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चलते चलते बड़ी खबर : राजनीतिक गलियारे से निकली शहर पहुंची …कांग्रेस प्रत्याशी चयन कमेटी ने मांगा इनसे बायोडाटा…..शहर के चर्चित चेहरों में से शिक्षा खेल के साथ प्रदेश स्तर पर भी है नाम ….कौन है ये नाम ….. तो क्या कांग्रेस में हो सकती है धमाकेदार ऐंट्री ….जानने के लिए पढ़े पूरी खबर ….तो इनकी क्या होगी भूमिका… कांग्रेस भाजपा दोनों में पलट सकती है राजनीतिक सियासत का पासा …

रायगढ़ ।

चलते -चलते राजनीतिक गलियारे से रायगढ़ की राजनीत में बड़ी खबर निकल कर आ रही है खासतौर पर रायगढ़ कांग्रेस में राजनीतिक हलचल और फिंजा दोनो बदल जायेगी और इसका असर भाजपा पर भी पड़ ने की पूरी संभावना है।
खबर ये है की रायगढ़ विधायक से असंतुष्ट दलों का एक धड़ा रायगढ़ विधायक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए रायपुर से दिल्ली तक अपनी बात रख कर ये स्पष्ट कर दिया है की यदि प्रत्याशी नहीं बदला जाता है तो रायगढ़ की सीट को जिताकर लाने की जवाबदारी हम लोग तो कतई नहीं लेंगे। बता दे विधायक विरोधी खेमा लगातार गुप्त बैठक कर कांग्रेस आलाकमान रायपुर से लेकर दिल्ली तक में स्पष्ट कर दिया, लेकिन बदला हुवा प्रत्याशी कौन के सवाल पर सबको सांप सूंघ जाता है जैसा कि पहले भी हमने इस बात का उल्लेख हमने किया है। ऐसे में पार्टी का एक दम से नए चेहरे पर इंट्रेस्ट सकते में डालने वाला है।

हालांकि रायगढ़ विधान सभा के लिए कांग्रेस से शंकर लाल अग्रवाल तो अपनी पूरी एड़ी चोटी एक कर रहे हैं दूसरी ओर जिले के दिग्गज किसान कांग्रेस  नेता ने सर्वमान्य नेता के तौर पर सबसे पहला नाम डॉ राजू अग्रवाल का नाम लिया लेकिन उनके साथ पिछली चुनाव के दौरान जो हुआ इससे बुरी तरह क्षुब्ध हो राजनीत से दूरी बना लिया लेकिन आज भी उनके समर्थक चाहते हैं कि उन्हें टिकट मिलना चाहिए। भूपेश बघेल और उच्च राजनीतिक पकड़ वाले उनके ही भतीजे अनिल अग्रवाल चीकू भी प्रबल दावेदार हैं इन्हें राजनीतिक वरदहस्त भी प्राप्त है संगठन की राजनीति में भी इनकी पकड़ अन्य की तुलना में काफी अधिक है। उनके अलावा पिछले कई चुनावों से दावेदारी करते चले आ रहे वासुदेव यादव का भी नाम लिया जाता है और लाइन में भी हैं।

इन सब के इतर अगर किसी नए चेहरे से उनका बायोडाटा मांगा जाता है तो राजनीतिक खेमे में हलचल तो जरूरी है। ये नाम है शिक्षा, खेल के साथ सामाजिक धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले रामचंद्र शर्मा है। अगर ऐसा है तो राजनीतिक खेमे में उठापटक लाजमी है। रामचंद्र शर्मा पहले ही एक ऐसे प्लेटफार्म की तलाश में भी पूर्व में इन्हें आम आदमी पार्टी की तरफ भी झुकाव देखने को मिला था आम आदमी पार्टी बड़े नेताओं के साथ इनकी मुलाकात भी हुई थी। लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा दरअसल रामचंद्र शर्मा अपनी उच्च महत्वकांक्षा और दूरदर्शी सोच को आगे रखकर सही प्लेटफार्म और मौके की तलाश में थे।

