थप्पड़ मारने जैसी हिंसा की सजा तबादले से पूरी नही हो सकती :- पूनम सोंलकी कलेक्टर को जनसेवक संबोंधित किये जाने का प्रावधान लाया जाए डंडा मारने पर पुलिस को लाईन अटैच व थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर के तबादले को बताया दोहरा मापदंड
रायगढ़ से शशिकांत यादव
रायगढ़ :- दवा लेने निकले बेक़सूर युवा को सूरजपुर जिलाधीश द्वारा सरेराह थप्पड़ मारे जाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता भाजपा नेत्री व नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी ने कहा कि सिर्फ तबादला थप्पड़ मारे जाने जैसी हिंसा की सजा नही मानी जा सकती l अंबेडकर द्वारा निर्मित सँविधान में समानता के अधिकार का स्मरण कराते हुए पूनम सोंलकी ने कहा
एक ही व्यक्ति को डंडा मारने पर पुलिस को लाईन अटैच ब व उसी व्यक्ति को थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर के तबादला किया जाना एक जुर्म के लिए सजा का दोहरा मापदंड है l बड़े पद पर बैठे अफसरों को ऐसे जुर्म की सजा से बचाना या मामला पंजीबद्ध नही किया जाना दोबारा ऐसी हिंसक घटनाओ की पुनरावृत्ति की संभावनाओं को जन्म दे सकती है l इस घटना का वीडियो सोशल मंच पर वायरल हुआ इसके बाद आइएएस एसोसिएशन द्वारा मामले की निंदा की गई तत्पश्चात कलेक्टर द्वारा माफी मांगें जाने के बाद सरकार ने दबाव में कलेक्टर के सिर्फ तबादले का निर्णय लिया l जिम्मेदार अफसर द्वारा सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारने की घटना को सीधे तौर पर हिंसक घटना बताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसे मामलों में सिर्फ तबादला छग की जनता के भोलेपन का बेजा फायदा है l यह सर्वविदित है कि राज्य की समस्त सवैधानिक गतिविधियां कलेक्टर्स के माध्यम से संचालित होती है l इसलिये ऐसी घटनाओ पर राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुँह नही मोड़ सकती l मोबाईल दिलाना दर्द में मलहम लगा कर बडी गलतियों को छुपाने जैसा है l सरकारें चाहे किसी भी दल की हो कलेक्टर पद का नामकरण जनसेवक किये जाने की आवश्यकता है l जनसेवक शब्द की पुनरावृत्ति कलेक्टरों को जनता के कार्यो के प्रति अधिक जवाबदेह बना सकेगी l जनसेवक का उल्लेख जनता के गालों पर उठने वाले किसी भी कलेक्टर के हाथों को बार बार इस बात का बोध कराएगा कि सेवक के हाथ इस तरह मालिक के ऊपर नही उठाए जा सकते l