
निर्दलीय प्रत्याशी ने उड़ाई कांग्रेस और भाजपा की नींद…लेकिन कांग्रेस को नुकसान ज्यादा..? कांग्रेस ने रैली निकाल मतदाओं को लुभाने की कोशिश.. भीतरघातियों का खतरा…
अनूप बड़ेरिया
कोरिया जिला की पटना नगर पंचायत चुनाव की वोटिंग के लिए अब केवल महज दो दिन ही शेष है। ऐसे में दोनों राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा के साथ निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपनी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस से जहां श्रद्धा प्रकाश पांडेय उम्मीदवार हैं तो वहीं भाजपा ने पूर्व सरपंच गायत्री सिंह पर दांव खेला है। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रैशुन कुरैशी पिंटू और पिंकी अखिलेश गुप्ता भी अपनी नुख्ता आजमाइश में लगे है।
जिसमे रैशुन कुरैशी पिंटू जो पूर्व विधायक अम्बिका सिंह देव के करीबी व अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कांग्रेस जिलाध्यक्ष रियाज कुरैशी की पत्नी मुस्लिम वोटरों के माध्यम से पूरी ताकत के साथ मैदान में नजर आ रही हैं। मुस्लिम समुदाय का वोट कांग्रेस का परम्परागत वोट रहा है, ऐसे में रैशुन कुरैशी पिंटू के निर्दलीय चुनाव में उतरने के बाद कांग्रेस को अच्छा खासा नुकसान होता नजर आ रहा है। वहीं इसका सीधा लाभ भाजपा प्रत्याशी को मिलते दिख रहा है। हालांकि 3 पंच वर्षीय पति देवेंद्र सिंह और पत्नी के रूप में गायत्री सिंह सरपंच के रूप में काम करने की वजह से एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर भी नजर आ रहा है। लेकिन रैशुन कुरैशी पिंटू के कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी से इसकी भरपाई होती नजर आ रही है। निर्दलीय प्रत्याशी के पिंकी अखिलेश गुप्ता ने भी अपने अनूठे प्रचार से बाकी उम्मीदवारों के नाक में दम कर रखा है।

भाजपा जिलाध्यक्ष घूम रहे डोर टू डोर, संघ का मिला साथ-
भाजपा जिला अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी भी विशेष रणनीति के साथ पटना नगर पंचायत क्षेत्र में डोर टू डोर अपने कार्यकर्ताओं के साथ घूम कर भाजपा प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे हैं। वहीं इस चुनाव में संघ व विहिप का भी भरपूर साथ है।
दोनों राष्ट्रीय दलों में भितरघातियों का खतरा-
पटना नगर पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों दलों को भितरघातियों का सामना भी करना पड़ रहा है। दरअसल पटना नगर पंचायत सीट अनारक्षित महिला के लिए होने के बाद भी भाजपा ने यहां से अजजा वर्ग की महिला को चुनाव में उतारा है। जिसके बाद सामान्य वर्ग के जिन लोगों ने दावेदारी की या चुनाव लड़ने की मंशा बनाई थी, अब वह अपनी नापसंद की वजह से भाजपा प्रत्याशी को हराने की जगत में लगे हुए हैं। यही हाल कांग्रेस में भी है जिन लोगों ने दावेदारी की थी टिकट नहीं मिलने के बाद वह भी कांग्रेस की खटिया खड़ी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
प्रचार के अंतिम दिन रैली-
कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पटना क्षेत्र में रैली निकाली, उम्मीद से कम भीड़ वाली इस रैली में कांग्रेस ने पूरी ताकत दिखाने का प्रयास कर मतदाताओं को लुभाने की हर कोशिश की है। लेकिन कांग्रेस के कई नेताओं का यह कहना रहा कि रैली निकालने की टाइमिंग सही नहीं है, अंतिम दिन अध्यक्ष के साथ पार्षद उम्मीदवारों को डोर टू डोर जाने का टाइम रैली की वजह से नहीं मिल पाएगा। जिसका पार्टी को नुकसान भी हो सकता है।निर्दलीय रैशुन कुरैशी पिंटू ने भी रैली निकाल अपना माहौल दिखाने की कोशिश की।