
पूर्ण लॉक डाउन की शहर में हो रही अनदेखी कुछ बड़े प्रतिष्ठान कर रहे ग्राहकों की संतुष्टि,क्या पूर्ण बन्दी के दिन भी अलंकार,आमंत्रण,गणगौर,तुलसी को खुलने की मिली छूट?
रायगढ़ से शशिकांत यादव
रायगढ़-/-एक और जहां जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस महामारी संक्रमण को देखते हुए बीते दिनों सप्ताह में 6 दिन दुकान खोलने की अनुमति दी थी।जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस महामारी संक्रमण को देखते हुए बीते दिनों सप्ताह में मात्र 6 दिन दुकान खोलने की अनुमति दी थी। रविवार को आवश्यक सेवाओं को छोड़कर पूर्णता लॉक डाउन का भी आदेश दिया था। परन्तु आज शहर में इस पूर्णतया लॉक डाउन का कुछ बड़े प्रतिष्ठानो द्वारा जमकर मख़ौल उड़ाते देखा गया।जिनमे गणगौर,अलंकार,आमंत्रण,तुलसी सहित कुछ नाम शामिल है। जो न केवल अपने ग्राहकों को पार्सल उप्लब्ध करवा रहे थे। बल्कि होटल के बाहर खड़े होकर खाने की सुविधा भी प्रदान की जा रही थी।जहां दर्जनों वाहन भी प्रतिष्ठान के सामने नजर आ रहे थे।बहरहाल इस स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा रात दिन के अथक परिश्रम से लगाए गए कोरोना संक्रमण के अंकुश पर कहि पानी न फिर जाए ?

(आमंत्रण के बाहर खड़ी दर्जनों वाहने)
टेक अवे पर बड़े प्रतिष्ठानो का अधिकार
गौरतलब हो कि लंबे समय से कोरोना संक्रमण की त्रासदी झेलने के बाद ठेले ,खोमचे सहित छोटा मोटा व्यवसाय कर जीवन यापन करने वालो को लॉक डाउन हटने के उपरांत अब राहत मिली है।जो अब जैसे तैसे अपना व्यवसाय शुरू कर बकायदा कोरोना महामारी की भयावह को देखते हुए जिला प्रशासन के सप्ताह में एक दिन के लॉक डाउन नियम का पालन करते हुए रविवार को सहर्ष ही अपनी दुकान बंद कर देते है। परंतु शहर के कुछ बड़े प्रतिष्ठान पूर्ण बन्दी में भी कानून के ख़ौफ़ बिना ही व्यापार करते नजर आ रहे है। वही इनके खुलने को लेकर टेक अवे का हवाला दिया जाता है। तो क्या टेक अवे आमजन के लिए भी है। या फिर ऑनलाईन डिलवरी करने वाले डिलवरी बायो के लिए? जो समझ से पूर्णतया परे है। इसका कारण इन प्रतिष्ठानो में पूर्ण लॉक डाउन में भी लगने वाली ग्राहकों की भीड़ व उन्हें सामान्य दिनों की तरह ही मिलने वाली सुविधाएं है। जो जिला प्रशासन के निर्देशों को नजरंदाज करती नजर का रही है।

(ग्राहकों को सेवा उपलब्ध कराता गणगौर)
जिला व पुलिस प्रशासन की मेहनत पर न फिर जाए पानी
विदित हो कि कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने जिला कलेक्टर सहित पुलिस प्रशासन द्वारा भी अथक परिश्रम किया गया है।परन्तु अब लॉक डाउन हटने के उपरांत शासन प्रशासन के निर्देशों की अवहेलना इस मेहनत पर पानी फेर सकता है। जहाँ पूर्णतया लॉक डाउन के दिन भी दर्जनों ग्राहकों की भीड़ एक बार फिर कोरोना के खतरे को बढ़ावा न दे दे?