
एस डी एम घरघोड़ा पर लगाया फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने का आरोप मामले की लिखित शिकायत कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किसने लगाया आरोप? क्या कहा अनुविभागीय अधिकारी ने?क्या है पूरा मामला पढ़े पूरी खबर
21 July 2021
रायगढ़ से शशिकांत यादव
रायगढ़-/-घरघोड़ा एस डी एम के ऊपर फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।जिसकी लिखित शिकायत आवेदन के माध्यम कलेक्ट्रेड व पुलिस अधीक्षक कार्यालय व छ ग राज्य अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में भी की गयी है। वही इस मामले में घरघोड़ा एस डी एम द्वारा आरोपो को निराधार बताते हुए राजस्व रिकार्ड का हवाला देते हुए जाति प्रमाण पत्र को सही बताया गया है।साथ ही मामले की जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी भेजे जाने की बात कही गयी है।
भू अभिलेख व मिशलबन्द बगैर ही अनुसूचित जनजाति प्रमाण बनाने का आरोप
गौरतलब हो कि इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता ज्योति सिदार पिता सुकुलराम सिदार निवासी पडकीपहरी ग्राम पंचायत सामारुमा तहसील तमनार ने अपने कलेक्टर , पुलिस अधीक्षक व छ ग राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के नाम भेजे गए लिखित शिकायती पत्र में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ एस टी एस सी अधिनियम 2013 एवम एस सी एस टी नियमो के तहत जाति प्रमाण पत्र लेने आवेदन के साथ मिशल बंदोबस्त ,खाता खतौनी,जमा बन्दी , भू अभिलेख ,वंशावली जैसे दस्तावेजो को भी जमा करना अनिवार्य होता है।जहां भू अभिलेख व मिशल बंदोबस्त के आधार पर ही अनुसूचित जाति जनजाति का प्रमाण पत्र जारी करने का हवाला दिया गया है। वही घरघोड़ा एस डी एम अशोक मार्बल व लोक सेवा च्वाईस सेंटर एजेंट पर शिकायती पत्र में आरोप मढ़ते हुए बताया गया कि इनके द्वारा मिशल बंदोबस्त, व भू अभिलेख की सत्य प्रतिलिपि लिए बगैर ही गंगा प्रसाद धोबी पिता रतन धोबी को अपने कार्य मे अनियमितता बरतते हुए अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र दे दिया गया। बहरहाल इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा कलेक्टर, एस पी व छ ग राज्य अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के नाम आवेदन सौप उचित जांच के साथ कार्रवाई की मांग रखी गयी है।
अनुविभागीय अधिकारी दे रहे नियमानुसार प्रमाण पत्र जारी होने का हवाला
इस पूरे मामले में जहां शिकायतकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी घरघोड़ा पर फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगाया गया है।जिस पर पेज 11 न्यूज़ से हुई बातचीत पर sdm घरघोड़ा द्वारा सिरे से खारिज करते हुए विधि संवत जाति प्रमाण पत्र जारी करने का हवाला दिया गया है।
वही उन्होंने बताया कि 1937 राजस्व रिकार्ड के अनुसार सम्बन्धित व्यक्ति के दस्तावेज सही पाए गए है।इस संबंध में जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी सौपने की बात कही गयी है। बहरहाल यहां देखना दिलचस्प होगा कि आखिर इस शिकायत में जांच कौन करेगा? जिस अधिकारी पर आरोप लगे है या फिर उनसे कोई उच्च अधिकारी ?
या फिर इस मामले में छ ग राज्य अनुसूचित जाति जनजाति आयोग मामले में कोई कड़ा कदम उठाएगी?
वर्सन-/-1937 राजस्व रिकार्ड के अनुसार ही जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। मामले की जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा गया है।
अशोक मार्बल
अनुविभागीय अधिकारी घरघोड़ा