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आधुनिक तकनीक, सम्यक मार्गदर्शन, क्रिएटिविटी व आध्यात्म से मिलेगी शैक्षणिक गतिविधियों को नई उड़ान यह कहना है कृष्ण मोहन भास्कर भाटला, प्राचार्य श्री स्वामीनारायण गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल, एनटीपीसी-लारा का इस बात भी बेबाक कहते हैं कि शिक्षा को सरल, सहज, रुचिकर तथा सार्थक बनाना समय की मांग

श्री स्वामीनारायण गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल, एनटीपीसी-लारा अपनी नवाचार गतिविधियों से सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर- कृष्ण मोहन भास्कर भाटला प्राचार्य

 

रायगढ़ ।

रायगढ़ जिले के पुसौर के नजदीक आधुनिक, नवाचार और श्रेष्ठ अनुभवी शिक्षकों से भरा बेहतर आकर्षक मनमोहक स्कूल है श्री स्वामीनारायण गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल, एनटीपीसी लारा। जहाँ का आधुनिक लैब, रोबोटिक्स लैब, विज्ञान लैब सहित शिक्षण पद्धति बेजोड़ है। कुशल शिक्षकों व बेहतर मार्गदर्शकों ने बच्चों में सीखने की जिज्ञासा को बढ़ाया है तो वही पालकों को भी प्रबंधन का हिस्सा बनाना अनुकरणीय है। यह विद्यालय पिछले 5 वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुआ है और अल्पकाल में ही उपलब्धियों का शिखर छूने लगा है। इस संस्थान की स्थापना सन 1948 में श्रद्धेय शास्त्री जी महाराज श्री धर्मजीवन दास जी स्वामी द्वारा राजकोट गुजरात में हुआ। आज इसकी 35 से अधिक शाखाएं समूचे भारत एवं विदेशों में फैली हुई है। जिनमे 79000 से अधिक छात्र अध्ययन कर रहे है। हमारा उद्देश्य पाश्चात्य देशों का अनुशरण कर रहे भारतीयों की बदलती, विकृत होती जीवन – शैली को सही मार्ग पर लाने और भारतीय संस्कारों व परंपराओं की पुनर्स्थापना करना है, इसलिए गुरुकुल में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ पारंपरिक शिक्षा व आध्यात्मिक शिक्षा पर बल दिया जा रहा है , जिससे जीवन – शैली में बदलाव संभव हो व समाज बेहतर भविष्य की ओर प्रशस्त हो।

स्कूल परिसर एक दृश्य

सन 2017 से स्थापित श्री स्वामीनारायण गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल एनटीपीसी लारा पुसौर रायगढ़ अपने 25 अनुभवी व प्रशिक्षित कुशल शिक्षकों, अत्याधुनिक कक्षाओं, बृहद वातानुकूलित लाइब्रेरी, विकसित व आधुनिक प्रयोगशाला, सांस्कृतिक गतिविधियों हेतु विशाल प्रक्षागृह व विशाल खेल मैदान के माध्यम से आधुनिक पद्धतियों द्वारा प्रतियोगिताओं की इस दौर में विद्यार्थियों को तनाव मुक्त उच्च शिक्षा देने में तत्पर है।

