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शासकीय अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हो परन्तु हिन्दी माध्यम को बंद करके नही …  विद्यार्थियो, अभिभावकों एवं शिक्षकों के भविष्य के साथ खेलवाड़ ठीक नही, संशोधित आदेश जल्द हो जारी – गौतम अग्रवाल

 

 

✅ *शिक्षक, अभिभावक एवं विद्यार्थियों की हित की रक्षा के लिए सर्वसमाज सदैव रहता है तत्पर*
✅ *शा. अंग्रेजी माध्यम स्कूल एक सराहनीय पहल, किन्तु हिन्दी माध्यम के स्कूलों को बंद करने का निर्णय शसन का अदूरदर्शिता निर्णय होगा*

रायगढ़। भारतीय जनता पार्टी के युवा ब्रिगेड गौतम अग्रवाल ने छ.ग. शासन द्वारा संचालित शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल का स्वागत करते हुए समय की मांग बताया तो वहीं हिन्दी माध्यम के स्कूलों को बंद करने के निर्णय का आलोचना करते हुए विद्यार्थियों अभिभावकों एवं शिक्षकों को होने वाली दिक्कतों को दृष्टिगत रखते हुए छ.ग. शासन से पुनर्विचार करने की मांग की है। भाजपा के सक्रिय युवा नेता गौतम अग्रवााल ने आगे बताया कि नए सेटअप से 171 हिन्दी माध्यम स्कूल बंद हो जांएगे, जिससे विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को बहुत दिक्कत होगा। अपने रायगढ़ जिला के नटवर स्कूल के साथ प्रत्येक विकास खण्ड के मुख्यालय के प्रमुख स्कूलों को जिसमें विद्यार्थियों की संख्या बहुत ज्यादा है एवं बड़े स्कूल है उनको अंग्रेजी माध्यम का स्कूल बनाया गया है। साथ ही दो शिप्ट में एक हिन्दी एवं एक में अंग्रेजी माध्यम का अध्यापन जारी है वह उचित एवं अच्छे से संचालित हो रहा है इस व्यवस्था को अब नये आदेश के तहत हिन्दी माध्यम बन्द हो जाएगा। जिससे छात्रों का भविष्य अंधकार मय हो जाएगा। रायगढ़ की पहचान एवं ऐतिहासिक नटवर स्कूल एक विरासत के रूप में है। नटवर स्कूल को बंद किया जाएगा तो नगरवासी इसके लिए संघर्ष करेंगे। किसी भी स्थिति में इतने महत्वपूर्ण स्कूलों को बंद नही करने देंगे। शासन का अदूरदर्शिता निर्णय होगा अगर अंग्रेजी माध्यम के लिए 171 हिन्दी माध्यम के प्रमुख स्कूलों को बंद करती है। जिससे लगभग 7000 शिक्षक और 1 लाख से ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे।

उल्लेखनीय है कि अग्रेजी माध्यम के स्कूल के कारण हिन्दी माध्यम के स्कूलों को बंद करने के लिए नई सेटअप का आदेश हुआ है जिसमें 171 स्कूल जहां दोनो माध्यम से अध्ययन चल रहा है। उसमें से हिन्दी माध्यम को बंद करने की तैयारी की जा रही है। रायगढ़ जिला में कई विकास खण्ड में भवन भी पर्याप्त है दोनों माध्यमों के लिए पृथक से अध्यापन हो सकता है जैसे तमनार का नया भवन जहां अभी अंग्रेजी माध्यम संचालित है। घरघोड़ा हाई स्कूल में दो भवन है दोनों में मरम्मत का काम हो रहा है। धरमजयगढ. में भी व्यवस्था हो जायेगी। लगभग सभी विकास खण्ड में आराम से दोनों माध्यम का स्कूल संचालित हो जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में 98 प्रतिशत विद्यार्थी हिन्दी माध्यम के है उस स्थिति में स्कूल न खोल के बंद करना बहुत ही आपत्ति जनक है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित हो परन्तु हिन्दी माध्यम को बंद करके नही। हिन्दी माध्यम के सभी स्कूलों को वर्तमान स्थिति में उसी पद संरचना के तहत संचालित किया जावें।

युवा नेता गौतम अग्रवाल ने शासन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि सरकारी अंग्रेजी स्कूल बनाने के लिए हिन्दी स्कूल का तिरस्कार कर दिया है। 171 हिन्दी माध्यम के प्रमुख स्कूलों को बंद करने से लगभग 7000 शिक्षक और 1 लाख से ज्यादा बच्चे प्रभावित होंगे। हिन्दी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए समुचित व्यवस्था नही की गई है। दूसरे स्कूल भेजने से विद्यार्थियों सहित अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पडेगा। यह परेशानी पूरे प्रदेश के 171 स्कूल में अध्यनरत सभी छात्र-छात्राओं को एवं उनके अभिभावकों को होगा। वे अपने उसी स्कूल में पढना एवं पढाना चाहते है।

युवा ब्रिगेड गौतम अग्रवाल ने शिक्षक, अभिभावक एवं विद्यार्थियों के हित में शासन को सुझाव दिये है जो निम्न है:-
1. हिन्दी माध्यम स्कूल यथावत संचालित हो, अंग्रेजी माध्यम स्कूल को दूसरी जगह या दूसरी शिप्ट में किया जाए।
2. जब तक दूसरी जगह व्यवस्था नही होती है तब तक शिप्ट वाईस क्लास संचालित किया जायें।
3. हिन्दी माध्यम स्कूल और अंग्रेजी माध्यम स्कूल दोनों एक ही कोड से संचालित हो रहा है दोनों का कोड बदला जाए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो।
4. विद्यालय में वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों का स्थानान्तरण नहीं करना चाहिए।
5. एक भवन में दोनों माध्यम के स्कूल चले जिस ब्लॉक में अलग भवन की सुविधा हो उसमें अंग्रेजी माध्यम स्कूल चालु हो।

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