
बड़ी खबर::सजा::दूसरे किसानों के नाम से धान बेच कर 21.56 लाख का गबन करने वाले समिति प्रबन्धक, बैंक मैनेजर व कोचिए को 3-3 साल की सजा..
अनूप बड़ेरिया
धान समिति प्रबंधक और कोऑपरेटिव बैंक मैनेजर की मिलीभगत से कोचिए ने दूसरे किसानों के नाम से धान बेचकर 21.56 लाख का गबन कर लिया। इसके बाद अब माननीय न्यायालय ने तीनों आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है।
इस पूरे मामले मे मिली जानकारी के मुताबिक 2011-12 में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पटना के धान खरीदी केंद्र में किसान शिवबालक गोंड, हीरालाल गोंड़ सोमनाथ गोंड और हीरालाल चेरवा के पट्टे से कोचिए आरोपी सूर्यप्रताप गुप्ता पिता रामगोपाल उम्र 49 निवासी बस स्टैंड पटना ने तात्कालीन समिति प्रबंधक आरोपी गिरधारी दास पिता घोबरा दास उम्र 57 वर्ष निवासी रामानुजनगर की मिली भगत से धान बेच दिया। जिसके बाद बेचे गए धान की राशि 21लाख 56 हजार 330 रुपए को जिला सहकारी बैंक के तात्कालीन शाखा प्रबंधक आरोपी उमाकांत द्विवेदी पिता घनेश्वर राम उम्र 58 वर्ष निवासी बासन पारा, सरभोका की मिलीभगत से पहले अपने खाते में जमा कर लिया। फिर चेक के माध्यम से राशि का निकाल कर उसका गबन कर लिया। जिसकी शिकायत अमित मिश्रा द्वारा की गई। जिसके बाद खाद्य विभाग की टीम ने इसकी जांच की और मामले को सही पाए जाने पर उक्त तीनों आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 420,409 के अंतर्गत 24 जनवरी 2013 को FIR दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी समिति प्रबंधक गिरधारी दास को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन उमाकांत द्विवेदी और सूर्य प्रताप गुप्ता अग्रिम जमानत मिल गई थी। मामले की सुनवाई के बाद माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री राजेश खलखो ने आरोपी गिरधारी दास, उमाकांत द्विवेदी और सूर्य प्रताप गुप्ता को तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास के साथ तीन-तीन हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। शासन की तरफ से मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता मनोज प्रताप सिंह ने की थी।