जिला अस्पताल में 4 बेड आइसोलेशन वार्ड तैयार…अफवाह से बचे लोग,..प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की नही हुई है पुष्टि…कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियात जरूरी..
कोरोना वायरस को लेकर जिला अस्पताल में 4 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। जिसमें मरीजों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध है। हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए सभी जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट और सुविधाएं मौजूद हैं। एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है और नोडल ऑफिसर को तैनात किया गया है।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा ने बताया सरकार के निर्देश पर आइसोलेशन वार्ड तैयार है जिसमें 4 बेड लगाए गए हैं तथा ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। जांच किट, उपकरण, सैनेटाइजर, और मास्क की व्यवस्था के साथ इस वार्ड में चिकित्सो के साथ प्रशिक्षित नर्सो की तैनाती भी की गई है ।
विश्व स्वास्थय संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक अब तक इस वायरस को फैलने से रोकना वाला कोई टीका नहीं है। कोरोनावायरस के लक्षण आम फ्लू के तरह ही होते हैं, जिससे इसकी पहचान कर पाना मुश्किल है। स्वास्थ्य मंत्रालय प्रदेश सरकार द्वारा जारी जानकारी केअनुसार डब्ल्यूएचओ द्वारा 15.03.2020 को जारी आंकडो के अनुसार विश्व भर में कोरोना के संक्रमण से पीडितो की संख्या ,
1,53,517 प्रकरण की पुष्टि हुई है। प्रदेश में कोरोना के संक्रमण के किसी भी मरीज़ की पुष्टि नही हुई है । प्रदेश में 16.03.2020 तक कुल 89 सैंपल लिये गये। जिसमें से 77 निगेटिव 05 अप्राप्त 07 उपयुक्त नही मिले। सभी व्यक्तियों का होम आइसोलेशन कर सतत निगरानी की जा रही है जिनमें से 63 का जारी है और 26 का सर्वेलांस पूर्ण हो चुका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनके मुताबिक समुदाय से अपील की गयी है कि हाथों को साबुन से धोना चाहिए, इसके लिए अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है| खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें। जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें।
कोरोना वायरस के लक्षण
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
कोरोना से संबंधित भ्रम
यह सच है कि बहुत छोटे बच्चों और 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों पर इसका ज्यादा असर हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कमजोर होती है। ऐसे में केवल कोरोना ही नहीं, अन्य बीमारियों का भी इन पर ज्यादा खतरा होता है। गर्भवती महिलाएं भी इसकी चपेट में जल्दी आ सकती हैं। जो व्यक्ति क्रोनिक यानी दीर्घकालीन बीमारियों से ग्रस्त है, यानी जिन्हें किडनी, लिवर, हृदय रोग संबंधी बीमारियां हैं, वहभी इससे जल्दी प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सामान्य व्यक्ति पूरी तरह सुरक्षित है। सामान्य फ्लू की तरह यह किसी को भी रोगग्रस्त कर सकता है। इसलिए सतर्कता रखें।