नवीन प्रयोगों तथा अनुपम शिक्षा पद्धति का बेजोड़ संगम

इस विद्यालय में के.जी. कक्षाओं से लेकर 10वीं तक अलग – अलग शिक्षा पद्धतियों से पढ़ाया जाता है। के.जी कक्षाओं के बच्चों को खेल- खेल में सिखाया जाता है। कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों को कल्पना शक्ति पद्धति व 6वीं से 10वीं तक सीबीएससी (एनसीइआरटी) पाठ्यक्रम के साथ जुड़ा हुआ आई आई टी , जे ई ई , इन ई ई टी और अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं का पाठ्यक्रम व परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। यह स्कूल अपने नवीन प्रयोगों तथा अनुपम शिक्षा पद्धति की वजह से पालकों तथा शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी लोगों के लिए उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है, यह विद्यालय लीक से हटकर एक नई लकीर खींचने में सदैव प्रयासरत रहता है। विद्यालय ने भारतीय मूल्यों को प्राथमिकता देते हुए विद्या, सदविद्या, ब्रम्हविद्या के सूत्र को अपनाया है। विद्या जो हमे आधुनिक ज्ञान देती है। इससे जिज्ञासा उत्पन्न होती है। नई- नई चीज़ों को जानने की इच्छा जो बच्चों में रचनात्मकता को बढ़ाती है और नई खोजो की ओर अग्रसर करती है। जीवन मे गतिशीलता आती है और नेतृत्व की क्षमता का विकास होता है। परंतु इस आधुनिक ज्ञान को सुव्यवस्थित व संतुलित रखने हेतु सदविद्या आवश्यक है। सदविद्या द्वारा समाज मे बुरी आदतों से दूरी बनी रहती है। सभी मे एकता व अखंडता का भाव मन में पनपता है जो अहिंसा के मार्ग में चलने का बल देता है जीव मात्र के प्रति मन मे सहानुभूति उत्पन्न होती है व आध्यात्मिक ज्ञान की ओर ले जाती है। ब्रम्हविद्या मनुष्य को इच्छाओं व आसक्तियों से मुक्त कर उनमें भक्ति जागृत करती है। आत्मबोध होता है। परमज्ञानी संतों के प्रति श्रद्धा मन मे आती है जिनके संपर्क से ईश्वरीय बोध होता है व उनके प्रति आस्था का विकास होता है। इस तरह विद्यालय परिसर में ही बच्चों का शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास अर्थात सर्वांगीण विकास संभव हो रहा है।

बच्चों में भाषा के ज्ञान को दी जा रही नई ऊंचाई

नवीन नवाचारों एवं रोचक माध्यम से सीख रहे हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान एनटीपीसी लारा स्थित श्री स्वामीनारायण गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में भाषा की गरिमा बनाए रखने हेतु विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती रही हैं । इसी क्रम में वर्तमान शिक्षण सत्र में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है । चाहे वह अंग्रेजी विषय में फोनेटिक्स की बात हो या हिंदी अंग्रेजी रीडिंग । फोनिक्स के माध्यम से अंग्रेजी भाषा के उच्चारण में स्पष्टता व नए शब्द निर्माण में बच्चों को सहायता मिलती है ,बच्चे लयबद्ध तरीके से अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण करना सीख पा रहे हैं साथ ही साथ बच्चे इस तरह से सीखने में नवीनता का अनुभव कर रहे हैं। फोनिक्स के माध्यम से बच्चे कविता कहानी भाषण आदि एक्टिविटी में उत्साह से हिस्सा ले रहे हैं जो कि एक सकारात्मक परिणाम है।
संस्कार, इस स्कूल के विद्यार्थियों के लिए अब कोई नई पद्धति नहीं रही है , विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थी इस विषय में अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करते रहे हैं I उच्च संस्कार से रूबरू कराने के लिए स्कूल के द्वारा पहले भी अनेनानेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है जिसमें स्कूल के विद्यार्थियों के माता- पिता ने भी हिस्सा ले कर अपने उत्साह का प्रदर्शन किया, वहीं हिंदी विषय की ऑनलाइन कक्षा में नाट्य मंचन के द्वारा बच्चे अलग-अलग पात्र का संवाद हावभाव के साथ कक्षा में प्रस्तुत करते हैं ,जिससे उनमें संवाद याद कर उन्हें प्रस्तुत करने की क्षमता का विकास हो पाता है। कविता वाचन-लय बद्ध कविता हावभाव के साथ प्रस्तुत करना, स्वरचित कविता-किसी सार्थक शीर्षक पर अपनी कल्पना के आधार पर कविता लिख पाना बच्चों में रोमांच का संचार कर देता है। कहानी लेखन-बच्चों में कहानी सुनने व कहानी बनाने की अद्भुत क्षमता होती है,इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए उन्हें शीर्षक देकर कहानी लिखने के लिए कक्षा के दौरान प्रेरित कर उनकी इन क्षमता को सामने लाने का प्रयास किया जाता रहा है। अखबार पठन को दैनिक क्रिया में शामिल करने के उद्देश्य से कक्षा में अखबार पठन का क्रिया- कलाप कराया जाता रहा है । जिससे प्रेरित होकर वे नित्य अखबार पठन को अपने जीवन का हिस्सा बना सकें और साथ-साथ उन्हें आस-पास की जानकारी भी प्राप्त हो और उनकी सामान्य ज्ञान में भी वृद्धि हो सके।विद्यार्थियों की भाषा में पकड़ मजबूत नहीं होगी तब तक अन्य विषयों में भी प्रवीणता पूर्णरूप से प्राप्त नहीं हो सकती, यही कारण है कि विविध विषयों पर स्कूल के द्वारा विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहा है तथा आने वाले सत्र में भी विद्यालय इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा विद्यार्थियों के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहेगा ।

