♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

बरसात में मलेरिया का बढ़ा खतरा , बच्चों का कैसे करें बचाव? क्या है विशेषज्ञों की राय पढ़े पूरी खबर।

रायगढ़ से शशिकांत यादव

रायगढ़, 20 जुलाई 2021.
रायगढ़-/- बारिश के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। जगह- जगह बारिश के कारण जलजमाव की स्थिति देखी जा रही है। जमे हुए पानी के कारण जलजनित रोगों के बढऩे की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है। जमा हुआ पानी मच्छर के पनपने का लिए अनुकूल होता है। मच्छर के काटने से कई रोग जैसे मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे रोगों के प्रसार की संभावना प्रबल रहती है। जिसमें मलेरिया नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं एवं पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के लिए समुचित प्रबंधन के अभाव में खतरनाक साबित हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में मलेरिया से होने वाली कुल मौतों में 67 प्रतिशत बच्चे ही शामिल रहते हैं। बच्चों को मलेरिया के प्रकोप से बचाना स्वास्थ्य संस्थानों के लिए एक चुनौती साबित हो रही है। जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि मलेरिया मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है और इसके लक्षण 10 से 15 दिनों के बाद ही दिखाई पड़ते हैं।

*बचाव का सबसे बेहतर उपाय है स्वच्छता और सावधानी :*
जिला गैर संचारी रोग के नोडल डॉ. टीके टोन्डर ने बताया, “मलेरिया मच्छर जनित रोग है, जो मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है। वयस्कों में मलेरिया का उचित प्रबंधन न हो तो इससे मल्टी ऑर्गन फेलियर तक हो सकता है। मादा एनाफिलीज मच्छर पनपने का सबसे बड़ा कारण गंदगी और जलजमाव है। इसलिए अपने आस-पास साफ सफाई रखें, खाली बर्तन, डब्बे, गमले, घर के आस-पास की नालियां समय-समय पर साफ करें और गंदा पानी न जमने दें। शौचालय एवं उसके आसपास की जगह, किचेन, बेडरूम अंधकार मुक्त और हवादार बनाएं तथा जमे हुए पानी पर कीटनाशक का प्रयोग कर मच्छरों को नष्ट कर दें। वाटरकूलर या नल के पास पानी जमा नहीं होने दें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरुर करें और हाथ- पैर को ढंकने वाले कपड़े इस्तेमाल करें। सही जानकारी के अभाव में मलेरिया समुदाय के लिए स्वच्छता का विषय बना हुआ है। लेकिन यदि साफ-सफाई और सुरक्षा के उपाय किए जाए तथा इसके लक्षणों को सही से समझ कर ससमय इलाज किया जाए तो इसे हराना आसान है”।

*मलेरिया के लक्षण :*
डॉ. टोन्डर ने बताया, “यदि किसी को सामान्य से अधिक तेज बुखार हो, तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में सूजन और तेज दर्द, हड्डियों में दर्द, उल्टी और जी मचलाये, बच्चों में एनीमिया के लक्षण नजर आए तो अविलंब चिकित्सीय सलाह लें। जांच से मरीज को मलेरिया है या नहीं यह आसानी से पता चल पाएगा और चिकित्सक उसके अनुसार इलाज शुरू कर पाएंगे। हालांकि तेज बुखार कोरोना संक्रमण का लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए लक्षण दिखने पर सर्वप्रथम जांच अवश्य कराएं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close