मनेंद्रगढ़ के डॉ. मनीष गर्ग ने जर्मनी में की एक और बड़ी वैज्ञानिक खोज..साखा नैनोस्केल साइंस में एक नई खोज..मनीष की खोज जर्नल साइंस में हो रही प्रकाशित.. छग के साथ बढ़ा हिंदुस्तान का गौरव…
मनेन्द्रगढ़ से ध्रुव द्विवेदी
मनेंद्रगढ़ में जन्मे प्रसिद्ध युवा वैज्ञानिक डॉ. मनीष गर्ग ने आधुनिक भौतिक विज्ञान की महत्वपूर्ण साखा नैनोस्केल साइंस में एक नई खोज की है।
यह खोज मूलतः प्रकृति की संरचना के मुख्य अवयव , रहस्यमयी सूक्ष्म कणों अर्थात इलेक्ट्रॉन व फोटॉन के नियंत्रण से संबंधित है जिसे डॉ मनीष गर्ग ने टाइम और स्पेस दोनों के समागम के साथ संपन्न करने में सफलता प्राप्त की है जो विज्ञान जगत में पहली बार संभव हो सका है।
इस महत्वपूर्ण खोज को विश्व की दूसरी सबसे हाईएस्ट इम्पैक्ट फैक्टर की जर्नल ‘साइंस’ में प्रमुखता से प्रकाशित किया जा रहा है जिसका आज 15 नवंबर को ऑनलाइन फर्स्ट रिलीज जारी किया गया है। ऐसा इस क्रांतिकारी खोज के महत्व और भविष्य में मानव जीवन में उसकी उपयोगिता को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले डॉ. मनीष गर्ग के चार शोध पत्र विश्व की सबसे हाईएस्ट इम्पैक्ट फैक्टर जर्नल ‘नेचर’ में प्रकाशित हो चुके हैं जो किसी भारतीय वैज्ञानिक के लिए एक बड़ी उपलब्धि है . इतने कम उम्र एवं कम समय में आधुनिक भौतिक विज्ञान में इतनी महत्वपूर्ण खोज करने वाले वे देश के पहले युवा वैज्ञानिक हैं।
विज्ञान के क्षेत्र में अहर्निश कार्य करने वाले महान वैज्ञानिकों की इसी परंपरा में डॉ. मनीष गर्ग की यह क्रांतिकारी खोज मानव जाति के भविष्य के लिए काफी उपयोगी समझी जा रही है।