एसईसीएल, जनप्रतिनिधि व कांग्रेसी भूले मनेंद्रगढ़ में एक मात्र नेहरू की प्रतिमा में फूल-माला पहनाने को…पत्रकारों ने ली सुध…
ध्रुव द्विवेदी
एक ओर जहां देश भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मना रहा है वहीं दूसरी ओर मनेन्द्रगढ़ में स्थापित नेहरू की एकमात्र प्रतिमा फूल माला को तरस रही है।
इसे लोगों की उदासीनता ही कहेंगे की जिसका जन्मदिन पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है उनकी ही प्रतिमा एक अदद फूल को तरस रही है।
आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। सभी क्षेत्रीय पर्व में अवकाश दिये जा रहे है। पुरानी संस्कृति को जीवित रखने के प्रयास किया जा रहा है ऐसे में अपने ही प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी को भूल जाना समझ से परे है।
सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि जिस महान हस्ती का जन्मदिन आज पूरा देश मना रहा है उसे अपने लोगों ने ही किनारे कर दिया है।
मनेंद्रगढ़ के आमाखेरवा इलाके में संचालित केंद्रीय चिकित्सालय परिसर में एक नेहरू पार्क बनाया गया है जहां नेहरु जी की प्रतिमा स्थापित है आज 14 नवंबर पूरे देश में जवाहरलाल नेहरु जी का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है उनके सिद्धांतों को अमल करने की बात कही जा रही है उनकी प्रतिमा और छायाचित्र पर फूल माला चढ़ाई जा रही है वहीं दूसरी ओर पार्क में स्थापित प्रतिमा पर ना ही रंग रोगन किया गया है और ना ही एक माला से उनका अभिनंदन किया गया है ऐसा नहीं है कि लोगों को इसकी जानकारी नहीं अपितु यहां के कांग्रेसी दूसरे विद्यालय और अन्य प्रतिष्ठानों में चाचा नेहरू का जन्मदिन मना रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर जब इस बात की जानकारी स्थानीय पत्रकारों को हुई तो उन्होंने नेहरू उद्यान पहुंचकर पहले पंडित नेहरू की प्रतिमा के आसपास साफ-सफाई की ।मूर्ति को धोया और फिर शाल श्रीफल चढ़ाकर उनके योगदान को याद किया। बहरहाल पत्रकारों ने तो अपनी भूमिका निभाई लेकिन इसे दुर्भाग्य नहीं तो और क्या कहेंगे कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री को आज जिले के कांग्रेसी नेता भूल बैठे हैं।दूसरी ओर जब इस बात की जानकारी शहर के कांग्रेश के लोगों को हुई तो आनन-फानन में कुछ कांग्रेसी नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा के समक्ष पहुंच गए और वहां उन्होंने फूल चढ़ाकर अपनी औपचारिकता पूरी की और फोटो खिंचवाई लेकिन यह भी कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जिस प्रदेश के विधायकों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म तिथि तक नहीं मालूम उनके आंदोलन के बारे में नहीं मालूम अगर उनके नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती भूल जाते हैं उनकी प्रतिमा पर भूल जाना भूल जाते हैं जयंती पर उन्हें याद नहीं कर पाते तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।