
मतदाता मौन…..कांग्रेस भाजपा आमने – सामने ….तीसरे मोर्चे का कहीं कोई पूछपरख नहीं इनसे ज्यादा जेठूराम चर्चा में …और वार्ड 19 पर सबकी नजर …. इनकी प्रतिष्ठा लगी दांव पर ..पुलिस प्रशासन मुस्तैद …
रायगढ़ । नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब सारे शोरगुल थम चुके है और मतदाता खामोश मौन होकर मतदान दिवस का बेसब्री से इंतजार करना शुरू कर दिया है। चुनावी शोर गुल की मियाद खत्म होते ही पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से चुनावी प्रक्रिया संपन्न कराने में जुट गया है वही पुलिस की चप्पे चप्पे पर पैनी है ताकि कहीं पर किसी तरह की कानून व्यवस्था न बिगड़े।
लोकतंत्र के इस महोत्सव में समूचा शहर डूबा हुआ है। और चहुं ओर एक खामोशी सी छा गई है। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होने की अंतिम घड़ी टिकटिक करते हुए आगे बढ़ रही है। मतदाता पूरी तरह मौन अख्तियार किए हुए है।
नगर पालिक निगम के महापौर प्रत्याशी को लेकर शहर में मुख्य रूप से कांग्रेस भाजपा के अलावा एक निर्दलीय उम्मीदवार ही मैदान में रह गए हैं जिनके नाम की चर्चा है। भाजपा प्रत्याशी जीवर्धन चौहान, कांग्रेस प्रत्याशी जानकी काटजू और तीसरे में निर्दलीय उम्मीदवार जेठूराम मनहर के नाम पर ही माहौल बना हुआ। तीसरे मोर्चे की कहानी का कहीं कोई चर्चा में ही नहीं है।
वार्ड क्रमांक 19 एक ऐसा वार्ड है जहां पर महापौर प्रत्याशी के बाद चर्चा होने वाला वार्ड यही है। वार्ड क्रमांक 19 की कांग्रेस प्रत्याशी और भाजपा प्रत्याशी के जीत हार को लेकर सर्वाधिक चर्चा है। लोग महापौर के बाद अगर किसी की चर्चा कर रहे हैं तो वह वार्ड क्रमांक 19 है।
रायगढ़ के इस चुनाव में सीधे तौर पर ओपी चौधरी ही मुख्य चेहरा है। भाजपा के लिए यह चुनाव पूरी तरह से ओपी चौधरी के चेहरे पर लड़ा जा रहा है। कांग्रेस के पास ऐसा कोई बड़ा चेहरा नहीं है सिवाय प्रभारी उमेश पटेल के, शहर कांग्रेस में ऐसा कोई कांग्रेसी चेहरा नहीं है जिसके दम पर कांग्रेस उसकी अगुवाई में जिम्मेदारी लेते हुए आगे बढ़े। भाजपा में रायगढ़ विधायक, वित्त मंत्री ओपी चौधरी स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं और वर्तमान में एक बड़े और प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे हैं। चूंकि रायगढ़ से विधायक है इस लिहाज से नगरीय निकाय चुनाव एक तरह से ओपी चौधरी के इर्दगिर्द ही घूमती नजर आ रही है।
यहां पर कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुख्य चुनावी मुकाबला रह गया है। तीसरे मोर्चे के रूप बहुत दम खम से चुनावी मैदान में उतरने वाले आशीर्वाद पैनल पूरी तरह से दम तोड़ती हुई दिखाई दे रही है। इनसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार जेठूराम मनहर चर्चा में हैं।