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शिक्षा विदों अधिवक्ताओं, बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों की मौजूदगी में “जलवायु न्याय पुस्तकालय” का शुभारम्भ…..समाज सेविका सविता रथ की पहल अधिवक्ता स्व प्रशांतो बैनर्जी की स्मृति में पुस्तकालय का हुआ उद्घाटन…. जाने कौन है स्व प्रशांतो बैनर्जी

 

रायगढ़ ।

अंबिकापुर जैसे शहर में रायगढ़ जिले की जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता सविता रथ के सराहनीय पहल पर एक पुस्तकालय की नींव रखी गई है जिसका नाम जलवायु न्याय पुस्तकालय रखा गया है। अधिवक्ता स्व प्रशांतो बैनर्जी की स्मृति में इस पुस्तकालय का शुभारंभ किया गया। पुस्तकालय उद्घाटन उपरांत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए इसमें संबंधित विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

शहर के निवासियों और विभिन्न संगठनों को शिक्षा और सामुदायिक विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मनाने के लिए सारे शहरवासियों को आमंत्रित किया जाता है “जलवायु न्याय पुस्तकालय” एक अत्याधुनिक सार्वजनिक पुस्तकालय जो सीखने और ज्ञान संवर्धन के एक नए युग का प्रदर्शन करता है।

सविता रथ ने बताया कि जीपीएफ इंडिया, यूथ फॉर क्लाइमेट इंडिया और भूमि बंधु संस्थान के समग्र प्रयासों से, शांति, न्याय और जलवायु साक्षरता पर एक पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया है। और इसे दिवंगत अधिवक्ता स्व प्रशांतो कुमार बनर्जी की स्मृति में क्षेत्र के युवाओं को समर्पित किया गया। बता दे की अधिवक्ता स्व प्रशांतो बैनर्जी रायगढ़ शहर के यातायात डीएसपी शुषांतो बनर्जी के भाई थे। जिन्होंने बहुत कम उम्र विशेष में सामाजिक सक्रियता के क्षेत्र में पहचान बनाई और ऐसी लाइब्रेरी का उनका सपना आखिरकार उनके परिवार के सदस्यों के सहयोग से पूरा हो रहा है जिन्होंने इस लाइब्रेरी को स्थापित करने के लिए अपना समय समर्पित किया।

पुस्तकों के विविध संग्रह के साथ, पुस्तकालय का लक्ष्य साहित्य और विज्ञान से लेकर इतिहास और मूल भाषा की पुस्तकों के साथ कई विषयों के साथ शिक्षा और व्यक्तिगत विकास के केंद्र के रूप में इस पुस्तकालय को आगे बढ़ाने लक्ष्य रखा गया है। सविता रथ ने यह भी बताया कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ एमआईएल फोरम, जीपीएफ इंडिया (ग्लोबल पीस फाउंडेशन) की एक पहल है जो स्थानीय समुदायों के लिए आवश्यक शांति निर्माण उपकरण पेश करने पर केंद्रित है।
छत्तीसगढ़ का फोरम यह 8वां संस्करण है जो जलवायु न्याय पुस्तकालय प्रयास का समर्थन करते हुए शांति, न्याय और जलवायु साक्षरता पर केंद्रित रहेगा। इस पुस्तकालय का उद्घाटन समारोह मंगलवार को सुबह 10 बजे हाउस नम्बर 01 स्व डी.के . बनर्जी बाबूपारा जेल रोड, अंबिकापुर सरगुजा में विधिवत रिबन काट शुभारंभ किया गया। जिसमें गंगा राम पैकरा सामाजिक कार्यकर्ता, और प्रोफ़ेसर डॉ.अभय पांडे शामिल की उपस्थिति में शुभारंभ किया गया। इसके बाद इस विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। साथ ही एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में शिक्षाविदों, अधिवक्ताओं, बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों के प्रमुखों, अनुसंधान संस्थानों, परिवार के सदस्यों और यूथ फॉर क्लाइमेट इंडिया के सहयोगात्मक प्रयासों से संभव हुई, जो आज के युग में पुस्तकालय की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हैं।

इस उल्लेखनीय योजना के पीछे दूरदर्शी सोच की सविता रथ कहती हैं कि इस पुस्तकालय का उद्देश्य कम उम्र में सीखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देना और एक ऐसा स्थान बनाना है जहां सभी उम्र के लोग एक साथ आ सकें, विचार साझा कर सकें और अपने क्षितिज का विस्तार कर सकें। इस पुस्तकालय को आजीवन सीखने, सांस्कृतिक जुड़ाव और सामुदायिक जुड़ाव के लिए एक गतिशील मंच के रूप में देखा जाएगा।

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