नेशनल रिकॉर्ड कायम करेगा छत्तीसगढ़ का युवा माउंटेननियर.. इंडिया का पहला डबल लेग एंप्युटी माउंटेनियर जो फतह करेगा अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को…
छत्तीसगढ़ के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही जो माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले “माउंटेन मैन” राहुल गुप्ता के मार्गदर्शन में बनेगा नेशनल रिकॉर्ड…
दिव्यांग, विकलांग, अशक्त शब्द का नहीं करेंगे प्रयोग
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से हीरा ग्रुप के सहयोग से एवं छत्तीसगढ़ के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही और माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले एम् एम् फाउंडेशन के संस्थापक राहुल गुप्ता के मार्गदर्शन में हमारे राज्य के ब्लेड रनर, हाफ ह्यूमन रोबो चित्रसेन साहू “अपने पैरों पर खड़े हैं” मिशन के तहत अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी तंजानिया स्थित किलिमंजारो फतह कर नेशनल रिकॉर्ड कायम करने वाले हैं।
चित्रसेन पूरे देश और राज्य के एकमात्र ऐसे युवा हैं जो डबल एंप्युटी हैं, और माउंट किलिमंजारो की कठिन चढ़ाई पर जा रहे हैं।
पर्वतारोहण की जानकारी –
कैंपेन – अपने पैरों पर खड़े हैं
स्थान – अफ्रीका महाद्वीप
देश – तंजानिया
पर्वत – किलिमंजारो
ऊंचाई – 5895 मीटर
15 दिनों का प्रवास
रायपुर से प्रस्थान- 16/09/19
मौसम एवं स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए 20 की सुबह माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई प्रारंभ की जावेगी
कांफ्रेंस में चित्रसेन साहू ने बताया कि उन्होंने हमेशा से ही अपने लोगों के हक के लिए काम किया है ताकि उन लोगों के साथ भेदभाव ना हो। शरीर के किसी अंग का ना होना कोई शर्म की बात नहीं है ना ये हमारी सफलता के आड़े आता है बस जरूरत है तो अपने अंदर की झिझक को खत्म कर आगे आने की। हम किसी से कम नहीं ना ही हम अलग हैं तो बर्ताव में फर्क क्यों करना हमें दया की नहीं आप सबके साथ एक समान ज़िन्दगी जीने का हक चाहिए ।
इस दौरान राहुल गुप्ता ने कहा कि “अपने पैरों पर खड़े हैं” मिशन के पीछे हमारा एक मात्र उद्देश्य है सशक्तिकरण और जागरूकता, जो लोग जन्म से या किसी दुर्घटना के बाद अपने किसी शरीर के हिस्से को गवां बैठते हैं उन्हें सामाजिक स्वीकृति दिलाना, उनके नाम के आगे से विकलांग, दिव्यांग शब्द को हटाना ताकि उन्हें समानता प्राप्त हो ना किसी असमानता के शिकार हो।
इसी पहल के तहत हमने फैसला किया है कि हम विकलांग, अशक्त या दिव्यांग जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करेंगे और यहां मौजूद मेरे सभी पत्रकार बंधुओं से निवेदन है कि हमारी इस पहल में आप भी हमारा साथ दे और अपनी खबरों में विकलांग, अशक्त या दिव्यांग जैसे शब्दों का प्रयोग ना करें।