम आइसोलेशन, यह किसे मिलता है*

डॉक्टर विवेक उपाध्याय बताते हैं: “अगर किसी मरीज में कोरोना वायरस संक्रमण का कोई लक्षण नजर आता है या वह किसी कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उसे जांच की सलाह दी जाती है। जब तक जांच के नतीजे नहीं आते, तब तक उस व्यक्ति को घर में सबसे अलग यानी आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है। नतीजे आने पर अगर वह कोरोना वायरस पॉजिटिव निकलता है तो लक्षणों के आधार पर डॉक्टर उसका इलाज करते हैं।
अगर लक्षण हल्के या मामूली हैं तो उसका इलाज घर पर ही हो सकता है। इसके लिए कोशिश की जाती है कि वह अन्य घरवालों के संपर्क में आकर उन्हें संक्रमित न करे। उसे अलग-थलग रहने को कहा जाता है, जिसे होम आइसोलेशन या क्वारैंटाइन में रहकर इलाज करना कहते हैं। इस दौरान मरीज को देखभाल करने वाले की सख्त आवश्यकता होती है, जो मरीज की दवा, खानपान एवं अन्य जरूरतों को पूरा करता है।”

*कब तक रहता है होम आइसोलेशन*
डॉक्टर सिद्दार्थ सिन्हा बताते हैं: “आम तौर पर मरीजों को 14 से 17 दिन होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है। पर यह सब लक्षणों की प्रकृति और उनकी गंभीरता से तय होता है। फिर भी मानकर चलिए कि लक्षणों के दिखने पर कम से कम 14 दिन तक आइसोलेट रहना ही है। जिन लोगों में संक्रमण के कोई लक्षण न हों, उनका होम आइसोलेशन वायरस के लिए जांच में पॉजिटिव आने के 10 दिन बाद खत्म हो सकता है। बेहतर होगा आपका इलाज कर रहे डॉक्टर या फिजिशियन से पूछकर आप तय करें कि आइसोलेशन खत्म कब करना है।‘’
अगर मरीज को तीन दिन से बुखार नहीं आया है तो अगले 7 दिन में आप आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं। धीरे-धीरे लक्षण खत्म होने लगते हैं और जब पूरी तरह खत्म हो जाते हैं तब भी कुछ दिन आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है।

*कैसे खत्म होगा होम आइसोलेशन*
डॉक्टर योगेश पटेल कहते हैं: “इसकी कोई जरूरत नहीं है आदर्श परिस्थितियों में 24 घंटे के अंतर से दो आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने पर होम आइसोलेशन खत्म करने को कहा जाता है। पर जिस तेजी से केस बढ़ रहे हैं और जांच करने वाली लैबोरेटरीज पर दबाव बढ़ रहा है, मरीज 14 दिन बाद बिना टेस्ट के भी आइसोलेशन खत्म कर सकता है। सरकार की कोई गाइडलाइन नहीं है टेस्ट कराने की। 17 दिन में कोई लक्षण नहीं आने पर होम आइसोलेशन से बाहर निकल सकते हैं। 17 दिन में अपने आप ही समाप्त माना जाता है।
विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि अगर आरटीपीसीआर टेस्ट कराया तो मृत वायरस की वजह से रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है। भले ही शरीर में वायरस की डेडबॉडी हो, पर टेस्ट तो पॉजिटिव बताता है। पर उससे किसी और को इन्फेक्ट करने या वायरस ट्रांसमिशन का खतरा बिल्कुल भी नहीं रहता है।यह ध्यान रखना जरूरी है कि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें डॉक्टर आम तौर पर निर्धारित आइसोलेशन अवधि से ज्यादा आइसोलेशन में रहने को कह सकते हैं। उन्हें दोबारा टेस्टिंग के लिए भी कहा जा सकता है।”

*कोरोना पॉजिटिव मरीज लोगों के बीच कब जा सकता है*
डॉ सिन्हा बताते हैं कि अगर कोई लक्षण नहीं बचा है तो व्यक्ति शुरुआती लक्षणों के 14-17 दिन में काम पर लौट सकता है। पर यह देखना जरूरी है कि वह अपने काम कर पा रहा है या नहीं। अक्सर लोग पूरी तरह रिकवर नहीं हो पाते और रोजमर्रा के काम में लौट आते हैं। इससे उनकी रिकवरी प्रभावित होती है। पूरी तरह से ठीक होने में अतिरिक्त समय लगता है। आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद वह अन्य लोगों में जा सकता है। पर उसे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होता है।

*घर में कोई कोरोना इन्फेक्टेड व्यक्ति है तो यह जानकारी होना जरूरी*
डॉक्टर विवेक उपाध्याय के अनुसार होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीज की देखभाल करने वाले को कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है। वह जब भी संक्रमित व्यक्ति से जुड़ा कोई काम करें तो अतिरिक्त सावधानी बरतें। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर का इस्तेमाल और अन्य प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। अगर किसी भी तरह का लक्षण नजर आता है तो तत्काल आइसोलेट कर लें। बाकी लोगों से मिले-जुले नहीं। जांच कराएं और अगर पॉजिटिव आते हैं तो डॉक्टर की सलाह से पूरे प्रोटोकॉल का पालन करें।
आइसोलेशन में रहने वाले मरीज और उसकी देखभाल करने वाले को यह सुनिश्चित करना होगा कि आसपास साफ-सफाई रहे। कचरे का निपटान सही तरीके से हो। डिसइंफेक्शन और सैनिटेशन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मरीज को ऐसा आहार लेना है, जिसमें प्रोटीन अधिक हो। यह वायरस से लड़ने और जल्द से जल्द रिकवर होने में मदद करता है।

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