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रायपुर के मेडिशाइन हॉस्पिटल ने महिला की मौत के बाद बकाया राशि के लिए शव को बनाया बंधक… मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल की फटकार के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को किया रिहा…

अनूप बड़ेरिया 
 हमारे समाज मे चिकित्सक को भगवान का का दर्जा दिए जाने के बावजूद आज चिकित्सा सेवा पूरी तरह व्यावसायिक हो गयी है। इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक चिकित्सालय में कोरिया जिले की एक महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई और बकाया राशि के लिए अस्पताल प्रबंधन ने शव को ही बंधक सा बना लिया। इसकी जानकारी जब मनेंद्रगढ़ विधायक को मिली तो उनकी फटकार के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को रिहा किया।
इस पूरे मामले में मिली जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के चिरमिरी निवासी महिला दर्पण मोगरे को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद  उपचार के लिए 14 सितम्बर को रायपुर के राजेन्द्र नगर स्थित मेडिसिन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के  दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अस्पताल ने बक़ाया बिल भुगतान को लेकर लाश को बंधक बना लिया है। पीड़ित परिजनों के मुताबिक उन्होंने आराम में ₹50 हजार अस्पताल में जमा किए थे इसके बाद 87 हजार रुपए और देने के लिए अस्पताल प्रबंधन दबाव बना रहा था । इसकी जानकारी पीड़ितों ने संवेदनशील व कर्मठ मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ विनय जायसवाल को दी। जिसके बाद विनय जायसवाल ने अस्पताल प्रबंधन को फोन कर कड़ी फटकार लगाई और कुल ₹60 हजार बिल भुगतान के पश्चात शव को अस्पताल प्रबंधन ने रिहा कर दिया।

इस संबंध में डॉ विनय जायसवाल ने पेज – 11 से कहा कि मैं स्वयं एक चिकित्सक हूं। इस व्यवसाय को भी समझता हूं लेकिन मानवता सर्वोपरि है और यह दुर्भाग्य जनक है। कम से कम क्षेत्र की जनता को तो मैं चिकित्सा के मामले में परेशान नहीं देख सकता।

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