
एस ई सी एल की बेरुखी बरघाट चढ़ाई पर पड़ रही भारी बरघाट में जाम की निरंतरता से लोग हलाकान,परिवर्तित मार्गो से सफर करने को लोग होते है लाचार
रायगढ़ से शशिकांत यादव
रायगढ़-/-दूरस्थ प्रदेशो से या कोयला लदी भारी भरकम वाहन ही क्यों न हो बरघाट की चढ़ाई चढ़ते वक्त अच्छे अच्छे चालकों की चालाकी धरी की धरी रह जाती है और देखते ही देखते अपनी वाहनें चढ़ाई चढ़ने में दम तोड़ जस की तस खड़ी हो जाती है या पीछे की ओर लुढकती चली जाती है यदि ब्रेक लगाने में चुक हुई तो सड़क छोड़ खेतों के गड्ढों में जाने के बाद सिर्फ क्रेन ही उसे निकाल पाती है यह अक्सर बरघाट की चढ़ाई में अनेकों दशकों तक क्षेत्रीय लोग नजारा देखा करते है पर दूरस्थ प्रदेशों या जिले की अन्य तमाम ब्लॉको के लोगों की निरंतर आवाजही तथा यात्री बसें दो पहिए हो या चार पहिए की वाहनें अक्सर बरघाट के जाम में आकर रात रात भर फंस जाते है दिन में जाम की खबर तो पन्द्रह किमी दूर घरघोड़ा तक किसी तरह लग भी जाती है पर रात्रि पहर जाम में वाहनों की लम्बी कतारें देखी जा सकती है तब घरघोड़ा से परिवर्तित मार्ग लैलुंगा या धरमजयगढ़ खरसिया मार्ग ही अपने गंतव्य के लिए होती है बरघाट की जाम के कारण यात्रियों को काफी अधिक कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है |
गत रात्रि तकरीबन ड़ेढ बजे से बरघाट की चढ़ाई में पॉच वाहनें एक के बाद एक फंसते चली गई न तो आगे से कोई वाहन उक्त कतारबद्ध आकर खड़ी हो चुकी एक दुसरे वाहनों को पार नहीं कर पा रही थी और ना ही पीछे से कोई वाहन आजू बाजू से जा सकती थी फिर देखते ही देखते लग गई रात्रि पहर ही जाम का रैला प्रशासन के लोग आंखे मूंदे रहे एसईसीएल कम्पनी मौन धारण किये रही लोग तमाशबीन हो देखते रहे और वाहनों के ड्रायवर जहॉ के तहॉ स्टेयरिंग में हाथ धरे बैठे रहे !