नावापारा से सराईभद्दर जाने वाले सार्वजनिक मार्ग पर रसूखदर का कब्ज़ा, मोहल्ले वासियों ने लगाया कृष्णा देवी अग्रवाल और तिरुपति राईस मिलर से आपसी सांठगांठ का आरोप…!* *शिकायत को 4 महीने बीतने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने से मोहल्ले वासियों में रोष…!*
रायगढ़ से शशिकांत यादव
रायगढ़-/- हमारा जिला औद्योगिक हब के रूप में उभर रहा है तथा पिछले 1 दशकों से जिले में उद्योगों के आने से जहां जमीनों के दाम आसमान छूने लगे. वहीं जिले में भूमाफिया काफी लंबे समय से सक्रिय हैं तथा रसूख के दम पर जिम्मेदार अधिकारियों से सांठगांठ करते हुए शासकीय बेशकीमती जमीनों पर लगातार कब्जा किया जा रहा है. इसी कड़ी में वार्ड नं 34 मे मोहल्ले वासियों के सार्वजनिक आवागमन मार्ग पर कब्जा करने का एक मामला प्रकाश में आया है.
*क्या है मामला……* वार्ड क्रमांक 34 नावापारा मोहल्ला लगभग 40-50 वर्षों से नगर पालिका निगम रायगढ़ का हिस्सा है. मोहल्ला कबीर चौक अटल चौक एवं काशीराम चौक के त्रिभुजाकार क्षेत्र के मध्य बसा हुआ है। जहां वर्तमान में करीब 230 परिवार नावापारा वार्ड 34 मे निवासरत है. जिनमें अधिकांश दैनिक मजदूरी, बढ़ाई, पलंबर, बिजली मिस्त्री, पेंटर तथा कुछ शासकीय सेवाएं में संलग्न रह कर जीवन यापन कर रहे हैं।तथा मोहल्ले की बसाहट आरंभिक दिनों में नावापारा से सराईभद्दर होते छातामुड़ा तक पगडंडी रास्ता था. जिसमें मोहल्ले वासी सराईभद्दर में स्थित तालाब तक जाते थे एवं छातामुड़ा के दूध व्यापारी किसान उसी पगडंडी रास्ते से होकर शहर तक आना-जाना करते थे। मोहल्ले में कोई सार्वजनिक जल स्रोत नहीं होने के कारण मोहल्ले वासियों के द्वारा सराईभद्दर स्थित तालाब को निस्तारित योग्य बनाने हेतु कुछ श्रमदान कर मिट्टी खोदकर तथा शासकीय राशि का उपयोग से गहरीकरण कराया गया. जो आज सार्वजनिक जल स्रोत के रूप में उपयोग किया जा रहा है। वर्ष 2005 से 2006 में तिरुपति राइस मिल मालिक द्वारा पगडंडी रास्ते को अवरुद्ध कर दिया गया रास्ता विरुद्ध होने की असुविधा कारण मोहल्ले वासी तत्कालीन कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर आवेदन प्रस्तुत किए। जिस पर तत्कालिन कलेक्टर महोदय के निर्देश पर तिरुपति राईस मिलर द्वारा उक्त पगडंडी के एवज में उसी जमीन से लगी हुई अन्य किसानों की भूमि 15 फीट चौड़ाई में खरीदकर मोहल्ले वासियों के निस्तारी का रास्ता आपसी समझौता पर निर्धारित किया जिसमें नगर निगम द्वारा किनारे से नाली भी निर्मित किया गया है। तथा संपूर्ण मोहल्ले वासी सनातन परंपरा एवं हिंदू मान्यताओं पर आधारित जीवन यापन करते हैं. अतः मोहल्ले में विगत 20 वर्षों से अनवरत चले आ रहे शारदीय नव दिवसीय अनुष्ठान हेतु कलश यात्रा श्राद्ध के दिनों में तर्पण एवं मरोतारण समस्त कर्म सराईभद्दर स्थित तालाब से उसी निस्तारी रास्ते का आश्रय लेकर करते आए हैं। जिसे बीते दिनों आवागमन सर्वजनिक मार्ग को कृष्णा देवी अग्रवाल निवासी फ्रेंड्स कॉलोनी द्वारा पक्के ईट से दीवाल निर्मित कर अवरुद्ध कर दिया गया है। मोहल्ले वासियों के द्वारा उक्त मार्ग के अवरुद्ध होने पर संबंधितो से मार्ग अवरुद्ध होने के संबंध में जानकारी चाही गई तो बताया गया कि उक्त भूमि उसके निजी हक़ की रजिस्टर्ड भूमि है. वार्ड मे इतनी बड़ी आबादी में आए दिन किसी न किसी को बीमार होने पर उपचार, प्रसव हेतु आकस्मिक रूप से चिकित्सालय ले जाना पड़ता है मोहल्ले से शहर हेतु मुख्य रास्ता तो है. परंतु विकल्प के रूप में दूसरा मार्ग जिस तरफ से अपेक्स
एवं राजप्रिय जैसे आधुनिक चिकित्सालय शीघ्र पहुंचने की सुविधा खत्म हो रही है। पूर्व में तिरुपति राइस मिल द्वारा निस्तारित हेतु दिए गए 15 फीट चौड़ाई मार्ग अवरुद्ध होने पर हमें ऐसी आशंका है कि राइस मिलर एवं वर्तमान में मार्ग अवरुद्ध करने वाले फर्म द्वारा आपसी सांठगांठ कर मोहल्ले वासियों के साथ धोखा किया जा रहा है। मार्ग के खुले रहने पर वर्तमान में शासन द्वारा चलाए जा रहे जनकल्याण स्वास्थ्य सुविधाओं के युक्त एंबुलेंस आदि की सुविधा मुख्य मार्ग के साथ-साथ काशीराम चौक एवं अटल चौक के मध्य बाईपास मार्ग से मोहल्ले के दोनों किनारों से प्राप्त होती रहेगी।
*आइये जानते है क्या कहते वार्ड पार्षद…*
वार्ड पार्षद श्रीमती पुष्पा निरंजन साहू ने बताया कि नावापारा से सराईभद्दर होते छातामुड़ा तक पगडंडी रास्ता था. जिसे तिरुपति राइस मिल द्वारा मोहल्ले वासियों के साथ छल कपट और धोखा करते हुए आवागमन निस्तारित मार्ग को कब्जा कर लिया है. जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई हैं. किन्तु आवेदन पर 4 माह बीत जाने के बाद भी शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है. आवागमन मार्ग अवरुद्ध होने से लोगो को लंबी दूरी तय करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिस कारण मोहल्ले वासियों मे मार्ग को लेकर रोष पनपने लगा है. जल्द ही प्रशासन को इस समस्या पर गंभीर विचार करते हुए कार्यवाही करनी चाहिए. जल्द ही कार्यवाही ना होने की स्थिति में मार्ग को कब्जा मुक्त कराने के लिए मोहल्ले वासियों द्वारा उग्र प्रदर्शन किया जावेगा.