राजनीतिक गलियारे से ये बात निकलकर सामने आई है की जैसे ही उनके पास बायोडाटा भेजने का संदेशा आया तत्कार अपनी सहमति देते हुए डिटेल प्रेषित कर दी गई। बता दे रामचंद्र शर्मा वह हैं जो एक उच्च महत्वकांक्षा और सकारात्मक दूरदर्शी सोच ने उन्हें आज इस मुकाम पर ला खड़ा किया है। अगर कांग्रेस रामचंद्र शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने पर विचार कर सकती है भाजपा की राजनीत में भी भूचाल सा आ जायेगा। बता दे रामचंद्र शर्मा प्रदेश ब्राम्हण संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और शैक्षणिक और खेलकूद की गतिविधियों की वजह से वे हर वर्ग में उनकी थोड़ी बहुत पहुंच है पकड़ है। जिसका फायदा उन्हें राजनीत में भी मिलेगा।


कांग्रेस में अगर इस तरह का बदलाव हो तो भाजपा में विजय अग्रवाल बनाम गुरपाल भल्ला के बीच कड़ी टक्कर हो जायेगी आज भी गुरपाल भला बनाम विजय अग्रवाल ही है। कांग्रेस अगर फ्रेश चेहरा मैदान में उतारती है तो भाजपा की भी रणनीति फ्रेस चेहरे पर ही होगी। इसे में फिर गुरपाल भल्ला पहली पसंद बन सकते हैं। कांग्रेस में युवा चेहरे को बदलाव पर क्या भाजपा में बदलाव के लिए तैयार खड़े विकास केडिया किसी भी मामले में पीछे रहेंगे नहीं, ऐसे में युवा भाजपा नेता विकास केडिया एक बड़ा बदलाव वाला चेहरा भाजपा के लिए खेवनहार साबित हों सकता है। भाजपा में यूं तो युवा चेहरे की बात करें तो विकास केडिया बड़ा नाम है अगर ये उभरे तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। कांग्रेस में बदलाव के बाद शहर की निगम की नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी को भुलाया नहीं जा सकता है । इनके बारे में एक बात और कही जाती है कि अगर विजय अग्रवाल को टिकट नहीं मिलती है और बदलाव की बात आती है तो पूनम सोलंकी को विजय अग्रवाल का वरदहस्त प्राप्त हो सकता है। और नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी एक लीडर के तौर पर उभर सकती हैं। हालांकि इन दिनों शक्ति अग्रवाल भी दावेदारों की होड़ की लाइन में स्वयं को खड़ा कर रहे हैं उनका मानना है की वे भाजपा में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे और योग्य युवा प्रत्याशी हैं लेकिन उनकी गिनती अभी संभावित उम्मीदवारों में भी नहीं की जा रही है यह सच भी उतना ही सच है जितना की सच कड़वा होता है। लेकिन राजनीत में पैसा और पहुंच भी कभी कभी बड़ा काम आ जाता है। मतलब साफ है शक्ति का पैसा और मौसा दोनो बड़े काम की है। लेकिन भाजपा में इतने ही नहीं भाजपा जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल की इन सब पर पैनी नजर है वे भी टिकट के लिए अपनी एड़ी चोटी एक करने में पीछे नहीं रहेंगे।

कांग्रेस के चार दिग्गज चेहरे

कांग्रेस में अगर आलाकमान में पार्टी स्तर पर प्रत्याशी बदलने पर विचार चल रहा है तो भूपेश बघेल के करीबी अनिल अग्रवाल चीकू, सभापति जयंत ठेठवार भी नए और फ्रेश चेहरे में शामिल हो सकते हैं। फिलहाल बाबा की राजनीतक पिक्चर अभी बाकी है। छत्तीसगढ़ की राजनितिक फींजा में बदलाव बाकी है। कौन कहां किस तरफ यानि किसकी ऊंट किस तरफ बैठती है अभी स्पष्ट तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है । कांग्रेस में अब तक Dr राजू अग्रवाल, जयंत ठेठवार, अनिल अग्रवाल चीकू, वासुदेव यादव प्रबल दावेदारों में गिनती आते रहे हैं लेकिन अब एक नया नाम रामचंद्र शर्मा जुड़ने की खबर छन कर बाहर आ रही है ऐसे में शंकरलाल अग्रवाल की आगे की भूमिका क्या होगी यह भी अभी देखना बाकी है।

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