
रायगढ़ की सियासत में भूचाल एमआईसी मेंबर के आरोपों भरी इस्तीफे ने भाजपा को बैठे बिठाए दिया मौका ……. विधायक कांग्रेस जिला अध्यक्ष और सभापति की भूमिका ….शहरवासियों की टिकी निगाह …. भाजपा को मिला बड़ा मौका ….क्या महापौर बदल जाएंगी या कांग्रेस दामन बचाने संजय देवांगन को बनाएगी मोहरा ……कांग्रेस का होगा रुख
रायगढ़ । शहर की सियासत में शनिवार की दोपहर से भूचाल आ गया है। नगर पालिक निगम के एमआईसी सदस्य संजय देवांगन द्वारा महापौर पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शहर में मानो सियासी भूचाल आ गया हो। मौका की नजाकत को भांपते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल तत्काल एक्शन में आए आनन फानन में भाजपा पार्षदों के साथ बैठक कर तत्काल महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया।
संजय देवांगन द्वारा पूर्व में भी एजेंडा क्रमांक 10 और नियम विरुद्ध लाभ देने को लेकर आवाज उठा चुके थे लेकिन इसका कोई असर नहीं होता देख एमआईसी सदस्य संजय देवांगन ने अंततः इस्तीफा देकर सबको न सिर्फ चौका दिया बल्कि सियासत में भूचाल ला खड़ा किया और भाजपा को बैठे बिठाए एक बड़ा मुद्दा भी बन गया। वहीं दूसरी ओर इस अप्रत्याशित घटना से निश्चित तौर महापौर की चुले हिल चुकी है । भाजपा यदि अविश्वास प्रस्ताव में क्या गुल खिलाएगी यह तो आने वाले समय में पता चलेगा। किंतु यह की विचारणीय है की संजय देवांगन एक कर्मठ जुझारू नेता के रूप में माने और जाने जाते है उन्होंने यदि आरोप लगाया है तो निश्चित तौर पर इसमें गूढ़ रहस्य विद्यमान है।
संजय देवांगन के द्वारा महापौर पर आरोपों की बौछार करते हुए इस्तीफा देने की घटना को अब सभापति जयंत ठेठवार, शहर के विधायक प्रकाश नायक और कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनिल शुक्ला की बड़ी भूमिका का ट्रेलर अभी बाकी है।
वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष तो एक्शन मोड में आ गए हैं और अपनी टीम के साथ रणनीति बनाने में जुट गए है महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला ले लिया गया है वही अब कांग्रेस का इस मामले में क्या स्टंट है अभी आना बाकी है इससे जाहिर है की ऐ मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है।
महापौर पर लगाए गए गंभीर आरोप को समूचा शहर देख सुन रहा है पार्षद संजय देवांगन द्वारा लगाए गए आरोप से जाहिर होता है कि महापौर भ्रष्टाचार रूपी मलाई में संलिप्त हैं। शहरवासी की अब इस मामले में कांग्रेस के कर्ताधर्ताओं पर टिकी हुई है चूंकि पार्षद एमआईसी सदस्य संजय देवांगन द्वारा आरोप लगाते हुए इस्तीफा देना कोई छोटी बात नहीं है।
ऐन चुनाव के मौके पर एक एमआईसी सदस्य के द्वारा अपनी ही पार्टी के महापौर के खीलाफ आरोप लगाते हुए इस्तीफा देना राजनीत में भूचाल ला दिया है समूचे शहरवासी अब यह देखना चाहते हैं की सभापति जयंत ठेठवार, विधायक प्रकाश नायक और कांग्रेस जिला अध्यक्ष इस पर क्या स्टंट लेते हैं। क्या कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाने वाले अपनी ही पार्टी के पार्षद संजय देवांगन के खिलाफ कारवाई करेंगे या फिर महापौर की कुर्सी बदलेगी। कांग्रेस संजय देवांगन के इस्तीफे के बाद स्वयं उहापोह की स्थिति में है कि आखिर करे तो क्या करे..?
शहरवासियों में महापौर को लेकर कई सवाल कौंध रहे हैं क्या कांग्रेस महापौर बदलेगी या फिर भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव के पहले महापौर अपनी टीम के साथ भाजपा की तरफ रुख कर लेंगी। क्या भाजपा सरकार बनाने के लिए महापौर को बचाएगी या फिर अविश्वास प्रस्ताव लाकर चुनाव पूर्व निगम की राजनीति में और भूचाल लाएगी। या फिर आरोप प्रत्यारोप के बीच पार्षद संजय देवांगन कांग्रेस छोड़ देंगे या इस भूचाल के लिए कांग्रेस महापौर को हटाकर संजय देवांगन पार्षद को अपनाएगी। या फिर इस भूचाल के लिए कांग्रेस संजय देवांगन को माफ नही करेगी और कार्रवाई का ठीकरा फोड़ा जायेगा। अब पूरा दारोमदार विधायक प्रकाश नायक, कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनिल शुक्ला और सभापति जयंत ठेठवार पर निर्भर करता है। या फिर ये कोई नया शिगूफा छोड़कर पूरे मामले को पटाक्षेप कर देंगे। फिलहाल निगम की राजनीत में जयंत ठेठवार चाणक्य माने जाते हैं और अब यह भूचाल जयंत ठेठवार के इर्द गिर्द घूमती नजर आयेगी।