
लॉक डाउन में बेच रहे थे मिलावटी दूध…ढाई लाख का लगा जुर्माना और डेयरी हुई सील..प्रशासन की बड़ी कार्यवाही…
देश्व्यापी तालाबंदी के दौरान सभी को अपने घरों से निकलने में प्रतिबंधित किया गया था। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति अपने आस-पास मिल रही आवश्यक वस्तुओं से ही संतुष्टि करनी पड़ रही थी। इस बात का फायदा उठा कई व्यापारी वस्तुओं की कमी बता अवमानक सामग्री लोगो को पहुंचा रहे है जिसकी शिकायत जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है थी जबकि जिला प्रशासन ने गुणवत्ता पूर्ण सामग्री की आपूर्ति तालाबंदी के शुरुआत से निर्बाध बनाये रखने की व्यवस्था की है। ऐसे सभी व्यापारी जो गुणवत्ताहीन सामग्री विक्रय में लगे हैं उनके खिलाफ जिला प्रशासन वृहद कार्यवाही के लिए योजना बनाई है। इसी के तहत विगत दिनो ऐसे ही व्यापारियों पर शिकंजा कसने कोंडागांव कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम के मार्गदर्शन में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ने संयुक्त टीम बना कर दुग्ध व्यापारियों के खिलाफ बोरगॉव क्षेत्र में अभियान चलाया। जिसके तहत 4 दुग्ध व्यवसायियों के दुग्ध सैंपल व्यापारियों के समक्ष लिए गए एवं जांच के उपरांत केवल 1 सैंपल ही मानकों पर खरा उतरा जबकि अन्य 3 सैंपल की जांच में अवमानक पाए जाने पर उनके विरुद्ध प्रकरण बना उन्हें एडीएम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां पर जिला दंडाधिकारी ने इसे लोगों के स्वास्थ्य के प्रति घातक मानते हुए इन सभी 3 व्यवसायियों से 90 हजार द्वारा 2 लाख 70 हजार जुर्माना वसूला किया गया। जिसमें विमल पाल डेयरी, शासिम डेयरी और अमूल्य दास डेयरी पश्चिम बोरगांव शामिल थे।
ज्ञात हो कि विगत वर्षों में ऐसे खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा विभिन्न प्रकरणों में अब तक सात लाख 8 हजार जुर्माना वसूल किया गया है जबकि 5 प्रकरण अभी भी न्यायालय में विचाराधीन हैं और कुछ में सैम्पलों के जांच की रिपोर्ट आना अभी शेष है। इस संबंध में कलेक्टर ने व्यापारियों से आग्रह किया कि वे लॉक डाउन में लोगो की सेवा करें ना कि इस अवसरवादिता का सहारा लेकर लोगों को अवमानक सामग्री बेच कर उनके स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता करें।