 

एक परिचय प्रतिभा की प्रतिभावान सुप्रसिद्ध शिक्षाविद कृष्ण मोहन भास्कर भाटला प्राचार्य श्री स्वामीनारायण

गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल एनटीपीसी लारा पुसौर रायगढ़ , आई सी मेंबर सीबीएसई एवं ख्यातिलब्ध शिक्षक व प्रशिक्षक है। आपका जन्म तेलंगाना के हैदराबाद में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। संघर्षो से भरा बचपन होने के बाद भी शिक्षा के प्रति गहरी रुचि के कारण तीन विषयों में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। शिक्षा जगत में विभिन्न पदों व संस्थाओं में कार्य करते हुए आप अनेकों पुरस्कारों व सम्मानों से अलंकृत हुए। वर्ष 2015 तेलंगाना सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ सम्भागीय शिक्षा अधिकारी नारायणा समूह के लिए पुरस्कृत किया गया। आप तब से अब तक 48 क्षेत्रीय व राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
कालम

 

तकनीक एवं सम्यक मार्गदर्शन से मिलेगी शैक्षणिक गतिविधियों को नई उड़ान

श्री स्वामीनारायण गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल एनटीपीसी लारा के प्राचार्य श्री कृष्णा मोहन भास्कर भाटला ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में विद्यार्थियों तक गुणवत्ता युक्त शिक्षा पहुंचाना हर किसी के लिए एक चुनौती बनी हुई है, पाबंदियों और बंदिशों का विद्यालयों में ताला लगा हुआ है, परन्तु शिक्षकों के अथक प्रयासों से शिक्षा का द्वार अब भी खुला हुआ है, अनेक चुनौतियों एवं समस्याओं का सामना करते हुए भी अपने छात्रों के भविष्य को गढ़ने में वे लगे हुए हैं | निश्चित ही यह अनुभव सभी के लिए नया है तथा इसकी तुलना हम विद्यालय में आयोजित गतिविधियों से नहीं कर सकते। अपने अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूँ कि वर्तमान में शैक्षणिक गतिविधियों में तकनीक का महत्व तेजी से बढ़ा है तथा यह संवाद का एकमात्र साधन बनकर उभरा है, किन्तु तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन एजुकेशन को सरल, सहज, रुचिकर तथा सार्थक बनाना भी आवश्यक है । पाठ्यक्रम में उचित संशोधन अत्यंत आवश्यक है, वैचारिक एवं सैद्धांतिक गतिविधियों के ऊपर प्रायोगिक एवं अनुभवात्मक शिक्षण गतिविधियों को प्राथमिकता देने होगा। तकनीक का स्वतंत्र रूप से किया गया प्रयोग कई स्थान पर विपरीत परिणाम दे सकता है इसलिए यह आवश्यक है कि तकनीक को शिक्षक एवं अभिभावकों का सम्यक एवं सकारात्मक मार्गदर्शन मिले जिससे यह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। ऑनलाइन शिक्षण में हमें जरुरी विषयों के साथ साथ संगीत, योग, कला एवं खेल सम्बन्धी गतिविधियाँ उपयोग में लाना अत्यंत आवश्यक हो गया है जिससे छात्र बौद्धिक रूप से खुश रह सकें एवं ऑनलाइन गतिविधियों के विपरीत प्रभावों से दूर रहें इसमें न केवल शिक्षक अपितु अभिभावकों का मार्गदर्शन भी अत्यंत आवश्यक है।
– प्राचार्य, श्री कृष्ण मोहन भास्करभाटला

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